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साहब हो गए 58 पर रिटायर
 
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क्योंकि, कानून की दृष्टि में
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उनकी बुद्धि हो गई थी ऐक्सपायर
 
उनकी बुद्धि हो गई थी ऐक्सपायर
 
लेकिन हमारे सिर पर सवार हैं-
 
लेकिन हमारे सिर पर सवार हैं-

14:12, 30 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

सहनशीलता -काका हाथरसी
काका हाथरसी
कवि काका हाथरसी
जन्म 18 सितंबर, 1906
जन्म स्थान हाथरस, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 18 सितंबर, 1995
मुख्य रचनाएँ काका की फुलझड़ियाँ, काका के प्रहसन, लूटनीति मंथन करि, खिलखिलाहट आदि
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
काका हाथरसी की रचनाएँ

साहब हो गए 58 पर रिटायर
क्योंकि, क़ानून की दृष्टि में
उनकी बुद्धि हो गई थी ऐक्सपायर
लेकिन हमारे सिर पर सवार हैं-
साठोत्तर प्रधानमंत्री और 81 वर्षीय राष्ट्रपति
वे क्यों नहीं होते रिटायर?
चुप रहो, तुम नहीं जानते इसका कारण,
यह है हमारी सहनशीलता का प्रत्यक्ष उदाहरण
नेताओं की भाँति कवि और शायर भी कभी नहीं होते रिटायर।
अपन 85 में चल रहे हैं, फिर भी कविता लिख रहे हैं।
इस उम्र में भी काका पर फिदा हैं आकाशवाणी और दूरदर्शन।