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[[चित्र:Shri Krishna.jpg|thumb|200px|[[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]]]]
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{{शब्द संदर्भ नया
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अनन्त |लेख का नाम=अनन्त (बहुविकल्पी)}}
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|अर्थ=जिसका अन्त हो, जो कभी समाप्त न हो, अन्त-रहित, नित्य, शाश्वत।
 
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|व्याकरण=विशेषण, पुल्लिंग- परमात्मा, आकाश, शेषनाग या शेषनाग का अवतार- लक्ष्मण/बलाराम, भाद्र शुक्ल चतुर्दशी को दाहिनी भुजा में धारण की जाने वाली विशेष प्रकार के रेशमी/सूती धागों की एक रचना,उक्त रचना। 
'''अनन्त''' [[हिन्दू]] मान्यताओं और पौराणिक [[महाकाव्य]] [[महाभारत]] के उल्लेखानुसार [[श्रीकृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] के कई नामों में से एक है।
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|उदाहरण=अनन्त काल, अनन्त आकाश, अनन्त सागर, राजा ने कवि को अनन्त धन दिया।
*कृष्ण [[हिन्दू धर्म]] में [[विष्णु]] के अवतार माने जाते हैं।
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|विशेष=गणित में 'अनन्त श्रेढ़ी/श्रेणी' का अर्थ है वह श्रेढ़ी/श्रेणी जिसमें पदों की संख्या अनन्त हो। जैसे- 1+1/2+1/4+1/8+........
*श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में [[भारत]] को एक प्रतिभा सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका '[[गीता]]' ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।
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|विलोम=सान्त
*भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है।
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|पर्यायवाची=
 
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|संस्कृत=अन्+अन्त
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
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|अन्य ग्रंथ=
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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|संबंधित शब्द=
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम= महाभारत शब्दकोश|लेखक= एस. पी. परमहंस|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या= 12|url=}}
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|संबंधित लेख=
<references/>
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|सभी लेख=
==संबंधित लेख==
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}}
{{कृष्ण2}}  
 
[[Category:कृष्ण]][[Category:हिन्दू भगवान अवतार]][[Category:हिन्दू देवी-देवता]][[Category:महाभारत]][[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:महाभारत शब्दकोश]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
 
 
 
 
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06:10, 5 मार्च 2016 का अवतरण