"प्रयोग:कविता बघेल 3" के अवतरणों में अंतर
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कविता बघेल (चर्चा | योगदान) |
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-[[दिल्ली]] | -[[दिल्ली]] | ||
+[[ग्वालियर]] | +[[ग्वालियर]] | ||
− | ||शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान [[अगस्त]], [[1957]] में 'लक्ष्मीबाई कॉलेज | + | ||शारीरिक शिक्षा का प्रथम राष्ट्रीय संस्थान [[अगस्त]], [[1957]] में 'लक्ष्मीबाई कॉलेज ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन' (LCPE) के नाम से [[ग्वालियर]], [[मध्य प्रदेश]] में स्थापित किया गया था। इसे वर्तमान में 'लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ फिजीकल एजुकेशन' (LNIPE) के नाम से जाना जाता है। |
{भोजन के मुख्य कार्य हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-1 | {भोजन के मुख्य कार्य हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-1 | ||
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-[[राज्य]] स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | -[[राज्य]] स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को। | ||
-सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को। | -सर्वश्रेष्ठ शिक्षक को। | ||
− | ||भारत सरकार की नई संशोधित योजना के तहत अर्जुन अवॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाता है। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों के दौरान तो अच्छा प्रदर्शन किया ही हो लेकिन साथ ही अच्छी नेतृत्व क्षमता खेल भावना तथा अनुशासन आदि गुणों का भी प्रदर्शन किया हो, तो वे अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने के लिए अर्ह होते हैं। (हालांकि चार वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता | + | ||[[भारत सरकार]] की नई संशोधित योजना के तहत [[अर्जुन पुरस्कार|अर्जुन अवॉर्ड]] अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दिया जाता है। ऐसे खिलाड़ी जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों के दौरान तो अच्छा प्रदर्शन किया ही हो लेकिन साथ ही अच्छी नेतृत्व क्षमता खेल भावना तथा अनुशासन आदि गुणों का भी प्रदर्शन किया हो, तो वे अर्जुन अवॉर्ड प्राप्त करने के लिए अर्ह होते हैं। (हालांकि चार वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता [[फ़रवरी]], [[2015]] में जारी हुए नए नियम के अनुसार है, इसके पूर्व तीन वर्षों के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन की अनिवार्यता थी)। यह पुरस्कार भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इस पुरस्कार का प्रारंभ वर्ष [[1961]] में हुआ था। |
{शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य निर्धारित करना है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-6 प्रश्न-10 | {शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य निर्धारित करना है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-6 प्रश्न-10 | ||
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+क्रीड़ा कौशल | +क्रीड़ा कौशल | ||
-संचारी कौशल | -संचारी कौशल | ||
− | || | + | ||बालक के गामक विकास में अनेक कारक प्रभावशाली होते हैं। गामक सीखने का उद्देश्य किसी शारीरिक क्रिया में सिद्धहस्त होना होता है। गामक गुण क्रीड़ा कौशल के आधारभूत माने गए हैं। बाल्यावस्था में गामक-नियंत्रण स्थापित हो जाने से ही बालक बड़ा होकर साइकिल चलाना, मोटर साइकिल चलाना इत्यादि जटिल गामक क्रियाओं को कर सकता है। |
{जल चिकित्सा का अर्थ है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-1 | {जल चिकित्सा का अर्थ है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-1 | ||
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||हाइड्रोथेरैपी का अर्थ पानी से उपचार है। थेरैपी विद वेव का अर्थ तरंगों से उपचार है। थेरैपी विद ऑयल का अर्थ तेल से उपचार है। थेरैपी विद हीट का अर्थ गर्मी से उपचार है। | ||हाइड्रोथेरैपी का अर्थ पानी से उपचार है। थेरैपी विद वेव का अर्थ तरंगों से उपचार है। थेरैपी विद ऑयल का अर्थ तेल से उपचार है। थेरैपी विद हीट का अर्थ गर्मी से उपचार है। | ||
− | {हेपेटाइटिस-बी वायरस शरीर के किस अंग को प्रभावित करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-167 | + | {हेपेटाइटिस-बी [[वायरस]] शरीर के किस अंग को प्रभावित करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-167 |
|type="()"} | |type="()"} | ||
− | +यकृत | + | +[[यकृत]] |
− | -मस्तिष्क | + | -[[मस्तिष्क]] |
− | -हृदय | + | -[[हृदय]] |
