"सदस्य:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास4" के अवतरणों में अंतर

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{निम्नलिखित में से 'छायावाद' के प्रवर्तक का नाम क्या है?
{छायावाद के प्रवर्तक का नाम है?
 
 
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-[[सुमित्रानंदन पंत]]  
 
-[[सुमित्रानंदन पंत]]  
 
-श्रीधर पाठक  
 
-श्रीधर पाठक  
 
-मुकुटधर पांडेय  
 
-मुकुटधर पांडेय  
+[[जयशंकर प्रसाद]]  
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+[[जयशंकर प्रसाद]]
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||[[चित्र:Jaishankar-Prasad.jpg|right|120px|जयशंकर प्रसाद]]कविता, नाटक, कहानी, उपन्यास-सभी क्षेत्रों में [[जयशंकर प्रसाद]] एक नवीन 'स्कूल' और नवीन 'जीवन-दर्शन' की स्थापना करने में सफल हुये हैं। वे 'छायावाद' के संस्थापकों और उन्नायकों में से एक हैं। वैसे सर्वप्रथम कविता के क्षेत्र में इस नव-अनुभूति के वाहक वही रहे हैं, और प्रथम विरोध भी उन्हीं को सहना पड़ा है। भाषा-शैली और शब्द-विन्यास के निर्माण के लिये जितना संघर्ष प्रसाद जी को करना पङा है, उतना दूसरों को नही।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जयशंकर प्रसाद]]
  
{<poem>बुँदेले हरबोलो के मुँह हमने सुनी कहानी थी।
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{निम्न विकल्पों में से कौन-सा एक [[महाकाव्य]] नहीं है?
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥</poem>
 
प्रस्तुत पक्तियों के रचयिता हैं?
 
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-सत्यनारायण पाण्डेय
 
-[[मैथिलीशरण गुप्त]]
 
+[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]
 
-[[महादेवी वर्मा]]
 
||[[चित्र:Subhadra-Kumari-Chauhan.jpg|सुभद्रा कुमारी चौहान|100px|right]] [[वीर रस]] से ओत प्रोत इन पंक्तियों की रचयिता सुभद्रा कुमारी चौहान को 'राष्ट्रीय वसंत की प्रथम कोकिला' का विरुद दिया गया था। यह वह कविता है जो जन-जन का कंठहार बनी। कविता में [[भाषा]] का ऐसा ऋजु प्रवाह मिलता है कि वह बालकों-किशोरों को सहज ही कंठस्थ हो जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]
 
 
 
{इनमें से कौन-सा [[महाकाव्य]] नहीं है?
 
 
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-[[लोकायतन]]
 
-[[लोकायतन]]
 
-रामदूत
 
-रामदूत
-[[गंगावतरण]]  
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-[[गंगावतरण]]
+[[कुरुक्षेत्र]]
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+कुरुक्षेत्र
||कुरुक्षेत्र ब्राह्मणकाल में वैदिक संस्कृति का केन्द्र था और वहाँ विस्तार के साथ यज्ञ अवश्य सम्पादित होते रहे होंगे। इसी से इसे धर्मक्षेत्र कहा गया और देवों को देवकीर्ति इसी से प्राप्त हुई कि उन्होंने धर्म (यज्ञ, तप आदि) का पालन किया था और कुरुक्षेत्र में सत्रों का सम्पादन किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुरुक्षेत्र]]
 
  
 
{अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?
 
{अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?
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+आठ
 
+आठ
  
{मनोविश्लेषणात्मक शैली के उपन्यासकार हैं?
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{मनोविश्लेषणात्मक शैली के उपन्यासकार कौन हैं?
 
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-[[प्रेमचंद]]
 
-[[प्रेमचंद]]
-रांगेय राघव
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-[[रामधारी सिंह दिनकर]]
 
+[[इलाचन्द्र जोशी]]
 
+[[इलाचन्द्र जोशी]]
-[[वृंदावनलाल वर्मा]]  
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-[[वृंदावनलाल वर्मा]]
||[[चित्र:Ila-Chandra-Joshi.jpg|इलाचन्द्र जोशी|100px|right]] इलाचन्द्र जोशी जी एक उपन्यासकार के रूप में ही अधिक प्रतिष्ठित हैं। उनके कवि, आलोचक या कहानीकार का रूप बहुत खुलकर सामने नहीं आया। इनके उपन्यासों का आधार मनोवैज्ञानिक यथार्थवाद की संज्ञा पाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इलाचन्द्र जोशी]]
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||[[चित्र:Ila-Chandra-Joshi.jpg|इलाचन्द्र जोशी|100px|right]]इलाचन्द्र जोशी का जन्म [[अल्मोड़ा]] में 1903 ई. में हुआ था। [[हिन्दी]] में मनोवैज्ञानिक उपन्यासों का आरम्भ श्री जोशी से ही होता है। जोशी जी ने अधिकांश साहित्यकारों की तरह अपनी साहित्यिक यात्रा काव्य-रचना से ही आरम्भ की। पर्वतीय-जीवन विशेषकर वनस्पतियों से आच्छादित अल्मोड़ा और उसके आस-पास के [[पर्वत]] शिखरों ने और [[हिमालय]] के जलप्रपातों एवं घाटियों ने, [[झील|झीलों]] और नदियों ने इनकी काव्यात्मक संवेदना को सदा जागृत रखा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[इलाचन्द्र जोशी]]
  
