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*क्रिकेट की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) (Indian Premier League / IPL) की शुरुआत एक अहम मोड़ थी। इंडियन प्रीमियर लीग जिसे DLF इंडियन प्रीमियर लीग के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई / BCCI) ने धूम-धड़ाके से आईपीएल को 14 सितंबर 2007 को शुरुआत की। जिस ट्वेन्टी-20 मुक़ाबले का भारतीय बोर्ड शुरू से ही विरोध करता था, उसकी पहले तो पैरवी और फिर आईपीएल जैसी बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन ये साबित करने के लिए काफ़ी था कि अब ट्वेन्टी-20 मुक़ाबलों को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
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इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League / IPL) जिसे संछिप्त में आईपीएल के नाम से भी जाना जाता है, बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) द्वारा संचालित [[ट्वेंटी 20 क्रिकेट|ट्वेंटी-20 क्रिकेट]] प्रतियोगिता है।
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==शुरुआत==
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[[क्रिकेट]] की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत एक अहम मोड़ थी। इंडियन प्रीमियर लीग जिसे DLF इंडियन प्रीमियर लीग के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई / BCCI) ने धूम-धड़ाके से आईपीएल को [[14 सितंबर]] 2007 को शुरुआत की। ट्वेन्टी-20 के प्रति भारतीय क्रिकेट बोर्ड का प्रेम उस समय जगा जब भारत ने 2007 में ट्वेन्टी-20 विश्व कप में ख़िताबी जीत हासिल की। डगर कठिन थी लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सेना ने हार न मानी और टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में टीम को जीत दिलाई। हर जीत की तरह इस जीत के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। [[भारत]] में वैसे भी क्रिकेट का एक अलग मुकाम है और इस जीत के बाद यहां भी टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। फिर तो क्रिकेट की आर्थिक महाशक्ति इसका अर्थशास्त्र भी समझने लगी। बीसीसीआई ने इस लोकप्रियता को व्यर्थ न जाने दिया और शुरुआत हुई आईपीएल ( इंडियन प्रीमियम लीग ) की। जिसमे बीसीसीआई ने अन्य देशों की ट्वेन्टी-20 प्रतियोगिता की चैम्पियन टीमों को दावत दी।
  
*ट्वेन्टी-20 के प्रति भारतीय क्रिकेट बोर्ड का प्रेम उस समय जगा जब भारत ने 2007 में ट्वेन्टी-20 विश्व कप में ख़िताबी जीत हासिल की। डगर कठिन थी लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सेना ने हार न मानी और टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में टीम को जीत दिलाई। हर जीत की तरह इस जीत के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। हमारे देश में वैसे भी क्रिकेट का एक अलग मुकाम है और इस जीत के बाद यहां भी टी20 क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। फिर तो क्रिकेट की आर्थिक महाशक्ति इसका अर्थशास्त्र भी समझने लगी। बीसीसीआई ने इस लोकप्रियता को व्यर्थ न जाने दिया और शुरुआत हुई आईपीएल ( इंडियन प्रीमियम लीग ) की। जिसमे बीसीसीआई ने अन्य देशों की ट्वेन्टी-20 प्रतियोगिता की चैम्पियन टीमों को दावत दी।
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आईपीएल समिति का अध्‍यक्ष [[ललित मोदी]] को बनाया गया जिन्‍होंने आईपीएल की सफलता को शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्‍होंने 1996 में बीसीसीआई के सामने अपने इस विचार को रखा था लेकिन घरेलू क्रिकेट को देखते हुए बोर्ड ने इसे लागू करने से मना कर दिया। लेकिन 'जी ग्रुप' द्वारा अप्रैल 2007 में आईसीएल के नाम से इसी तरह की एक लीग की शुरुआत करने के बाद आईपीएल जल्‍दी से लांच किया गया। आईपीएल ज़ी-समूह के इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल),  यूरोप में क्लब फ़ुटबॉल की प्रतियोगिता चैम्पियंस लीग और नेशनल बॉस्‍केटबॉल लीग को ध्‍यान में रखकर शुरू की गई।  
 
