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| {{हिन्दी सामान्य ज्ञान}} | | {{हिन्दी सामान्य ज्ञान}} |
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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
− | {[[डोगरी भाषा]] मुख्य रूप से कहाँ बोली जाती है?
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− | -[[हिमाचल प्रदेश]]
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− | +[[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]
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− | -[[उत्तराखंड]]
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− | -[[असम]]
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− | ||एक भारतीय राज्य, जो भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पश्चिमी पर्वतश्रेणियों के निकट स्थित है। पहले यह भारत की बड़ी रियासतों में से एक था। यह पूर्वात्तर में सिंक्यांग का स्वायत्त क्षेत्र व तिब्बती स्वायत्त क्षेत्र (दोनों चीन के भाग) से, दक्षिण में हिमाचल प्रदेश व [[पंजाब]] राज्यों से, पश्चिम में [[पाकिस्तान]] और पश्चिमोत्तर में पाकिस्तान अधिकृत भूभाग से घिरा है। जम्मू-कश्मीर राज्य के पश्चिम मध्य हिस्से के पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्र में देवसई पर्वत है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]]
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− | {[[भारत]] के किस प्रान्त में [[कोंकणी भाषा]] बोली जाती है?
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− | -[[केरल]] तथा [[कर्नाटक]]
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− | +[[महाराष्ट्र]] तथा [[गोवा]]
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− | -[[उड़ीसा]] तथा [[पश्चिम बंगाल]]
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− | -[[आन्ध्र प्रदेश]] तथा [[उड़ीसा]]
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− | {[[आन्ध्र प्रदेश]] की राजकीय भाषा है?
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− | -[[तमिल भाषा|तमिल]]
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− | +[[तेलुगु भाषा|तेलुगु]]
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− | -[[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]]
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− | -[[उड़िया भाषा|उड़िया]]
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− | {[[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी|आचार्य हज़ारीप्रसाद द्विवेदी]] के उस इतिहास ग्रंथ का नाम बतलाइए जिसमें मात्र आदिकालीन [[हिन्दी साहित्य]] सम्बन्धी सामग्री संग्रहीत है?
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− | |type="()"}
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− | - हिन्दी साहित्य की भूमिका
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− | - हिन्दी साहित्य: उद्भव और विकास
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− | - मध्यकालीन धर्मसाधना
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− | + हिन्दी साहित्य का आदिकाल
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− | {[[आचार्य रामचन्द्र शुक्ल]] ने किन दो प्रमुख तथ्यों को ध्यान में रखकर '[[हिन्दी साहित्य]] के इतिहास' के काल खण्डों का नामकरण किया है?
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− | |type="()"}
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− | - ग्रंथों की प्रसिद्धि
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− | + ग्रंथों की प्रचुरता एवं ग्रंथों की प्रसिद्धि
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− | - ग्रंथों की उपलब्धता
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− | - रचनाकारों की संख्या
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− | {इनमें किस इतिहासकार ने सर्वप्रथम रीतिकालीन कवियों के सर्वाधिक परिचयात्मक विवरण दिए हैं?
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− | |type="()"}
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− | - डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
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− | - [[डॉ. नगेन्द्र]]
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− | - डॉ.रामशंकर शुक्ल 'रसाल'
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− | + मिश्रबन्धु
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− | {'हिन्दी साहित्य का अतीत: भाग- एक' के लेखक का नाम है?
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− | |type="()"}
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− | - [[आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी]]
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− | + डॉ. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
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− | - डॉ. माताप्रसाद गुप्त
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− | - डॉ. विद्यानिवास मिश्र
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− | {प्रेम लक्षणा भक्ति को किस भक्ति शाखा ने अपनी साधना का मुख्य आधार बनाया है?
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− | |type="()"}
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− | -रामभक्ति शाखा
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− | -[[ज्ञानाश्रयी शाखा]]
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− | +कृष्णभक्ति शाखा
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− | -प्रेममार्गी शाखा
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− | {मनुष्यत्व की सामान्य भावना को आगे करके निम्न श्रेणी की जनता में आत्म- गौरव का भाव जगाने वाले सर्वश्रेष्ठ कवि थे?
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− | |type="()"}
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− | -[[तुलसीदास]]
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− | +[[कबीर]]
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− | -[[जायसी]]
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− | -[[सूरदास]]
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− | ||महात्मा कबीरदास के जन्म के समय में [[भारत]] की राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक दशा शोचनीय थी। एक तरफ मुसलमान शासकों की धर्मांन्धता से जनता परेशान थी और दूसरी तरफ [[हिन्दू धर्म]] के कर्मकांड, विधान और पाखंड से धर्म का ह्रास हो रहा था। जनता में भक्ति- भावनाओं का सर्वथा अभाव था। पंडितों के पाखंडपूर्ण वचन समाज में फैले थे। ऐसे संघर्ष के समय में, कबीरदास का प्रार्दुभाव हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[कबीरदास]]
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− | {'हंस जवाहिर' रचना किस सूफ़ी कवि द्वारा रची गई थी?
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− | |type="()"}
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− | -[[मंझन]]
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− | -[[कुतुबन]]
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− | -[[उसमान]]
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− | +[[क़ासिमशाह]]
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| {'देखन जौ पाऊँ तौ पठाऊँ जमलोक हाथ, दूजौ न लगाऊँ, वार करौ एक करको।' ये पंक्तियाँ किस कवि द्वारा सृजित हैं? | | {'देखन जौ पाऊँ तौ पठाऊँ जमलोक हाथ, दूजौ न लगाऊँ, वार करौ एक करको।' ये पंक्तियाँ किस कवि द्वारा सृजित हैं? |
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| +[[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] | | +[[बांग्ला भाषा|बांग्ला]] |
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− | {'हरिश्चन्द्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस इतिहासकार ने अपने इतिहास ग्रंथ में किया है? | + | {'हरिश्चन्द्री हिन्दी' शब्द का प्रयोग किस [[इतिहासकार]] ने अपने इतिहास ग्रंथ में किया है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |
| -मिश्रबंधु | | -मिश्रबंधु |
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| {{हिन्दी सामान्य ज्ञान}} | | {{हिन्दी सामान्य ज्ञान}} |
| {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} | | {{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} |
− | {{प्रचार}}
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| [[Category:सामान्य ज्ञान]] | | [[Category:सामान्य ज्ञान]] |
| [[Category:हिन्दी सामान्य ज्ञान]] | | [[Category:हिन्दी सामान्य ज्ञान]] |
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