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− | {मौर्यकाल में भूमिकर, जोकि राज्य की आय का मुख्य स्रोत था, किस अधिकारी द्वारा एकत्रित किया जाता था?
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− | -अग्रोनोमाई
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− | +सीताध्यक्ष
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− | -शुल्काध्यक्ष
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− | -अक्राध्यक्ष
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− | ||[[मौर्यकाल]] में सीताध्यक्ष राजकीय [[कृषि]] विभाग का अध्यक्ष होता था, राजकीय भूमि से राज्य को सर्वाधिक कर प्राप्त होता था।
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− | {गुप्तकाल में [[गुजरात]], [[बंगाल]], दक्कन एवं [[तमिलनाडु|तमिल]] राष्ट्र में स्थित केन्द्र किससे सम्बन्धित थे?
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− | |type="()"}
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− | +वस्त्र उत्पादन
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− | -बहुमूल्य मणि एवं रत्न
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− | -हस्तशिल्प
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− | -अफ़ीम खेती
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− | ||गुप्तकाल में कपड़े का निर्माण करना इस काल का सर्वप्रमुख उद्योग था। अमरकोष में कताई, बुनाई, हथकरघा, धागे इत्यादि का सन्दर्भ आया है। गुप्तकाल में वस्त्र उत्पादन के [[गुजरात]], [[बंगाल]], दक्कन एवं [[तमिलनाडु|तमिल]] राष्ट्र के प्रमुख केन्द्र थे।
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− | {किस शासक के काल में चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन [[कश्मीर]] में हुआ था?
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− | |type="()"}
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− | -[[अशोक]]
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− | -काला अशोक
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− | +[[कनिष्क]]
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− | -[[अजातशत्रु]]
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− | || चतुर्थ बौद्ध संगीति लगभग प्रथम शताब्दी ई. में [[कुषाण वंश]] के शासक [[कनिष्क]] के शासनकाल में [[कश्मीर]] के कुण्डलवन में आयोजित की गयी थी, इस संगीत सभा की अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी। इस सभा में [[बौद्ध धर्म]] दो सम्प्रदायों [[हीनयान]] तथा [[महायान]] में विभाजित हो गया था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कनिष्क]]
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− | {संगमकालीन साहित्य में '''कोन, को एवं मन्नन''' किसके लिए प्रयुक्त होते थे?
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− | |type="()"}
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− | -[[प्रधानमंत्री]]
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− | -सेनाधिकारी
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− | -राजस्व मंत्री
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− | +राजा
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− | {'किताब उल हिन्द' रचना के प्रसिद्ध लेखक का क्या नाम था?
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− | -हसन निज़ामी
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− | -मिन्हाज-उस-सिराज
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− | +अलबरूनी
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− | -शम्स-ए- सिराज आफ़िफ
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− | || 'किताब उल हिन्द' नामक पुस्तक की रचना अलबरूनी ने की थी। अलबरूनी [[अरबी भाषा|अरबी]], [[फारसी भाषा|फारसी]], तुर्की, [[संस्कृत]], गणित, खगोल का प्रमुख जानकर था। उसकी कुल 14 पुस्तकों में 'किताब उल हिन्द' सबसे अधिक लोकप्रिय पुस्तक थी। उसकी इस पुस्तक को दक्षिण एशिया के इतिहास का प्रमुख स्रोत माना जाता है।
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− | {[[अकबर]] काल में भू-राजस्व व्यवस्था की प्रसिद्ध नीति 'आइन-ए दहसाला' पद्धति किसके द्वारा निर्मित की गई थी?
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− | |type="()"}
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− | -शाह नवाज खाँ
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− | +टोडरमल
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− | -[[अब्दुर्रहीम रहीम खानखाना|रहीम]]
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− | -मुल्ला दो प्याजा
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− | ||[[टोडरमल]] [[अकबर]] ने नौ रत्नों में से एक थे तथा अकबर के अर्थमंत्री थे, भू-राजस्व व्यवस्था 'आइन-ए दहसाला' उन्हीं के द्वारा निर्मित की गई थी।
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− | {'अष्ट दिग्गज' किस राजा से सम्बन्धित थे?
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− | |type="()"}
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− | -[[शिवाजी]]
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− | +कृष्णदेव राय
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− | -राजेन्द्र प्रथम
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− | -यशोवर्मन
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− | ||विवरण कृष्णदेव राय शासनकाल 'तेलुगू साहित्य का क्लासिकी युग' माना जाता है।उसके दरबार को तेलगू के आठ महान विद्वान एवं कवि (जिन्हें अष्ट दिग्गज़ कहा जाता है) सुशोभित करते थे। अत: उसे आन्ध्र भोज भी कहा जाता है।
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− | {19वीं सदी के महानतम पारसी समाज सुधारक थे?