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==नीलामी==
*इसका अध्‍यक्ष ललित मोदी को बनाया गया जिन्‍होंने आईपीएल की सफलता को शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्‍होंने 1996 में बीसीसीआई के सामने अपने इस विचार को रखा था लेकिन घरेलू क्रिकेट को देखते हुए बोर्ड ने इसे लागू करने से मना कर दिया। लेकिन 'जी ग्रुप' द्वारा अप्रैल 2007 में आईसीएल के नाम से इसी तरह की एक लीग की शुरुआत करने के बाद आईपीएल जल्‍दी से लांच किया गया। आईपीएल ज़ी-समूह के इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल),  यूरोप में क्लब फ़ुटबॉल की प्रतियोगिता चैम्पियंस लीग और नेशनल बॉस्‍केटबॉल लीग को ध्‍यान में रखकर शुरू की गई। अगर आईसीएल नहीं होती, तो शायद बोर्ड आईपीएल लाने से पहले कुछ सोचता, योजना बनाता, सलाह-मशविरा करता। लेकिन बोर्ड के आका ये समझ गए थे कि अगर देर हुई तो ट्वेन्टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता कहीं आईसीएल को क्रिकेट की दुनिया में स्थापित ही न कर दे, जिस पर बोर्ड ने पाबंदी लगा रखी है।
 
 
 
*तो फिर फटाफट क्रिकेट के लिए आयोजन भी फटाफट हुआ। युद्धस्तर पर काम हुआ। टीमें बनीं, टीमों की बोली लगी और फिर खिलाड़ी भी नीलाम हुए।
 
 
 
*आईपीएल की शुरुआत में सबसे पहला क़दम टीम बनाने का था। इसके लिए आठ टीमों पर बोली लगाई गई जिसे आठ अलग-अलग फ्रेंचाइजी ने ख़रीदा।
 
 
[[चित्र:ipl team logos.jpg|इंडियन प्रीमियर लीग में टीमों का प्रतीक चिन्ह (लोगो)|thumb|350px]]
 
[[चित्र:ipl team logos.jpg|इंडियन प्रीमियर लीग में टीमों का प्रतीक चिन्ह (लोगो)|thumb|350px]]
*यह टीमें थीं ---  1. चेन्नई सुपर किंग्स  2. डेक्कन चार्जर्स 3. कोलकाता नाइट राइडर्स 4. मुंबई इंडियंस 5. किंग्स इलेवन पंजाब  6. देलही डेयर डेविल्स 7. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू  8. राजस्थान रॉयल्स
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तो फिर फटाफट क्रिकेट के लिए आयोजन भी फटाफट हुआ। युद्धस्तर पर काम हुआ। टीमें बनीं, टीमों की बोली लगी और फिर खिलाड़ी भी नीलाम हुए। आईपीएल की शुरुआत में सबसे पहला क़दम टीम बनाने का था। इसके लिए आठ टीमों पर बोली लगाई गई जिसे आठ अलग-अलग फ्रेंचाइजी ने ख़रीदा।
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====आठ टीमें====
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# [[चेन्नई सुपर किंग्स]]  
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# [[डेक्कन चार्जर्स]]
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# [[कोलकाता नाइट राइडर्स]]
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# [[मुंबई इंडियंस]]
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# [[किंग्स इलेवन पंजाब]]  
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# [[देलही डेयर डेविल्स]]
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# [[रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू]]  
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# [[राजस्थान रॉयल्स]]
  