 
{[[बिहारी]] निम्नलिखित में से किस काल के कवि थे?
 
{[[बिहारी]] निम्नलिखित में से किस काल के कवि थे?
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-[[भक्तिकाल]]  
 
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+रीतिकाल  
 
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-[[मैथिलीशरण गुप्त]]
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+[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]
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-[[महादेवी वर्मा]]
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||[[चित्र:Subhadra-Kumari-Chauhan.jpg|सुभद्रा कुमारी चौहान|100px|right]]सुभद्रा कुमारी चौहान की श्रेष्ठतम कविताओं में "बुँदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी", बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है। [[वीर रस]] से ओत-प्रोत इन पंक्तियों की रचयिता [[सुभद्रा कुमारी चौहान]] को 'राष्ट्रीय वसंत की प्रथम कोकिला' का विरुद प्रदान किया गया था। यह वह कविता है, जो जन-जन का कंठहार बनी। कविता में [[भाषा]] का ऐसा ऋजु-प्रवाह मिलता है कि वह बालकों-किशोरों को सहज ही कंठस्थ हो जाती हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभद्रा कुमारी चौहान]]
  
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-तत्पुरुष
 
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-द्विगु
  
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+दो  
 
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-पाँच
 
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{'[[विनयपत्रिका]]' के रचयिता का नाम है?
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{'[[विनयपत्रिका]]' के रचयिता का नाम क्या है?
 
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-[[सूरदास]]
 
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-[[कबीरदास]]
 
-[[कबीरदास]]
 
-[[केशवदास]]
 
-[[केशवदास]]
||[[चित्र:Tulsidas.jpg|तुलसीदास|100px|right]] तुलसीदास द्वारा रचित [[ग्रंथ|ग्रंथों]] की संख्या 39 बताई जाती है। इनमें [[रामचरित मानस]], कवितावली, [[विनयपत्रिका]], [[दोहावली]], [[गीतावली]], [[जानकी मंगल]], [[हनुमान चालीसा]], बरवैरामायण आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तुलसीदास]]
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||[[चित्र:Tulsidas.jpg|तुलसीदास|100px|right]][[हिन्दी साहित्य]] के [[आकाश तत्त्व|आकाश]] के परम [[नक्षत्र]] [[गोस्वामी तुलसीदास]] जी [[भक्तिकाल]] की सगुण धारा की रामभक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि है। तुलसीदास एक साथ [[कवि]], [[भक्त]] तथा समाज सुधारक इन तीनो रूपों में मान्य है। तुलसीदास द्वारा रचित [[ग्रंथ|ग्रंथों]] की संख्या 39 बताई जाती है। इनमें [[रामचरित मानस]], [[कवितावली]], [[विनयपत्रिका]], [[दोहावली]], [[गीतावली]], [[जानकी मंगल]], [[हनुमान चालीसा]], बरवैरामायण आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तुलसीदास]]
  
{'दोहाकोश' के रचयिता हैं?
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{प्रथम सूफ़ी प्रेमाख्यानक काव्य के रचयिता कौन हैं?
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-लुइपा
 
+सरहपा
 
-जोइन्दु
 
-कण्हपा
 
 
 
{प्रथम सूफी प्रेमाख्यानक काव्य के रचयिता हैं?
 
 
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-[[नूर मुहम्मद]]
 
-[[नूर मुहम्मद]]
 
-[[जायसी]]
 
-[[जायसी]]
 
+मुल्ला दाऊद
 
+मुल्ला दाऊद
-[[कुतबन]]  
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-[[कुतबन]]
  
{निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द तत्सम है?
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{निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द 'तत्सम' है?
 
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-काज
 
-काज
 
-हाथ
 
-हाथ
 
-काम  
 
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+काल
  
{चौपाई के चारों चरणों में कितनी मात्राएँ होती है?  
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{चौपाई के चारों चरणों में कितनी मात्राएँ होती हैं?  
 
