"गोपाल वर्मन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति")
छो (Text replace - " कायम" to " क़ायम")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*गोपाल वर्मन ने 902 से 904 ई. तक शासन किया।  
+
'''गोपाल वर्मन''' ने 902 से 904 ई. तक शासन किया। [[शंकर वर्मन]] के बाद गोपाल वर्मन [[कश्मीर]] का शासक हुआ।  
*[[शंकर वर्मन]] के बाद गोपाल वर्मन [[कश्मीर]] का शासक हुआ।  
 
 
*उसके शासन काल में कश्मीर में चारों ओर अव्यवस्था एवं अशान्ति की स्थिति व्याप्त हो गयी।  
 
*उसके शासन काल में कश्मीर में चारों ओर अव्यवस्था एवं अशान्ति की स्थिति व्याप्त हो गयी।  
 
*इसका फ़ायदा उठाकर 939 ई. में [[ब्राह्मण]] कुल में उत्पन्न यशस्कर ने कश्मीर की सत्ता ग्रहण किया।  
 
*इसका फ़ायदा उठाकर 939 ई. में [[ब्राह्मण]] कुल में उत्पन्न यशस्कर ने कश्मीर की सत्ता ग्रहण किया।  
*इस प्रकार उसके शासन काल में शान्ति व्यवस्था की स्थिति पुनः कायम हो सकी।  
+
*इस प्रकार उसके शासन काल में शान्ति व्यवस्था की स्थिति पुनः क़ायम हो सकी।  
 
*948 ई. में यशस्कर की मृत्यु के बाद उसका मंत्री 'पर्वगुप्त' सिंहासनारूढ़ हुआ।  
 
*948 ई. में यशस्कर की मृत्यु के बाद उसका मंत्री 'पर्वगुप्त' सिंहासनारूढ़ हुआ।  
 
*एक वर्ष के शासन के उपरान्त 950 ई. में उसके पुत्र 'क्षेमगुप्त' ने कश्मीर की राजगद्दी ग्रहण की।  
 
*एक वर्ष के शासन के उपरान्त 950 ई. में उसके पुत्र 'क्षेमगुप्त' ने कश्मीर की राजगद्दी ग्रहण की।  
पंक्ति 10: पंक्ति 9:
 
*पति क्षेमेन्द्रगुप्त की मृत्यु के बाद रानी दिद्दा ने शासन की वागडोर संभाली।  
 
*पति क्षेमेन्द्रगुप्त की मृत्यु के बाद रानी दिद्दा ने शासन की वागडोर संभाली।  
 
*उसने लगभग 50 वर्षो तक कुशलता से कश्मीर पर शासन किया।  
 
*उसने लगभग 50 वर्षो तक कुशलता से कश्मीर पर शासन किया।  
*1003 ई. में रानी दिद्दा की मृत्यु के बाद उसके भतीजे संग्रामराज ने कश्मीर में [[लोहार वंश]] की स्थापना की।
+
*1003 ई. में [[रानी दिद्दा]] की मृत्यु के बाद उसके भतीजे संग्रामराज ने कश्मीर में [[लोहार वंश]] की स्थापना की।
  
 
{{प्रचार}}
 
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
+
|आधार=
|प्रारम्भिक=
+
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
|माध्यमिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|पूर्णता=
पंक्ति 24: पंक्ति 21:
 
<references/>
 
<references/>
 
==सम्बंधित कडियाँ==
 
==सम्बंधित कडियाँ==
{{उत्पल राजवंश}}
+
{{उत्पल राजवंश}}{{भारत के राजवंश}}
{{भारत के राजवंश}}
 
 
[[Category:जम्मू और कश्मीर का इतिहास]]
 
[[Category:जम्मू और कश्मीर का इतिहास]]
 
[[Category:इतिहास_कोश]]
 
[[Category:इतिहास_कोश]]
   
+
  [[Category:चरित_कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

14:16, 29 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

गोपाल वर्मन ने 902 से 904 ई. तक शासन किया। शंकर वर्मन के बाद गोपाल वर्मन कश्मीर का शासक हुआ।

  • उसके शासन काल में कश्मीर में चारों ओर अव्यवस्था एवं अशान्ति की स्थिति व्याप्त हो गयी।
  • इसका फ़ायदा उठाकर 939 ई. में ब्राह्मण कुल में उत्पन्न यशस्कर ने कश्मीर की सत्ता ग्रहण किया।
  • इस प्रकार उसके शासन काल में शान्ति व्यवस्था की स्थिति पुनः क़ायम हो सकी।
  • 948 ई. में यशस्कर की मृत्यु के बाद उसका मंत्री 'पर्वगुप्त' सिंहासनारूढ़ हुआ।
  • एक वर्ष के शासन के उपरान्त 950 ई. में उसके पुत्र 'क्षेमगुप्त' ने कश्मीर की राजगद्दी ग्रहण की।
  • उसने लगभग 958 ई. तक शासन किया।
  • इसका विवाह हिन्दुशाही वंश की राजकुमारी दिद्दा से हुआ था।
  • पति क्षेमेन्द्रगुप्त की मृत्यु के बाद रानी दिद्दा ने शासन की वागडोर संभाली।
  • उसने लगभग 50 वर्षो तक कुशलता से कश्मीर पर शासन किया।
  • 1003 ई. में रानी दिद्दा की मृत्यु के बाद उसके भतीजे संग्रामराज ने कश्मीर में लोहार वंश की स्थापना की।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित कडियाँ