*इसके बाद शुरू हुआ टीम बनाने का क़दम। जब आईपीएल शुरू हुआ था तब यह तय किया गया था कि तीन साल तक हर टीम में एक–एक आइकन खिलाड़ी होगा। इस आधार पर सचिन तेंदुलकर (मुंबई), सौरभ गांगुली (कोलकाता), राहुल द्रविड़ (बंगलुरु), वीरेंद्र सहवाग (दिल्ली), महेंद्र सिंह धोनी, शेन वार्न, वी.वी.एस लक्ष्मण और युवराज सिंह को विभिन्न टीमों का आइकन खिलाड़ी चुना गया। इसके बाद हुई खिलाड़ियों की नीलामी।
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* वर्ष 2011 में दो नई टीमें कोच्चि टस्कर्स केरल और सहारा पुणे वारियर्स भी बनीं।
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*इसके बाद शुरू हुआ टीम बनाने का सिलसिला। जब आईपीएल शुरू हुआ था तब यह तय किया गया था कि तीन साल तक हर टीम में एक–एक आइकन खिलाड़ी होगा। इस आधार पर [[सचिन तेंदुलकर]] (मुंबई), [[सौरभ गांगुली]] (कोलकाता), [[राहुल द्रविड़]] (बेंगलुरू), [[वीरेंद्र सहवाग]] (दिल्ली), वी.वी.एस लक्ष्मण (डेक्कन चार्जर्स) और युवराज सिंह (किंग्स इलेवन पंजाब) को आइकन खिलाड़ी चुना गया।  
  
*सभी टीमों ने बहुत पैसा खर्च किया और अपनी टीम को मज़बूत बनाने के लिए एक से बढकर एक धुरंधरों की सेना खड़ी की। आईपीएल के नियम के अनुसार इन खिलाड़ियों को तीन सालों के लिए अनुबंधित किया गया।
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====खिलाड़ियों की नीलामी====
 
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सभी टीमों ने बहुत पैसा खर्च किया और अपनी टीम को मज़बूत बनाने के लिए एक से बढकर एक धुरंधरों की सेना खड़ी की। आईपीएल के नियम के अनुसार इन खिलाड़ियों को तीन सालों के लिए अनुबंधित किया गया। आईपीएल के बाज़ार में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी बिकने को तैयार थे। क्या रिकी पोंटिंग, क्या शोएब मलिक, क्या मैथ्यू हेडन और क्या एंड्रयू साइमंड्स। इन सब खिलाड़ियों की बोली लगी, लेकिन बाज़ी मारी भारतीय टीम के कप्तान [[महेंद्र सिंह धोनी]] ने। चेन्नई सुपरकिंग्स ने धोनी को सबसे ज़्यादा छह करोड़ में ख़रीदा। दूसरे स्थान पर रहे एंड्रयू साइमंड्स।  टीम ख़रीदने वालों में भी सितारों का ताँता लगा। [[शाहरुख़ ख़ान|शाहरुख़]] को कोलकाता की टीम मिली तो [[प्रीति ज़िंटा]] ने पंजाब की टीम को ख़रीदा। [[मुकेश अंबानी]] के हिस्से में मुंबई की टीम आई, तो विजय माल्या ने बंगलौर की टीम पर दाँव लगाया।  
*आईपीएल के बाज़ार में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी बिकने को तैयार थे। क्या रिकी पोंटिंग, क्या शोएब मलिक, क्या मैथ्यू हेडन और क्या एंड्रयू साइमंड्स। इन सब खिलाड़ियों की बोली लगी, लेकिन बाज़ी मारी भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने। चेन्नई सुपरकिंग्स ने धोनी को सबसे ज़्यादा छह करोड़ में ख़रीदा। दूसरे स्थान पर रहे एंड्रयू साइमंड्स।   
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==आयोजन==
 