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− | |type="()"}
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− | -सर जमशेदजी
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− | -सर रूस्तम बहरामजी
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− | -नवलजी टाटा
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− | +बहरामजी एम.मल्लबारी
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− | ||विवरण 19वीं शताब्दी के पारसी सुधारक बहरामजी एम.मल्लबारी थे इन्होंने 1885 में सेवासदन नामक सामाजिक सुधार तथा मानवतावादी संगठन की स्थापना की थी।
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− | {[[भारत]] में प्रथम तीन विश्वविद्यालय ([[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[बम्बई]]) की स्थापना किस वर्ष में हुई?
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− | +1857 में
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− | -1881 में
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− | -1885 में
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− | -1904 में
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− | ||विवरण चार्ल्स वुड के पत्र की सभी सिफारिशें लागू कर दी गई। पुरानी शिक्षा परिषद् और लोक शिक्षा समिति के स्थान पर 1855 में लोक शिक्षा विभाग स्थापित कर दिया गया। तीनों विश्वविद्यालय ([[कलकत्ता]], [[मद्रास]], [[बम्बई]]) 1857 में अस्तित्व में आए?
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− | {भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1924 के अधिवेशन में [[महात्मा गाँधी]] द्वारा मात्र एक बार अध्यक्षता की गई। यह अधिवेशन कहाँ हुआ था।
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− | |type="()"}
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− | -गया में
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− | -[[अमृतसर]] में
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− | +बेलगाँव में
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− | -[[कानपुर]] में
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− | ||विवरण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का 39वाँ अधिवेशन, जो 26-27 दिसम्बर, 1924 को बेलगाँव में हुआ था, की अध्यक्षता [[महात्मा गाँधी]] ने की थी।
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− | {हड़प्पा के काल में ताँबे की रथ की खोज हुई थी?
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− | |type="()"}
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− | -कुनाल में
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− | -राखी गढ़ी में
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− | +दैमाबाद में
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− | -बनवाली में
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− | ||विवरण दैमाबाद ([[महाराष्ट्र]]) अहमदनगर ज़िले में [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] की सहायक प्रवरा नदी के तट पर स्थित है। यह सिन्धु सभ्यता का अंतिम दक्षिणी स्थल है। दैमाबाद से ताँबे के रथ का साक्ष्य प्राप्त हुआ है।
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− | {हड़प्पावालों को निम्नलिखित में से किसका ज्ञान नहीं था?
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− | |type="()"}
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− | -कुओं का निर्माण
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− | -खम्भों का निर्माण
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− | -नलियों का निर्माण
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− | +मेहराब का निर्माण
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− | {महावीर की मृत्यु के बाद जैन संघ का मुखिया किसे कहा जाता है?
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− | |type="()"}
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− | -जम्बु
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− | -स्थूलभद्र
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− | -भद्रबाहु
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− | +सुधर्मण
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− | ||विवरण महावीर ने अपने जीवनकाल में ही एक संघ की स्थापना की जिसमें 11 प्रमुख अनुयायी सम्मिलित थे। ये गणधर कहलाए। महावीर के जीवनकाल में ही 10 गणधर की मृत्यु हो गई, महावीर के बाद केवल सुधर्मण जीवित रहा, जो जैन संघ का प्रथम मुखिया या अध्यक्ष बना।
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− | {राजगृही का राजकीय चिकित्सक जीवक को जिसे गणिका के पुत्र के रूप में माना जाता है उसका नाम है?
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− | |type="()"}
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− | +सलावती
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− | -बसंतसेना
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− | -रमनिया
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− | -आम्रपाली
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− | ||विवरण राजगृह का राजकीय चिकित्सक जीवक सलावती नामक गणिका का पुत्र था।
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− | {'दीवान-ए-मुस्तखराज' किसने स्थापित किया था?
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− | |type="()"}
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− | -कुतुबुद्दीन ऐबक
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− | -रजिया
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− | -बलबन
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− | +अलाउद्दीन खिलजी
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− | ||विवरण [[दिल्ली]] सल्तनत का सर्वशक्तिशाली शासक अलाउद्दीन खिलजी ने बकाया करों की वसूली तथा राजस्व एकत्र करने के लिए 'दीवान-ए-मुस्तखराज' नामक विभाग की स्थापना की।
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− | {इतिहासकार अबुल फजल का कत्ल किया था?
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− | |type="()"}
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− | -हेमू ने
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− | -बैरम खाँ ने
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− | -उदय सिंह ने
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− | +वीर सिंह देव बुन्देला ने
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− | ||विवरण सलीम (जहाँगीर) के इशारे पर ओरछा के बुन्देला सरदार वीर सिंह देव ने अबुल फजल की हत्या कर दी थी। अबुल फजल [[अकबर]] द्वारा स्थापित नवीन सम्प्रदाय दीन-ए-इलाही का प्रधान पुरोहित था।
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− | {निम्नलिखित में से किस मुगल बादशाह ने [[राममोहन राय राजा]] को दूत बनाकर लंदन भेजा था?
