एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"सरला ठकराल" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''सरला ठकराल''' (अंग्रेज़ी: ''Sarla Thakral'' ; जन्म- 1914, [[नई दिल्ल...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 +
{{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व
 +
|चित्र=Sarla-Thakral.jpg
 +
|चित्र का नाम=सरला ठकराल
 +
|पूरा नाम=सरला ठकराल
 +
|अन्य नाम=
 +
|जन्म=[[1914]]
 +
|जन्म भूमि=[[नई दिल्ली]], [[भारत]]
 +
|मृत्यु=[[15 मार्च]], [[2009]]
 +
|मृत्यु स्थान=
 +
|अविभावक=
 +
|पति/पत्नी=पी. डी. शर्मा
 +
|संतान=
 +
|गुरु=
 +
|कर्म भूमि=[[भारत]]
 +
|कर्म-क्षेत्र=
 +
|मुख्य रचनाएँ=
 +
|विषय=
 +
|खोज=
 +
|भाषा=
 +
|शिक्षा=
 +
|विद्यालय=
 +
|पुरस्कार-उपाधि=
 +
|प्रसिद्धि=प्रथम भारतीय महिला विमान चालक
 +
|विशेष योगदान=
 +
|नागरिकता=भारतीय
 +
|संबंधित लेख=
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|शीर्षक 3=
 +
|पाठ 3=
 +
|शीर्षक 4=
 +
|पाठ 4=
 +
|शीर्षक 5=
 +
|पाठ 5=
 +
|अन्य जानकारी=सरला ठकराल ने [[1929]] में [[दिल्ली]] में खोले गए फ़्लाइंग क्लब में विमान चालन का प्रशिक्षण लिया था और एक हज़ार घंटे का अनुभव बटोरा था।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन=
 +
}}
 +
 
'''सरला ठकराल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sarla Thakral'' ; जन्म- [[1914]], [[नई दिल्ली]], [[भारत]]; मृत्यु- [[15 मार्च]], [[2009]]) [[भारत]] की प्रथम महिला विमान चालक थीं। [[1936]] में सरला ठकराल परंपराओं को तोड़ते हुए एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने 'जिप्सी मॉथ' को अकेले ही उड़ाने का कारनामा कर दिखाया था।
 
'''सरला ठकराल''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Sarla Thakral'' ; जन्म- [[1914]], [[नई दिल्ली]], [[भारत]]; मृत्यु- [[15 मार्च]], [[2009]]) [[भारत]] की प्रथम महिला विमान चालक थीं। [[1936]] में सरला ठकराल परंपराओं को तोड़ते हुए एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने 'जिप्सी मॉथ' को अकेले ही उड़ाने का कारनामा कर दिखाया था।
  
 
*सरला ठकराल का जन्म 15 मार्च को [[नई दिल्ली]], [[भारत]] में हुआ था।
 
*सरला ठकराल का जन्म 15 मार्च को [[नई दिल्ली]], [[भारत]] में हुआ था।
 
*उन्होंने [[1929]] में [[दिल्ली]] में खोले गए फ़्लाइंग क्लब में विमान चालन का प्रशिक्षण लिया था और एक हज़ार घंटे का अनुभव बटोरा था।
 
*उन्होंने [[1929]] में [[दिल्ली]] में खोले गए फ़्लाइंग क्लब में विमान चालन का प्रशिक्षण लिया था और एक हज़ार घंटे का अनुभव बटोरा था।
*दिल्ली के फ़्लाइंग क्लब में उनकी भेंट अपने भावी पति से हुई। [[विवाह]] के बाद उनके पति ने उन्हें व्यावसायिक विमान चालक बनने के लिए प्रोत्साहन दिया।
+
*दिल्ली के फ़्लाइंग क्लब में उनकी भेंट अपने भावी पति पी. डी. शर्मा से हुई। [[विवाह]] के बाद उनके पति ने उन्हें व्यावसायिक विमान चालक बनने के लिए प्रोत्साहन दिया।
 
*पति से प्रोत्साहन पाकर सरला ठकराल जोधपुर फ्लाइंग क्लब में ट्रेनिंग लेने लगी थीं।  
 
*पति से प्रोत्साहन पाकर सरला ठकराल जोधपुर फ्लाइंग क्लब में ट्रेनिंग लेने लगी थीं।  
 
