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12:04, 23 जनवरी 2013 का अवतरण
चीवर -रांगेय राघव
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लेखक | रांगेय राघव |
प्रकाशक | राधाकृष्णन प्रकाशन |
प्रकाशन तिथि | 1 जनवरी, 2004 |
ISBN | 81-7119-911-9 |
देश | भारत |
पृष्ठ: | 179 |
भाषा | हिन्दी |
प्रकार | उपन्यास |
चीवर भारत में प्रसिद्धि प्राप्त रांगेय राघव द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह उपन्यास 'राधाकृष्णन प्रकाशन' द्वारा 1 जनवरी, 2004 को प्रकाशित किया गया था। रांगेय राघव का 'चीवर' उपन्यास उनके ऐतिहासिक उपन्यासों में से एक माना जाता है। इस उपन्यास में लेखक ने भारतीय इतिहास के कई महत्त्वपूर्ण बिन्दुओं को दर्शाया है।
- उपन्यासकार रांगेय राघव ने 'सीधा-सादा रास्ता' और 'कब तक पुकारूँ' जैसे समकालीन विषय-वस्तु पर आधारित उपन्यासों के साथ ऐतिहासिक उपन्यासों से भी हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है।
- राघव जी अपनी मार्क्सवादी विश्व-दृष्टि के आधार पर प्रत्येक विषय को अपने ख़ास नज़रिए से चित्रित करते थे।
- 'चीवर' रांगेय राघव के प्रमुखतम ऐतिहासिक उपन्यासों में से एक है। इसमें उन्होंने हर्षवर्धन काल के पतनशील भारतीय सामंतवाद को रेखांकित किया है।
- उपन्यास में ब्राह्मण और बौद्ध मतों के परस्पर संघर्ष के साथ-साथ मालव, गुप्तों, वर्धनों और मौखरियों के बीच राजनीतिक सत्ता के लिए होने वाला संघर्ष भी दिखाई देता है।
- भाषा के स्तर पर यह उपन्यास सिद्ध करता है कि शब्दावली अगर घोर तत्सम प्रधान हो, तब भी उसमें रस की सर्जना की जा सकती है, बशर्ते लेखनी किसी समर्थ रचनाकार के हाथ में हो।
- यह इस उपन्यास की प्रवहमान भाषा का ही कमाल है कि इसमें विचरने वाले पात्र, वह चाहे राज्यश्री हो या हर्षवर्धन या कोई और पाठक की स्मृति पर अंकित हो जाते हैं।
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