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-तेरह  
 
-तेरह  
 
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-सत्रह  
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-चौदह
 
+सोलह  
 
+सोलह  
  
{'अशोक के फूल' (निबंध-संग्रह) के रचनाकार हैं?
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{'अशोक के फूल' (निबंध-संग्रह) के रचनाकार कौन हैं?
 
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-कुबेरनाथ राय
 
-कुबेरनाथ राय
 
-गुलाब राय
 
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-[[रामचन्द्र शुक्ल]]
 
-[[रामचन्द्र शुक्ल]]
+[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]]  
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+[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]
||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|द्विवेदी|100px|right]] द्विवेदी जी के व्यक्तित्व में विद्वत्ता और सरसता का, पाण्डित्य और विदग्धता का, गम्भीरता और विनोदमयता का, प्राचीनता और नवीनता का जो अदभुत संयोग मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। इन विरोधाभासी तत्वों से निर्मित उनका व्यक्तित्व ही उनके निर्बन्ध निबन्धों में प्रतिफलित हुआ है। अपने निबन्धों में वे बहुत ही सहज ढंग से, अनौपचारिक रूप में, 'नाख़ून क्यों बढ़ते हैं', 'आम फिर बौरा गए', 'अशोक के फूल', 'एक कुत्ता और एक मैना', 'कुटज' आदि की चर्चा करते हैं, जिससे पाठकों का आनुकूल्य प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]]
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||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|द्विवेदी|100px|right]]हज़ारी प्रसाद द्विवेदी के व्यक्तित्व में विद्वत्ता और सरसता का, पाण्डित्य और विदग्धता का, गम्भीरता और विनोदमयता का, जो अदभुत संयोग मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। इन विरोधाभासी तत्वों से निर्मित उनका व्यक्तित्व ही उनके निर्बन्ध निबन्धों में प्रतिफलित हुआ है। अपने निबन्धों में [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] बहुत ही सहज ढंग से अनौपचारिक रूप में, 'नाख़ून क्यों बढ़ते हैं', 'आम फिर बौरा गए', 'अशोक के फूल', 'एक कुत्ता और एक मैना', 'कुटज' आदि की चर्चा करते हैं, जिससे पाठकों का आनुकूल्य प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हजारी प्रसाद द्विवेदी]]
  
{[[हिन्दी साहित्य]] के आधुनिक काल को इस नाम से भी अभिहित किया जाता है?
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13:24, 17 नवम्बर 2011 का अवतरण

हिन्दी

1 निम्नलिखित में से 'छायावाद' के प्रवर्तक का नाम क्या है?

सुमित्रानंदन पंत
श्रीधर पाठक
मुकुटधर पांडेय
जयशंकर प्रसाद

2 निम्न विकल्पों में से कौन-सा एक महाकाव्य नहीं है?

लोकायतन
रामदूत
गंगावतरण
कुरुक्षेत्र

3 अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं?

चार
पाँच
सात
आठ

4 मनोविश्लेषणात्मक शैली के उपन्यासकार कौन हैं?

प्रेमचंद
रामधारी सिंह दिनकर
इलाचन्द्र जोशी
वृंदावनलाल वर्मा

5 बिहारी निम्नलिखित में से किस काल के कवि थे?

वीरगाथा काल
भक्तिकाल
रीतिकाल
आधुनिक काल

6 दोपहर के बाद के समय को क्या कहा जाता है?

पूर्वाह्न
अपराह्न
मध्याह्न
निशीथ

7

'बुँदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी।
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥'

प्रस्तुत उपरोक्त पक्तियों के रचयिता कौन हैं?

अमृता प्रीतम
मैथिलीशरण गुप्त
सुभद्रा कुमारी चौहान
महादेवी वर्मा

8 नीलगाय में कौन-सा समास है?

तत्पुरुष
अव्ययीभाव
कर्मधारय
द्विगु

9 हिन्दी भाषा में कितने वचन होते हैं?

दो
तीन
चार
पाँच

11 प्रथम सूफ़ी प्रेमाख्यानक काव्य के रचयिता कौन हैं?

नूर मुहम्मद
जायसी
मुल्ला दाऊद
कुतबन

12 निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द 'तत्सम' है?

काज
हाथ
काम
काल

13 चौपाई के चारों चरणों में कितनी मात्राएँ होती हैं?

तेरह
सत्रह
चौदह
सोलह

14 'अशोक के फूल' (निबंध-संग्रह) के रचनाकार कौन हैं?

कुबेरनाथ राय
गुलाब राय
रामचन्द्र शुक्ल
हज़ारी प्रसाद द्विवेदी

15 हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल को इस नाम से भी अभिहित किया जाता है-

जीवनी काल
पद्य काल
संस्मरण काल
गद्य काल