*वर्ष [[1939]] में [[लाहौर]] का हवाईअड्डा ऐतिहासिक पल का गवाह बना। जब 21 वर्षीय सरला ठकराल ने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और जा बैठीं जिप्सी मॉथ नामक दो सीटों वाले विमान में। उन्होंने आँखों पर चश्मा चढ़ाया और विमान को अकेले ही आकाश में ले उड़ीं।
 
*वर्ष [[1939]] में [[लाहौर]] का हवाईअड्डा ऐतिहासिक पल का गवाह बना। जब 21 वर्षीय सरला ठकराल ने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और जा बैठीं जिप्सी मॉथ नामक दो सीटों वाले विमान में। उन्होंने आँखों पर चश्मा चढ़ाया और विमान को अकेले ही आकाश में ले उड़ीं।

13:33, 4 मार्च 2015 का अवतरण

सरला ठकराल
सरला ठकराल
पूरा नाम सरला ठकराल
जन्म 1914
जन्म भूमि नई दिल्ली, भारत
मृत्यु 15 मार्च, 2009
पति/पत्नी पी. डी. शर्मा
कर्म भूमि भारत
प्रसिद्धि प्रथम भारतीय महिला विमान चालक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी सरला ठकराल ने 1929 में दिल्ली में खोले गए फ़्लाइंग क्लब में विमान चालन का प्रशिक्षण लिया था और एक हज़ार घंटे का अनुभव बटोरा था।

सरला ठकराल (अंग्रेज़ी: Sarla Thakral ; जन्म- 1914, नई दिल्ली, भारत; मृत्यु- 15 मार्च, 2009) भारत की प्रथम महिला विमान चालक थीं। 1936 में सरला ठकराल परंपराओं को तोड़ते हुए एयरक्राफ्ट उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं। उन्होंने 'जिप्सी मॉथ' को अकेले ही उड़ाने का कारनामा कर दिखाया था।

  • सरला ठकराल का जन्म 15 मार्च को नई दिल्ली, भारत में हुआ था।
  • उन्होंने 1929 में दिल्ली में खोले गए फ़्लाइंग क्लब में विमान चालन का प्रशिक्षण लिया था और एक हज़ार घंटे का अनुभव बटोरा था।
  • दिल्ली के फ़्लाइंग क्लब में उनकी भेंट अपने भावी पति पी. डी. शर्मा से हुई। विवाह के बाद उनके पति ने उन्हें व्यावसायिक विमान चालक बनने के लिए प्रोत्साहन दिया।
  • पति से प्रोत्साहन पाकर सरला ठकराल जोधपुर फ्लाइंग क्लब में ट्रेनिंग लेने लगी थीं।
  • वर्ष 1939 में लाहौर का हवाईअड्डा ऐतिहासिक पल का गवाह बना। जब 21 वर्षीय सरला ठकराल ने अपनी साड़ी का पल्लू ठीक किया और जा बैठीं जिप्सी मॉथ नामक दो सीटों वाले विमान में। उन्होंने आँखों पर चश्मा चढ़ाया और विमान को अकेले ही आकाश में ले उड़ीं।
  • तत्कालीन समय में विमान उड़ाना बहुत बड़ी बात समझी जाती थी और ऊपर से पुरुष का उस समय इस क्षेत्र पर पूरी तरह से वर्चस्व था। इस तरह सरला ठकराल भारत की पहली महिला विमान चालक बनीं।[1]
  • 1939 में ही एक विमान दुर्घटना में उनके पति मारे गए।
  • इसी दौरान दूसरा विश्व युद्ध छिड़ गया और जोधपुर क्लब बंद हो गया। उसके बाद सरला ने अपने जीवन की दिशा बदल ली।
  • सरला ठकराल के माता-पिता ने उनका दूसरा विवाह किया और वे विभाजन के बाद लाहौर से दिल्ली आ गईं।
  • दिल्ली आकार उन्होंने पेंटिंग शुरू की। फिर वे कपड़े और गहने डिज़ाइन करने लगीं और करीब 20 साल तक अपनी बनायी चीजें विभिन्न कुटीर उद्योगों को देती रहीं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सरला ठकराल (हिन्दी) भारत की नारी, भारत की शान। अभिगमन तिथि: 04 मार्च, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख