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|पाठ 1=कोंडदेव की दी हुई शिक्षाओं से ही प्रेरित होकर [[शिवाजी]] ने [[भारत]] में स्वराज्य स्थापित करने का संकल्प किया। दादाजी खोंडदेव ने शिवाजी के छोटे-से राज्य का शासन सुव्यवस्थित करके उसकी भावी राजस्व प्रणाली की आधारशिला रखी थी।
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|पाठ 1=बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी इतिहास की दिलचस्प प्रेम कहानियों में एक है। बाजीराव और मस्तानी से जुड़ी कई कहानियां हैं, लेकिन उन सभी कहानियों में एक बात समान है, और वह है असीम प्रेम।
 
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|अन्य जानकारी=दादोजी कोंडदेव ने 1636 ई. से लेकर 1646 ई. तक शिवाजी की शिक्षा और उनकी युद्ध कला को तराशने का कार्य किया। इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत रूप से शिवाजी को युद्ध कौशल और युद्ध नीति के अनेक गुर सिखाए
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07:42, 21 मई 2016 का अवतरण

नवनीत
मस्तानी
पूरा नाम मस्तानी
मृत्यु तिथि 28 अप्रैल, 1740 ई.
पिता/माता छत्रसाल
पति/पत्नी बाजीराव प्रथम
संबंधित लेख मराठा साम्राज्य, पेशवा, बालाजी विश्वनाथ, बालाजी बाजीराव, शिवाजी, बाजीराव प्रथम, शाहजी भोंसले, शम्भाजी पेशवा, बाजीराव द्वितीय, राजाराम शिवाजी, दौलतराव शिन्दे, नाना फड़नवीस, दादोजी कोंडदेव
विशेष बाजीराव और मस्तानी की प्रेम कहानी इतिहास की दिलचस्प प्रेम कहानियों में एक है। बाजीराव और मस्तानी से जुड़ी कई कहानियां हैं, लेकिन उन सभी कहानियों में एक बात समान है, और वह है असीम प्रेम।
अन्य जानकारी बाजीराव ने मस्तानी को अपनी दूसरी पत्नी का दर्जा दिया। वह मस्तानी की कई प्रतिभाओं से आकर्षित था। मस्तानी खूबसूरत तो थी ही, वह एक कुशल घुड़सवार, तलवारबाज, युद्ध नीति, धार्मिक अध्ययन, कविता, नर्तकी व गायिका भी थी। इन अपार खूबियों ने मस्तानी को बाजीराव प्रथम का प्रिय बना दिया था।