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− | |type="()"}
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− | -आलमगीर द्वितीय
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− | -शाह आलम द्वितीय
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− | +अकबर द्वितीय
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− | -बहादुरशाह द्वितीय
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− | ||विवरण मुगल बादशाह [[अकबर]] द्वितीय (1806-37) ने राममोहन राय राजा की उपाधि प्रदान की तथा उनसे इंगलैण्ड जाकर बादशाह की पेंशन बढ़ाने की सिफारिश करने का आग्रह किया। इंगलैण्ड में ही 1833 ई. में राममोहन राय राजा की बिस्टल में मृत्यु हो गयी।
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− | {वैज्ञानिक समाज की स्थापना की थी?
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− | |type="()"}
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− | -विल्टन कम्पनी ने
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− | -लॉर्ड कार्नवालिस ने
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− | +सर सैयद अहमद ख़ान ने
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− | -इनमें से कोई नहीं
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− | ||विवरण वैज्ञानिक समाज की स्थापना 1864 में सर सैयद अहमद ख़ान ने की तथा 1875 में [[अलीगढ़]] मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की।
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− | {'भारतीय असंतोष के पिता' के रूप में [[बाल गंगाधर तिलक]] को किसने कहा था?
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− | |type="()"}
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− | -लॉर्ड कर्जन
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− | -विंसेंट स्मिथ
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− | +वेलेंटाइल शिरॉल
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− | -हेनरी कॉटन
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− | ||विवरण वेलेंटाइल शिरॉल ने बाल गंगाधर तिलक को 'भारतीय असंतोष का जनक' कहा।
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− | {[[सुभाषचन्द्र बोस]] से पूर्व आई.एन.ए.का कमाण्डर कौन था?
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− | |type="()"}
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− | -ग्यानी प्रीतम सिंह
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− | +कैप्टन मोहन सिंह
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− | -मेजर फुजीहारा
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− | -कैप्टन सूरज मल
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− | ||विवरण आजाद हिन्द फौज की स्थापना 15 दिसम्बर, 1941 में कैप्टन मोहन सिंह
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− | ने की थी, आजाद हिन्द फौज का नेतृत्व सुभाषचन्द्र बोस को 21 अक्टूबर, 1943 को सौंपा गया।
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− | {कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषण कांस्य और लौहयुग का त्रियुगीय विभाजन किया था?
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− | |type="()"}
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− | +थॉमसन ने
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− | -लुब्बाक ने
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− | -टेलर ने
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− | -चाइल्ड ने
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− | {ऋग्वेद ने निम्नलिखित किन नदियों का उल्लेख [[अफगानिस्तान]] के साथ आर्यों के सम्बन्ध का सूचक है?
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− | |type="()"}
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− | -असिक्नी
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− | -परुष्नी
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− | +कुभा,क्रम
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− | -विपाश्,सुतुद्रि
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− | ||विवरण क्रमु (कुर्रम), कुभा (काबुल आदि आर्यों के कार्यकाल में अफगानिस्तान में बहने वाली नदियाँ है।
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− | {बुद्ध का किसके सिक्कों पर अंकन हुआ है?
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− | |type="()"}
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− | -विम कडफिसस
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− | +कनिष्क
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− | -नहपाण
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− | -बुद्ध गुप्त
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− | ||विवरण कनिष्क का कार्यकाल 78 ई. के लगभग माना जाता है। 78 ई. में उसने एक संवत चलाया जो शक संवत् कहलाता है। इसी के सिक्कों पर बुद्ध का अंकन मिलता है।
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− | {आबू का जैन मन्दिर किससे बना है?
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− | |type="()"}
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− | -बलुए पत्थर से
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− | -ग्रेनाइट से
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− | -चूना पत्थर से
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− | +संगमरमर से
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− | ||विवरण चन्दवरदाई राजपूतों की उत्पत्ति स्थल आबू को ही मानते हैं। माउण्ट आबू के पास ही प्रसिद्ध देलवाड़ा के जैन मन्दिर हैं। आबू के जैन मन्दिर संगमरमर से बने हुए हैं। यहाँ देवताओं के नाखूनों से खोदी गई 'नक्की झील' है।
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− | {यापनीय किसका एक सम्प्रदाय था?
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− | |type="()"}
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− | -बौद्ध धर्म का
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− | +जैन धर्म का
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− | -शैव धर्म का
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− | -वैष्णव धर्म का
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− | </quiz>
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