"तण्डुल-कुसुमबलिविकार कला" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
छो (Text replace - " कला " to "कला")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। देव-पूजनादि के अवसर पर तरह-तरह के रंगे हुए [[चावल]], [[जौ]] आदि वस्तुओ तथा रंगबिरंगे [[भारत के पुष्प|फूलों]] को विविध प्रकार से सजाने की कला तण्डुल-कुसुमबलिविकार कही जाती है।  
+
[[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक[[प्रांगण:कला|कला]]है। देव-पूजनादि के अवसर पर तरह-तरह के रंगे हुए [[चावल]], [[जौ]] आदि वस्तुओ तथा रंगबिरंगे [[भारत के पुष्प|फूलों]] को विविध प्रकार से सजाने की[[प्रांगण:कला|कला]]तण्डुल-कुसुमबलिविकार कही जाती है।  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति  
 
{{लेख प्रगति  

09:51, 13 अक्टूबर 2011 का अवतरण

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एककलाहै। देव-पूजनादि के अवसर पर तरह-तरह के रंगे हुए चावल, जौ आदि वस्तुओ तथा रंगबिरंगे फूलों को विविध प्रकार से सजाने कीकलातण्डुल-कुसुमबलिविकार कही जाती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख