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[[चित्र:Rahul Sankrityayan.JPG|right|100px|राहुल सांकृत्यायन|link=राहुल सांकृत्यायन|border]]
* [[महादेवी वर्मा]] की गिनती [[हिन्दी]] कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभ [[सुमित्रानन्दन पन्त]], [[जयशंकर प्रसाद]] और [[सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला]] के साथ की जाती है।
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* '''[[राहुल सांकृत्यायन]]''' को [[हिन्दी]] यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए।
* महादेवी वर्मा ने [[खड़ी बोली]] हिन्दी को कोमलता और मधुरता से संसिक्त कर सहज मानवीय संवेदनाओं की अभिव्यक्ति का द्वार खोला, विरह को दीपशिखा का गौरव दिया। 
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* सन् 1930 ई. में [[लंका]] में [[बौद्ध]] होने पर उनका नाम 'राहुल' पड़ा। बौद्ध होने के पूर्व राहुल जी 'दामोदर स्वामी' के नाम से भी पुकारे जाते थे।
* महादेवी वर्मा के गीतों का नाद-सौंदर्य, पैनी उक्तियों की व्यंजना शैली अन्यत्र दुर्लभ है। [[महादेवी वर्मा|... और पढ़ें]]
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* "कमर बाँध लो भावी घुमक्कड़ों, संसार तुम्हारे स्वागत के लिए बेकरार है" -राहुल सांकृत्यायन [[राहुल सांकृत्यायन|... और पढ़ें]]
 
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13:16, 26 अगस्त 2012 का अवतरण

एक व्यक्तित्व
राहुल सांकृत्यायन
  • राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए।
  • सन् 1930 ई. में लंका में बौद्ध होने पर उनका नाम 'राहुल' पड़ा। बौद्ध होने के पूर्व राहुल जी 'दामोदर स्वामी' के नाम से भी पुकारे जाते थे।
  • "कमर बाँध लो भावी घुमक्कड़ों, संसार तुम्हारे स्वागत के लिए बेकरार है" -राहुल सांकृत्यायन ... और पढ़ें

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