"डावरिया प्रथा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''डावरिया प्रथा''' राजस्थान में प्रचलित पुरानी प्रथ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 11: पंक्ति 11:
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{सामाजिक प्रथाएँ}}
 
{{सामाजिक प्रथाएँ}}
[[Category:राजस्था न]][[Category:राजस्थान की संस्कृति]][[Category:समाज सुधार]][[Category:प्राचीन समाज]][[Category:सामाजिक प्रथाएँ]][[Category:इतिहास कोश]]
+
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान की संस्कृति]][[Category:समाज सुधार]][[Category:प्राचीन समाज]][[Category:सामाजिक प्रथाएँ]][[Category:इतिहास कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

11:00, 31 मार्च 2014 का अवतरण

डावरिया प्रथा राजस्थान में प्रचलित पुरानी प्रथाओं में से एक थी। राजस्थान में अब इस प्रथा का समापन पूर्ण रूप से हो चुका है।

  • यह प्रथा राजा-महाराजाओं और जागीरदारों में प्रचलित थी।
  • डावरिया प्रथा में राजा-महाराजा और जागीरदार अपनी पुत्री के विवाह में दहेज के साथ कुँवारी कन्याएं भी देते थे, जो उम्र भर उसकी सेवा में रहती थी। इन्हें 'डावरिया' कहा जाता था।

इन्हें भी देखें: अग्नि परीक्षा, दहेज प्रथा, दास प्रथा एवं डाकन प्रथा


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख