"अनन्त" के अवतरणों में अंतर

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{{शब्द संदर्भ नया
 
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|अर्थ=जिसका अन्त न हो, जो कभी समाप्त न हो, अन्त-रहित, नित्य, शाश्वत।  
 
|अर्थ=जिसका अन्त न हो, जो कभी समाप्त न हो, अन्त-रहित, नित्य, शाश्वत।  
|व्याकरण=विशेषण, पुल्लिंग- परमात्मा, आकाश, शेषनाग या शेषनाग का अवतार- लक्ष्मण/बलाराम, भाद्र शुक्ल चतुर्दशी को दाहिनी भुजा में धारण की जाने वाली विशेष प्रकार के रेशमी/सूती धागों की एक रचना,उक्त रचना।   
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|व्याकरण=[[विशेषण]], [[पुल्लिंग]]- परमात्मा, आकाश, [[शेषनाग या शेषनाग का अवतार]]- [[लक्ष्मण]]/[[बलाराम]], भाद्र शुक्ल चतुर्दशी को दाहिनी भुजा में धारण की जाने वाली विशेष प्रकार के रेशमी/सूती धागों की एक रचना,उक्त रचना।   
 
|उदाहरण=अनन्त काल, अनन्त आकाश, अनन्त सागर, राजा ने कवि को अनन्त धन दिया।  
 
|उदाहरण=अनन्त काल, अनन्त आकाश, अनन्त सागर, राजा ने कवि को अनन्त धन दिया।  
 
|विशेष=गणित में 'अनन्त श्रेढ़ी/श्रेणी' का अर्थ है वह श्रेढ़ी/श्रेणी जिसमें पदों की संख्या अनन्त हो। जैसे- 1+1/2+1/4+1/8+........∞
 
|विशेष=गणित में 'अनन्त श्रेढ़ी/श्रेणी' का अर्थ है वह श्रेढ़ी/श्रेणी जिसमें पदों की संख्या अनन्त हो। जैसे- 1+1/2+1/4+1/8+........∞

07:42, 11 मई 2016 का अवतरण

Disamb2.jpg अनन्त एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अनन्त (बहुविकल्पी)