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टीम और खिलाड़ियों की ख़रीदारी के बाद सारा ध्यान आयोजन पर टिका था। मीडिया, मार्केटिंग, टीवी राइट्स, प्रायोजक और विज्ञापन। लगा जैसे भारत में क्रिकेट की आँधी चलने लगी हो। आईपीएल शुरू हुआ। मैच हुए और खिलाड़ियों के विस्फोटक प्रदर्शन भी हुए। इंडियन प्रीमियम लीग भारत और भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने के साथ साथ एक ऐसा काम भी कर रहा है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल साबित होगा।  
*टीम ख़रीदने वालों में भी सितारों का ताँता लगा। शाहरुख़ को कोलकाता की टीम मिली तो प्रीति ज़िंटा ने पंजाब की टीम को ख़रीदा। मुकेश अंबानी के हिस्से में मुंबई की टीम आई, तो विजय माल्या ने बंगलौर की टीम पर दाँव लगाया।
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==खेल भावना==
 
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देशी-विदेशी खिलाड़ियों का एक टीम में एक साथ खेलना, एक साथ रहना, खाना-पीना, जीत के लिए मिलकर रणनीति बनाना और वो भी नस्लभेद, रंगभेद, उंच- नीच, जात-पात जैसी कुरीतियों से दूर। भले ही आईपीएल बाज़ार की पैदाईश हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ये भारत को एक नया मुकाम दिला रहा है। ये आईपीएल ही है जिसे [[अमेरिका]], ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है। ये दुनिया के सबसे महंगे खेल फुटबॉल को भी पीछे छोड़ने लगा है। भारत के ही नहीं, विदेशी अख़बारों में भी आईपीएल बराबर जगह पा रहा है। बाहरी खिलाड़ी यहां के लोगों के क़रीब आ रहे हैं। कहीं ना कहीं आईपीएल वो काम भी कर रहा है जिसका तसव्‍बुर इसे शुरू करते वक़्त नहीं किया गया होगा। ये आईपीएल का ही कमाल है कि जो खिलाड़ी पहले मैदान पर प्रतिद्वंद्वी बन कर उतरते थे, वो आज एक साथ जीत के लिए खेल रहे हैं। क्या कभी किसी सोचा होगा कि धोनी छक्का लगाकर मैच जिताएगें और पवेलियन से श्रीलंकाई फिरकी गेंदबाज़ मुरलीधरन उछलते कूदते धोनी को बधाई देने के लिए इस कदर भागेगें। ऐसे उदाहरण तमाम हैं। इससे उम्मीद की जा सकती कि जब विदेशी खिलाड़ी स्वदेश लौटेंगे, तो अपने देश के लोगों से मुख़ातिब होते हुए ये बताएगें कि हमें हिन्दुस्तानियों से काफ़ी प्यार मिला। वहां हमारे कई सारे फैन हैं और कई नए दोस्त भी बने हैं, तो क्या इससे कुछ हद तक ये नस्लवाद की समस्या दूर नहीं होगी। खेल तो शुरू से ही मेल करता आया है और कराता रहेगा, चाहे वो कितना ही बाज़ारवाद में डूब क्यों ना जाए।
*टीम और खिलाड़ियों की ख़रीदारी के बाद सारा ध्यान आयोजन पर टिका था। मीडिया, मार्केटिंग, टीवी राइट्स, प्रायोजक और विज्ञापन। लगा जैसे भारत में क्रिकेट की आँधी चलने लगी हो। आईपीएल शुरू हुआ। मैच हुए और खिलाड़ियों के विस्फोटक प्रदर्शन भी हुए।
 
 
 
*प्रतियोगिता के बाद आईपीएल के चेयरमैन ने दावा किया कि कुल मिलाकर बोर्ड और टीमों के मालिकों को ख़ूब लाभ हुआ और खिलाड़ी तो पहले से ही मालामाल थे।
 
 
 
