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'''गंगावली''' [[मैसूर]] के [[ऐतिहासिक स्थान|ऐतिहासिक स्थानों]] में से एक है। 'गंगोली' या 'गंगावली' नामक स्थान कुंदापुर-[[गोकर्ण]] मार्ग पर है, जो पांच नदियों के संगम के पास स्थित है। कहा जाता है कि यह संगम प्राचीन 'पंचाप्सरस' है, किंतु अब इसकी तीर्थ-रूप में मन्यता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=264|url=}}</ref>
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07:50, 7 नवम्बर 2012 के समय का अवतरण

गंगावली मैसूर के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। 'गंगोली' या 'गंगावली' नामक स्थान कुंदापुर-गोकर्ण मार्ग पर है, जो पांच नदियों के संगम के पास स्थित है। कहा जाता है कि यह संगम प्राचीन 'पंचाप्सरस' है, किंतु अब इसकी तीर्थ-रूप में मन्यता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 264 |

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