"प्रयोग:नवनीत" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय
+
{{सूचना बक्सा ऐतिहासिक पात्र
|चित्र=Chatrapati-Shivaji.jpg
+
|चित्र=blankimage.jpg
|चित्र का नाम=[[शिवाजी]]
+
|चित्र का नाम=दादोजी कोंडदेव
|विवरण=पेशवा [[मराठा साम्राज्य]] में राजा के सलाहकार को कहा जाता था। पेशवा का पद मूलरूप से [[शिवाजी]] द्वारा नियुक्त अष्टप्रधानों में से एक था।
+
|पूरा नाम=
|शीर्षक 1=मराठा पेशवा
+
|अन्य नाम=दादाजी कोंडदेव
|पाठ 1=[[बालाजी विश्वनाथ]] - 1713-1720 ई.<br />
+
|जन्म=1577 ई.
[[बाजीराव प्रथम]] - 1720-1740 ई.<br />
+
|जन्म भूमि=डाउंड, [[महाराष्ट्र]]
[[बालाजी बाजीराव]] - 1740-1761 ई.<br />
+
|मृत्यु तिथि=1647 ई.
[[माधवराव प्रथम]] - 1761-1772 ई.<br />
+
|मृत्यु स्थान=
[[नारायणराव]] - 1772-1773 ई.<br />
+
|पिता/माता=
[[रघुनाथराव]] - 1773-1774 ई.<br />
+
|पति/पत्नी=
[[माधवराव द्वितीय]] - 1774-1795 ई.<br />
+
|संतान=
[[बाजीराव द्वितीय]] - 1796-1818 ई.
+
|उपाधि=
|शीर्षक 2=विशेष
+
|शासन=
|पाठ 2=मराठा साम्राज्य में पेशवा का पद पहले वंशगत नहीं था, लेकिन [[बालाजी बाजीराव]] ने 1749 ई. में महाराज [[शाहू]] की मृत्यु के बाद पेशवा पद को वंशागत बना दिया था।
+
|धार्मिक मान्यता=
|शीर्षक 3=
+
|राज्याभिषेक=
|पाठ 3=
+
|युद्ध=
|शीर्षक 4=
+
|प्रसिद्धि=
|पाठ 4=
+
|निर्माण=
|शीर्षक 5=
+
|सुधार-परिवर्तन=
|पाठ 5=
+
|राजधानी=
|शीर्षक 6=
+
|पूर्वाधिकारी=
|पाठ 6=
+
|राजघराना=
|शीर्षक 7=
+
|वंश=
|पाठ 7=
+
|शासन काल=
|शीर्षक 8=
+
|स्मारक=
|पाठ 8=
+
|मक़बरा=
|शीर्षक 9=
+
|संबंधित लेख=[[शिवाजी]], [[शाहजी भोंसले]], [[शम्भाजी|शम्भाजी पेशवा]], [[बालाजी विश्वनाथ]], [[बाजीराव प्रथम]], [[बाजीराव द्वितीय]], [[राजाराम शिवाजी]], [[ग्वालियर]], [[दौलतराव शिन्दे]], [[नाना फड़नवीस]], [[मराठा साम्राज्य]]
|पाठ 9=
+
|शीर्षक 1=विशेष
|शीर्षक 10=
+
|पाठ 1=कोंडदेव की दी हुई शिक्षाओं से ही प्रेरित होकर [[शिवाजी]] ने [[भारत]] में स्वराज्य स्थापित करने का संकल्प किया। दादाजी खोंडदेव ने शिवाजी के छोटे-से राज्य का शासन सुव्यवस्थित करके उसकी भावी राजस्व प्रणाली की आधारशिला रखी थी।
|पाठ 10=
+
|शीर्षक 2=
|संबंधित लेख=[[शिवाजी]], [[शाहजी भोंसले]], [[जीजाबाई]], [[शम्भाजी]], [[शाहू]], [[ताराबाई]], [[नाना फड़नवीस]], [[मराठा साम्राज्य]], [[मराठा]],
+
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=[[शाहू]] के राज्यकाल में [[बालाजी विश्वनाथ]] ने इस पद का महत्त्व बहुत अधिक बढ़ा दिया था। वह 1713 ई. में पेशवा नियुक्त हुआ और 1720 ई. में [[मृत्यु]] होने तक इस पद पर बना रहा।
+
|अन्य जानकारी=दादोजी कोंडदेव ने 1636 ई. से लेकर 1646 ई. तक शिवाजी की शिक्षा और उनकी युद्ध कला को तराशने का कार्य किया। इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शिवाजी को युद्ध कौशल और युद्ध नीति के अनेक गुर सिखाए
 
|बाहरी कड़ियाँ=
 
|बाहरी कड़ियाँ=
 
|अद्यतन=
 
|अद्यतन=
 
}}
 
}}

08:02, 17 मई 2016 का अवतरण

नवनीत
दादोजी कोंडदेव
अन्य नाम दादाजी कोंडदेव
जन्म 1577 ई.
जन्म भूमि डाउंड, महाराष्ट्र
मृत्यु तिथि 1647 ई.
संबंधित लेख शिवाजी, शाहजी भोंसले, शम्भाजी पेशवा, बालाजी विश्वनाथ, बाजीराव प्रथम, बाजीराव द्वितीय, राजाराम शिवाजी, ग्वालियर, दौलतराव शिन्दे, नाना फड़नवीस, मराठा साम्राज्य
विशेष कोंडदेव की दी हुई शिक्षाओं से ही प्रेरित होकर शिवाजी ने भारत में स्वराज्य स्थापित करने का संकल्प किया। दादाजी खोंडदेव ने शिवाजी के छोटे-से राज्य का शासन सुव्यवस्थित करके उसकी भावी राजस्व प्रणाली की आधारशिला रखी थी।
अन्य जानकारी दादोजी कोंडदेव ने 1636 ई. से लेकर 1646 ई. तक शिवाजी की शिक्षा और उनकी युद्ध कला को तराशने का कार्य किया। इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शिवाजी को युद्ध कौशल और युद्ध नीति के अनेक गुर सिखाए