*इंडियन प्रीमियम लीग भारत और भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने के साथ साथ एक ऐसा काम भी कर रहा है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल साबित होगा। देशी-विदेशी खिलाड़ियों का एक टीम में एक साथ खेलना, एक साथ रहना, खाना-पीना, जीत के लिए मिलकर रणनीति बनाना और वो भी नस्लभेद, रंगभेद, उंच- नीच, जात-पात जैसी कुरीतियों से दूर। भले ही आईपीएल बाज़ार की पैदाईश हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ये भारत को एक नया मुकाम दिला रहा है। ये आईपीएल ही है जिसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे तमामतर विकसित देशों के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है। ये दुनिया के सबसे महंगे खेल फुटबॉल को भी पीछे छोड़ने लगा है। भारत के ही नहीं, विदेशी अख़बारों में भी आईपीएल बराबर जगह पा रहा है। बाहरी खिलाड़ी यहां के लोगों के क़रीब आ रहे हैं। कहीं ना कहीं आई पी एल वो काम भी कर रहा है जिसका तसव्‍बुर इसे शुरू करते वक़्त नहीं किया गया होगा। ये आई पी एल का ही कमाल है कि जो खिलाड़ी पहले मैदान पर प्रतिद्वंद्वी बन कर उतरते थे, वो आज एक साथ जीत के लिए खेल रहे हैं। क्या कभी किसी सोचा होगा कि धोनी छक्का लगाकर मैच जिताएगें और पवेलियन से श्रीलंकाई फिरकी गेंदबाज़ मुरलीधरन उछलते कूदते धोनी को बधाई देने के लिए इस कदर भागेगें। ऐसे उदाहरण तमाम हैं। इससे उम्मीद की जा सकती कि जब विदेशी खिलाड़ी स्वदेश लौटेंगे, तो अपने देश के लोगों से मुख़ातिब होते हुए ये बताएगें कि हमें हिन्दुस्तानियों से काफ़ी प्यार मिला। वहां हमारे कई सारे फैन हैं और कई नए दोस्त भी बने हैं, तो क्या इससे कुछ हद तक ये नस्लवाद की समस्या दूर नहीं होगी। खेल तो शुरू से ही मेल करता आया है और कराता रहेगा, चाहे वो कितना ही बाज़ारवाद में डूब क्यों ना जाए।
 
  
 
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| [[इंडियन प्रीमियर लीग 2008]]
 
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| डीवाई  पाटिल स्‍टेडियम, नवी मुंबई
 
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| राजस्‍थान रॉयल्‍स,  164 / 7 (20 ओवर)
 
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| डीवाई पाटिल स्‍टेडियम, नवी मुंबई
 
| चेन्‍नई सुपर किंग्‍स 168 / 5 (20 ओवर)  
 
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| चेन्‍नई सुपर किंग्‍स,  205/5 (20 ओवर)
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| रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 147/8 (20 ओवर)
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| 58 रन से जीता
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| क्रिस गेल (608 रन)
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==इंडियन प्रीमियर लीग का रिकार्ड==
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==इंडियन प्रीमियर लीग में शतक==
 
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|+ इंडियन प्रीमियर लीग में शतक लगाने का रिकार्ड
 
|+ इंडियन प्रीमियर लीग में शतक लगाने का रिकार्ड
 
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| ईडन गार्डेन स्टेडियम
 
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| किंग्‍स इलेवन पंजाब
 
| किंग्‍स इलेवन पंजाब

13:05, 29 सितम्बर 2011 का अवतरण

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इंडियन प्रीमियर लीग का प्रतीक चिन्ह

इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League / IPL) जिसे संछिप्त में आईपीएल के नाम से भी जाना जाता है, बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) द्वारा संचालित ट्वेंटी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता है।

शुरुआत

क्रिकेट की दुनिया में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत एक अहम मोड़ थी। इंडियन प्रीमियर लीग जिसे DLF इंडियन प्रीमियर लीग के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई / BCCI) ने धूम-धड़ाके से आईपीएल को 14 सितंबर 2007 को शुरुआत की। ट्वेन्टी-20 के प्रति भारतीय क्रिकेट बोर्ड का प्रेम उस समय जगा जब भारत ने 2007 में ट्वेन्टी-20 विश्व कप में ख़िताबी जीत हासिल की। डगर कठिन थी लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की सेना ने हार न मानी और टी20 क्रिकेट वर्ल्ड कप के पहले संस्करण में टीम को जीत दिलाई। हर जीत की तरह इस जीत के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। भारत में वैसे भी क्रिकेट का एक अलग मुकाम है और इस जीत के बाद यहां भी टी-20 क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने लगी। फिर तो क्रिकेट की आर्थिक महाशक्ति इसका अर्थशास्त्र भी समझने लगी। बीसीसीआई ने इस लोकप्रियता को व्यर्थ न जाने दिया और शुरुआत हुई आईपीएल ( इंडियन प्रीमियम लीग ) की। जिसमे बीसीसीआई ने अन्य देशों की ट्वेन्टी-20 प्रतियोगिता की चैम्पियन टीमों को दावत दी।

आईपीएल समिति का अध्‍यक्ष ललित मोदी को बनाया गया जिन्‍होंने आईपीएल की सफलता को शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि उन्‍होंने 1996 में बीसीसीआई के सामने अपने इस विचार को रखा था लेकिन घरेलू क्रिकेट को देखते हुए बोर्ड ने इसे लागू करने से मना कर दिया। लेकिन 'जी ग्रुप' द्वारा अप्रैल 2007 में आईसीएल के नाम से इसी तरह की एक लीग की शुरुआत करने के बाद आईपीएल जल्‍दी से लांच किया गया। आईपीएल ज़ी-समूह के इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल), यूरोप में क्लब फ़ुटबॉल की प्रतियोगिता चैम्पियंस लीग और नेशनल बॉस्‍केटबॉल लीग को ध्‍यान में रखकर शुरू की गई।

नीलामी

इंडियन प्रीमियर लीग में टीमों का प्रतीक चिन्ह (लोगो)

तो फिर फटाफट क्रिकेट के लिए आयोजन भी फटाफट हुआ। युद्धस्तर पर काम हुआ। टीमें बनीं, टीमों की बोली लगी और फिर खिलाड़ी भी नीलाम हुए। आईपीएल की शुरुआत में सबसे पहला क़दम टीम बनाने का था। इसके लिए आठ टीमों पर बोली लगाई गई जिसे आठ अलग-अलग फ्रेंचाइजी ने ख़रीदा।

आठ टीमें

  1. चेन्नई सुपर किंग्स
  2. डेक्कन चार्जर्स
  3. कोलकाता नाइट राइडर्स
  4. मुंबई इंडियंस
  5. किंग्स इलेवन पंजाब
  6. देलही डेयर डेविल्स
  7. रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू
  8. राजस्थान रॉयल्स
  • वर्ष 2011 में दो नई टीमें कोच्चि टस्कर्स केरल और सहारा पुणे वारियर्स भी बनीं।
  • इसके बाद शुरू हुआ टीम बनाने का सिलसिला। जब आईपीएल शुरू हुआ था तब यह तय किया गया था कि तीन साल तक हर टीम में एक–एक आइकन खिलाड़ी होगा। इस आधार पर सचिन तेंदुलकर (मुंबई), सौरभ गांगुली (कोलकाता), राहुल द्रविड़ (बेंगलुरू), वीरेंद्र सहवाग (दिल्ली), वी.वी.एस लक्ष्मण (डेक्कन चार्जर्स) और युवराज सिंह (किंग्स इलेवन पंजाब) को आइकन खिलाड़ी चुना गया।

खिलाड़ियों की नीलामी

सभी टीमों ने बहुत पैसा खर्च किया और अपनी टीम को मज़बूत बनाने के लिए एक से बढकर एक धुरंधरों की सेना खड़ी की। आईपीएल के नियम के अनुसार इन खिलाड़ियों को तीन सालों के लिए अनुबंधित किया गया। आईपीएल के बाज़ार में दुनिया के शीर्ष खिलाड़ी बिकने को तैयार थे। क्या रिकी पोंटिंग, क्या शोएब मलिक, क्या मैथ्यू हेडन और क्या एंड्रयू साइमंड्स। इन सब खिलाड़ियों की बोली लगी, लेकिन बाज़ी मारी भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने। चेन्नई सुपरकिंग्स ने धोनी को सबसे ज़्यादा छह करोड़ में ख़रीदा। दूसरे स्थान पर रहे एंड्रयू साइमंड्स। टीम ख़रीदने वालों में भी सितारों का ताँता लगा। शाहरुख़ को कोलकाता की टीम मिली तो प्रीति ज़िंटा ने पंजाब की टीम को ख़रीदा। मुकेश अंबानी के हिस्से में मुंबई की टीम आई, तो विजय माल्या ने बंगलौर की टीम पर दाँव लगाया।

