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जवाहर लाल नेहरू जी ने अपने बचपन का किस्सा बयान करते हुये अपनी पुस्तक मेरी कहानी में लिखा है कि वे अपने पिता मोतीलाल नेहरू जी का बहुत सम्मान करते थे । हांलांकि वे कडकमिजाज थे सो वे उनसे डरते भी बहुत थे क्योकि उन्होंने नौकर चाकरों आदि पर उन्हें बिगडते कई बार देखा था । उनकी तेज मिजाजी का एक किस्सा बताते हुये नेहरू जी ने लिखा है-
 
जवाहर लाल नेहरू जी ने अपने बचपन का किस्सा बयान करते हुये अपनी पुस्तक मेरी कहानी में लिखा है कि वे अपने पिता मोतीलाल नेहरू जी का बहुत सम्मान करते थे । हांलांकि वे कडकमिजाज थे सो वे उनसे डरते भी बहुत थे क्योकि उन्होंने नौकर चाकरों आदि पर उन्हें बिगडते कई बार देखा था । उनकी तेज मिजाजी का एक किस्सा बताते हुये नेहरू जी ने लिखा है-

04:17, 9 अगस्त 2014 का अवतरण

सजा तो वाजिब ही मिली -जवाहरलाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू
विवरण जवाहरलाल नेहरू
भाषा हिंदी
देश भारत
मूल शीर्षक प्रेरक प्रसंग
उप शीर्षक जवाहरलाल नेहरू के प्रेरक प्रसंग
संकलनकर्ता अशोक कुमार शुक्ला

जवाहर लाल नेहरू जी ने अपने बचपन का किस्सा बयान करते हुये अपनी पुस्तक मेरी कहानी में लिखा है कि वे अपने पिता मोतीलाल नेहरू जी का बहुत सम्मान करते थे । हांलांकि वे कडकमिजाज थे सो वे उनसे डरते भी बहुत थे क्योकि उन्होंने नौकर चाकरों आदि पर उन्हें बिगडते कई बार देखा था । उनकी तेज मिजाजी का एक किस्सा बताते हुये नेहरू जी ने लिखा है-

डनकी तेज मिजाजी की एक घटना मुझे याद है क्योंकि बचपन ही में मैं उसका शिकार हो गया था । कोई 5-6 वर्ष की उम्र रही होगी । एक रोज मैने पिताजी की मेज पर दो फाउन्टेन पेन पडे देखे। मेरा जी ललचाया मैने दिन में कहा पिताजी एक साथ दो पेनों का क्या करेंगे? एक मैने अपनी जेब मे डाल लिया। बाद में बडी जोरों की तलाश हुई कि पेन कहां चला गया? तब तो मैं घबराया। मगर मैने बताया नहीं । पेन मिल गया और मैं गुनहगार करार दिया गया। पिताजी बहुत नाराज हुऐ और मेरी खूब मरम्मम की। मैं दर्द व अपमान से अपना सा मुंह लिये मां की गोद मे दौडा गया और कई दिन तक मेरे दर्द करते हुए छोटे से बदन पर क्रीम और मरहम लगाये गये। लेकिन मुझे याद नहीं पडत कि इस सजा के कारण पिताजी को मैने कोसा हो। मैं समझता हूं मेरे दिल ने यही कहा होगा कि सजा तो तुझे वाजिब ही मिली है, मगर थी जरूरत से ज्यादा।

जवाहरलाल नेहरू से जुडे अन्य प्रसंग पढ़ने के लिए जवाहरलाल नेहरू के प्रेरक प्रसंग पर जाएँ


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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