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भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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− | {'नीलकमल' में कौन-सा समास है? | + | {'नीलकमल' में कौन-सा [[समास]] है? |
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− | -बहुव्रीहि समास | + | -[[बहुव्रीहि समास]] |
− | -तत्पुरुष समास | + | -[[तत्पुरुष समास]] |
− | +कर्मधारय समास | + | +[[कर्मधारय समास]] |
− | -द्विगु समास | + | -[[द्विगु समास]] |
{'गीतांजलि' के रचयिता कौन हैं? | {'गीतांजलि' के रचयिता कौन हैं? | ||
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-[[महादेवी वर्मा]] | -[[महादेवी वर्मा]] | ||
-[[प्रेमचंद]] | -[[प्रेमचंद]] | ||
− | +[[रबीन्द्रनाथ टैगोर]] | + | +[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर|रबीन्द्रनाथ टैगोर]] |
-[[कल्हण]] | -[[कल्हण]] | ||
− | ||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर|80px|right]]'गीतांजलि' का [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] अनुवाद प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर [[लंदन]] से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध साप्ताहिक 'टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट' में | + | ||[[चित्र:Rabindranath-Tagore.gif|रबीन्द्रनाथ टैगोर|80px|right]]'गीतांजलि' का [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] अनुवाद प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अंदर [[लंदन]] से प्रकाशित होने वाले प्रसिद्ध साप्ताहिक 'टाइम्स लिटरेरी सप्लीमेंट' में रबीन्द्रनाथ टैगोर की समीक्षा प्रकाशित हुई थी और बाद में आगामी तीन माह के अंदर तीन [[समाचार पत्र|समाचार पत्रों]] में भी उसकी समीक्षा प्रकाशित हुई। 'गीतांजलि' टैगोर की महत्त्वपूर्ण रचना मानी जाती है।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]] |
{[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है? | {[[चाय]] किस [[भाषा]] का शब्द है? | ||
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-[[विशेषण]] | -[[विशेषण]] | ||
-[[क्रिया]] | -[[क्रिया]] | ||
− | +भाववाचक संज्ञा | + | +[[संज्ञा|भाववाचक संज्ञा]] |
-अव्यय | -अव्यय | ||
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+[[स्वामी रामानंद]] | +[[स्वामी रामानंद]] | ||
-[[मध्वाचार्य]] | -[[मध्वाचार्य]] | ||
− | ||[[वैष्णव]] आचार्य स्वामी रामानंद का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर [[राघवानंद|गुरु राघवानंद]] के विशिष्टा द्वैतमत का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न तीर्थों की यात्रा की थी।{{point}}अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[स्वामी रामानंद]] | + | ||[[वैष्णव]] आचार्य स्वामी रामानंद का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर [[राघवानंद|गुरु राघवानंद]] के विशिष्टा द्वैतमत का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न तीर्थों की यात्रा की थी।{{point}} अधिक जानकरी के लिए देखें:-[[स्वामी रामानंद]] |
{[[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक का नाम क्या है? | {[[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक का नाम क्या है? | ||
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+गार्सा द तासी | +गार्सा द तासी | ||
− | {'प्रेमसागर' के लेखक कौन हैं। | + | {'[[प्रेमसागर]]' के लेखक कौन हैं। |
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-[[इंशा अल्ला खाँ]] | -[[इंशा अल्ला खाँ]] | ||
-[[मुंशी प्रेमचन्द]] | -[[मुंशी प्रेमचन्द]] | ||
− | +[[लल्लू लालजी | + | +[[लल्लू लालजी]] |
− | - | + | -मुंशी सदासुख लाल |
− | ||साहित्यकार के रूप में | + | ||साहित्यकार के रूप में लल्लू लालजी किस पायदान पर हैं, इसका मूल्यांकन करना तो आलोचकों का काम है, लेकिन यह सब मानते हैं कि [[हिन्दी]] के विकास में उनका योगदान है। 1804 ई. से 1810 ई. के बीच लिखी गई उनकी कृति 'प्रेमसागर' [[कृष्ण]] की लीलाओं व [[भागवत पुराण]] के दसवें अध्याय पर आधारित थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लल्लू लालजी]] |
{'चरण-कमल बन्दौ हरि राई' में कौन-सा [[अलंकार]] है? | {'चरण-कमल बन्दौ हरि राई' में कौन-सा [[अलंकार]] है? | ||
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- इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- भाषा प्रांगण, हिन्दी भाषा
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