आयोजन

टीम और खिलाड़ियों की ख़रीदारी के बाद सारा ध्यान आयोजन पर टिका था। मीडिया, मार्केटिंग, टीवी राइट्स, प्रायोजक और विज्ञापन। लगा जैसे भारत में क्रिकेट की आँधी चलने लगी हो। आईपीएल शुरू हुआ। मैच हुए और खिलाड़ियों के विस्फोटक प्रदर्शन भी हुए। इंडियन प्रीमियम लीग भारत और भारतीय क्रिकेट को नई पहचान देने के साथ साथ एक ऐसा काम भी कर रहा है, जो दुनिया के लिए एक मिसाल साबित होगा।

खेल भावना

देशी-विदेशी खिलाड़ियों का एक टीम में एक साथ खेलना, एक साथ रहना, खाना-पीना, जीत के लिए मिलकर रणनीति बनाना और वो भी नस्लभेद, रंगभेद, उंच- नीच, जात-पात जैसी कुरीतियों से दूर। भले ही आईपीएल बाज़ार की पैदाईश हो, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि ये भारत को एक नया मुकाम दिला रहा है। ये आईपीएल ही है जिसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों के सिनेमाघरों में दिखाया जा रहा है। ये दुनिया के सबसे महंगे खेल फुटबॉल को भी पीछे छोड़ने लगा है। भारत के ही नहीं, विदेशी अख़बारों में भी आईपीएल बराबर जगह पा रहा है। बाहरी खिलाड़ी यहां के लोगों के क़रीब आ रहे हैं। कहीं ना कहीं आईपीएल वो काम भी कर रहा है जिसका तसव्‍बुर इसे शुरू करते वक़्त नहीं किया गया होगा। ये आईपीएल का ही कमाल है कि जो खिलाड़ी पहले मैदान पर प्रतिद्वंद्वी बन कर उतरते थे, वो आज एक साथ जीत के लिए खेल रहे हैं। क्या कभी किसी सोचा होगा कि धोनी छक्का लगाकर मैच जिताएगें और पवेलियन से श्रीलंकाई फिरकी गेंदबाज़ मुरलीधरन उछलते कूदते धोनी को बधाई देने के लिए इस कदर भागेगें। ऐसे उदाहरण तमाम हैं। इससे उम्मीद की जा सकती कि जब विदेशी खिलाड़ी स्वदेश लौटेंगे, तो अपने देश के लोगों से मुख़ातिब होते हुए ये बताएगें कि हमें हिन्दुस्तानियों से काफ़ी प्यार मिला। वहां हमारे कई सारे फैन हैं और कई नए दोस्त भी बने हैं, तो क्या इससे कुछ हद तक ये नस्लवाद की समस्या दूर नहीं होगी। खेल तो शुरू से ही मेल करता आया है और कराता रहेगा, चाहे वो कितना ही बाज़ारवाद में डूब क्यों ना जाए।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)
वर्ष आयोजन स्थल विजेता / स्कोर उपविजेता / स्कोर जीत का अन्तर मैन ऑफ द सीरीज
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 डीवाई पाटिल स्‍टेडियम, नवी मुंबई राजस्‍थान रॉयल्‍स, 164 / 7 (20 ओवर) चेन्‍नई सुपर किंग्‍स, 163 / 5 (20 ओवर) 3 विकेट से जीता शेन वॉटसन (472 रन और 17 विकेट)
इंडियन प्रीमियर लीग 2009 न्‍यू वंडर्स स्‍टेडियम, जोहांसबर्ग डक्‍कन चार्जर्स, 143 / 6 (20 ओवर) रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 137 / 9 (20 ओवर) 6 रन से जीता एडम गिलक्रिस्‍ट (495 रन और 18 आउट)
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 डीवाई पाटिल स्‍टेडियम, नवी मुंबई चेन्‍नई सुपर किंग्‍स 168 / 5 (20 ओवर) मुंबई इंडियंस 146 / 9 (20 ओवर) के बीच 22 रन से जीता सचिन तेंदुलकर (618 रन)
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 चिदम्बरम स्टेडियम, चेन्नई चेन्‍नई सुपर किंग्‍स, 205/5 (20 ओवर) रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर, 147/8 (20 ओवर) 58 रन से जीता क्रिस गेल (608 रन)

इंडियन प्रीमियर लीग में शतक

इंडियन प्रीमियर लीग में शतक लगाने का रिकार्ड
वर्ष आयोजन स्थल खिलाड़ी का टीम खिलाड़ी का नाम टीम के ख़िलाफ़ रन / गेंद चौक्के / छक्के स्‍ट्राइक रेट
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 मुंबई इंडियंस सचिन तेंदुलकर कोच्चि 100* रन / 66 गेंदों
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 ईडन गार्डेन स्टेडियम रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर क्रिस गेल कोलकाता नाइट राइडर्स 102* रन
इंडियन प्रीमियर लीग 2011 किंग्‍स इलेवन पंजाब पॉल चंद्रशेखर वाल्थटी चेन्नई सुपर किंग्स 120* रन / 63 गेंदों
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 राजस्‍थान रॉयल्‍स यूसुफ पठान मुंबई इंडियंस 100 रन / 37 गेंद 9 / 8 270.27
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 दिल्ली डेयरडेविल्स डेविड वॉर्नर कोलकाता नाइट राइडर्स 107* रन / 69 गेंद 9 / 5 155.07
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 ईडन गार्डंस, कोलकाता किंग्स इलेवन पंजाब माहेला जयवर्धने कोलकाता नाइट राइडर्स 110* रन / 59 गेंद 14 / 3 186.44
इंडियन प्रीमियर लीग 2010 चेन्नई सुपर किंग्स मुरली विजय राजस्‍थान रॉयल्‍स 127 रन / 56 गेंद 8 / 11 226.78
इंडियन प्रीमियर लीग 2009 दिल्ली डेयरडेविल्स अब्राहम डिविलियर्स चेन्नई सुपर किंग्स 105* रन / 54 गेंद 5 / 6 194.44
इंडियन प्रीमियर लीग 2009 रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर मनीष पांडे डेक्कन चार्जर्स 114* रन / 73 गेंद 10 / 4 156.16
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 कोलकाता नाइट राइडर्स ब्रैंडन मैक्लम रॉयल चैंलेंजर्स बैंगलोर 158* रन / 73 गेंद 10 / 13 216.43
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 चेन्‍नई सुपर किंग्‍स माइकल हसी किंग्‍स इलेवन पंजाब 116* रन / 54 गेंद 8 / 9 214.81
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 डक्‍कन चार्जर्स एंड्रयू साइमंडस राजस्‍थान रॉयल्‍स 117* रन / 53 गेंद 11 / 7 220.75
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 डक्‍कन चार्जर्स एडम गिलक्रिस्ट मुंबई इंडियंस 109* रन / 47 गेंद 9 / 10 231.91
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 मुंबई इंडियंस सनत जयसूर्या चेन्‍नई सुपर किंग्‍स 114* रन / 48 गेंद 9 / 11 237.50
इंडियन प्रीमियर लीग 2008 किंग्‍स इलेवन पंजाब शान मार्श राजस्‍थान रॉयल्‍स 115 रन / 69 गेंद 11 / 7 166.66



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