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[[भारतकोश सम्पादकीय 31 मार्च 2012|उकसाव का इमोशनल अत्याचार]]
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[[भारतकोश सम्पादकीय 7 अप्रॅल 2012|सत्ता का रंग]]
     "नये क़ैदी की क्या ख़बर है हवलदार ? उसको टॉर्चर किया कि नहीं ?"
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     [[शेरशाह सूरी]] जब [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा तो कहते हैं कि सबसे पहले वह शाही बाग़ के तालाब में अपना चेहरा देखकर यह परखने गया कि उसका माथा बादशाहों जैसा चौड़ा है या नहीं !
"जी सर ! आतंकवादियों को टॉर्चर करने के लिए रूल-बुक में तीन तरीक़े दिए गए हैं। हमने तीनों कर लिए। ऑडर की कंप्लाइंस हो गयी सर, लेकिन उस पर कोई असर नहीं हुआ सर..."   [[भारतकोश सम्पादकीय 31 मार्च 2012|पूरा पढ़ें]]
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जब शेरशाह से पूछा गया "आपके बादशाह बनने पर क्या-क्या किया जाय ?"  
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तब शेरशाह ने कहा "वही किया जाय जो बादशाह बनने पर किया जाता है!" [[भारतकोश सम्पादकीय 7 अप्रॅल 2012|पूरा पढ़ें]]
 
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13:12, 7 अप्रैल 2012 का अवतरण

साप्ताहिक सम्पादकीय-आदित्य चौधरी
Shershah-suri.jpg

सत्ता का रंग
     शेरशाह सूरी जब दिल्ली की गद्दी पर बैठा तो कहते हैं कि सबसे पहले वह शाही बाग़ के तालाब में अपना चेहरा देखकर यह परखने गया कि उसका माथा बादशाहों जैसा चौड़ा है या नहीं !
जब शेरशाह से पूछा गया "आपके बादशाह बनने पर क्या-क्या किया जाय ?"
तब शेरशाह ने कहा "वही किया जाय जो बादशाह बनने पर किया जाता है!" पूरा पढ़ें

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