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'''नादस्वरम''' [[दक्षिण भारत]] का दोहरा नरसल [[वाद्य यंत्र]], नफ़ीरी और [[शहनाई]] से संबद्ध है। यह फ़ारसी सुर्ना, इस नाम से उत्तर भारत में अब भी ज्ञात, से आया है तथा इसे आमतौर पर जोड़े में बनाया जाता है, जिससे दोहरी शहनाई का आभास होता है। कई बार कई वादक रागात्मक अनुक्रम में बारी-बारी से बजाते है, जिसकी संगत ओट्टू की पार्श्व झंकार करती है, जो स्वयं भी एक तरह का नादस्वरम है, जिसमें सभी या अधिकतर छेद मोम से बंद होते हैं। ज़ोरदार एवं तीक्ष्ण सुर के कारण इस वाद्य यंत्र को आमतौर पर खुले में बजाया जाता है, उदाहरणस्वरूप, शादी, जुलूस, त्योहार तथा अन्य मौक़ो पर, जिनमें आनुष्ठानिक [[संगीत]]-समूह की आवश्यकता हो। नादस्वरम ने दक्षिण भारत के वाद्य-वृंद मंच पर मान्यता प्राप्त कर ली है।  
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* यह फ़ारसी सुर्ना (इस नाम से [[उत्तर भारत]] में अब भी ज्ञात) से आया है तथा इसे आमतौर पर जोड़े में बनाया जाता है, जिससे दोहरी शहनाई का आभास होता है।
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* कई बार कई वादक रागात्मक अनुक्रम में बारी-बारी से बजाते है, जिसकी संगत ओट्टू की पार्श्व झंकार करती है, जो स्वयं भी एक तरह का नादस्वरम है, जिसमें सभी या अधिकतर छेद मोम से बंद होते हैं।  
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* ज़ोरदार एवं तीक्ष्ण सुर के कारण इस वाद्य यंत्र को आमतौर पर खुले में बजाया जाता है, उदाहरणस्वरूप, शादी, जुलूस, त्योहार तथा अन्य मौक़ो पर, जिनमें आनुष्ठानिक [[संगीत]]-समूह की आवश्यकता हो।  
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* नादस्वरम ने दक्षिण भारत के वाद्य-वृंद मंच पर मान्यता प्राप्त कर ली है।  
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14:22, 13 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण

नादस्वरम दक्षिण भारत का दोहरा नरसल वाद्य यंत्र, नफ़ीरी और शहनाई से संबद्ध है।

  • यह फ़ारसी सुर्ना (इस नाम से उत्तर भारत में अब भी ज्ञात) से आया है तथा इसे आमतौर पर जोड़े में बनाया जाता है, जिससे दोहरी शहनाई का आभास होता है।
  • कई बार कई वादक रागात्मक अनुक्रम में बारी-बारी से बजाते है, जिसकी संगत ओट्टू की पार्श्व झंकार करती है, जो स्वयं भी एक तरह का नादस्वरम है, जिसमें सभी या अधिकतर छेद मोम से बंद होते हैं।
  • ज़ोरदार एवं तीक्ष्ण सुर के कारण इस वाद्य यंत्र को आमतौर पर खुले में बजाया जाता है, उदाहरणस्वरूप, शादी, जुलूस, त्योहार तथा अन्य मौक़ो पर, जिनमें आनुष्ठानिक संगीत-समूह की आवश्यकता हो।
  • नादस्वरम ने दक्षिण भारत के वाद्य-वृंद मंच पर मान्यता प्राप्त कर ली है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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