− | -गुर्दा | + | -[[गुर्दा]] |
− | ||हेपेटाइटिस-बी तीव्र संक्रामक रोग है जो जिगर या यकृत की खराबी के कारण हेपेटाइटिस-बी वायरस से फैलता है। यह डी.एन.ए. वायरस है तथा विषाक्तता का मुख्य स्त्रोत मनुष्य ही है। | + | ||हेपेटाइटिस-बी तीव्र संक्रामक रोग है जो [[हृदय|जिगर]] या [[यकृत]] की खराबी के कारण हेपेटाइटिस-बी [[वायरस]] से फैलता है। यह डी.एन.ए. वायरस है तथा विषाक्तता का मुख्य स्त्रोत मनुष्य ही है। |
{प्रयास (बल) और टेक के बीच भार (प्रतिरोध) वाले लीवर--किस के लीवर कहलाते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-111 | {प्रयास (बल) और टेक के बीच भार (प्रतिरोध) वाले लीवर--किस के लीवर कहलाते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-111 | ||
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-श्रेणी-II | -श्रेणी-II | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
− | ||श्रेणी-II या द्वितीय प्रकार के उत्तोलक प्रतिरोध, शक्ति या बल तथा अक्ष के बीच में होता है। जब एक व्यक्ति अपने पंजों पर खड़ा होता है, तो पैर की लंबाई, उत्तोलक की बाजू होती है, पैर की बॉल धुरी के रूप में कार्य करती है तथा एचिलिस टेंडन व पिण्डलियां शक्ति प्रदान करती हैं। | + | ||श्रेणी-II या द्वितीय प्रकार के उत्तोलक प्रतिरोध, शक्ति या [[बल]] तथा अक्ष के बीच में होता है। जब एक व्यक्ति अपने पंजों पर खड़ा होता है, तो [[पैर]] की लंबाई, उत्तोलक की बाजू होती है, पैर की बॉल धुरी के रूप में कार्य करती है तथा एचिलिस टेंडन व पिण्डलियां शक्ति प्रदान करती हैं। |
+ | |||
+ | {अच्छे स्वास्थ्य का मुख्य कारक माना जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-2 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -प्रदूषण रहित [[पर्यावरण]] | ||
+ | -पौष्टिक आहार | ||
+ | +अच्छी जीवन दिनचर्या | ||
+ | -तनाव रहित जीवन | ||
+ | ||'[[विश्व स्वास्थ्य संगठन]]' के अनुसार "स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक व सामाजिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ होने की अवस्था है। स्वास्थ्य का ऐसा स्तर हासिल करना इंसानी जिंदगी का मनोरथ होना चाहिए जो कि हर व्यक्ति को समाजिक व आर्थिक तौर पर उत्पादित जीवन जीने के योग्य बनाए।" अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रश्न में दिए गए सभी विकल्प कारक माने जा सकते हैं परंतु मुख्य कारक के रूप में अच्छी जीवन दिनचर्या सही उत्तर होगा। | ||
+ | |||
+ | {ट्रैक प्रतियोगिता कौन-सी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-2 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -लंबी कूद | ||
+ | -भाला फेंक | ||
+ | +मैराथन | ||
+ | -पोल वॉल्ट | ||
+ | ||टैक इवेंट्स या ट्रैक प्रतियोगिता में निम्नलिखित इवेंट्स शामिल होते हैं- तेज गति की दौड़ें-100मीटर,200मीटर,400मीटर, | ||
+ | .मध्यम गति की दौड़े-800मीटर,1500मीटर, .लंबी गति की दौड़ें-300मीटर,5000.,10000मी., मैराथन दौड़ (42.195 किमी.), 20 किमी. पैदल चाल, 50 किमी. पैदल चाल | ||
+ | |||
+ | {इनमें से किस आधार पर प्रत्येक व्यक्ति को पहचाना और उनमें अंतर किया जा सकता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-1 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -छात्रा चित्र द्वारा | ||
+ | -शरीर के प्रकार द्वारा | ||
+ | -विद्यालय के रिपोर्ट कार्ड द्वारा | ||
+ | +डी.एन.ए. जांच द्वारा | ||
+ | ||डी.एन.ए. जांच की आधार पर प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और उनमें अंतर किया जा सकता है। डी.एन.ए. के रूपचित्र की खोज जेम्स टॉसन एवं फ्रांसिस क्रिक द्वारा वर्ष 1953 में कई थी। इस खोज के लिए इन्हें वर्ष 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। | ||
+ | |||
+ | {सीखना किस पर निर्भर करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-13 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +परिपक्वता | ||
+ | -आयु | ||
+ | -आनुवांशिक | ||
+ | -शरीर के विकास का प्रकार | ||
+ | ||सीखने की प्रक्रिया परिपक्वता पर निर्भर करती है। जैसे-जैसे एक बालक परिपक्व होता जाता है, वह नई-नई क्रियाएं स्वयं ही सीखने लगता है। आयु बढ़ने से एक सामान्य बालक में परिपक्वता भी बढ़ती है और उसके सीखने की क्षमता में भी विकास होता है। | ||
+ | |||
+ | {डेकाथलॉन में होते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-2 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -6 ट्रैक और 4 फील्ड इवेंट | ||
+ | +4 ट्रैक और 6 फील्स इवेंट | ||
+ | -3 ट्रैक और 7 फील्ड इवेंट | ||
+ | -7 ट्रैक और 4 फील्ड इवेंट | ||
+ | ||डेकाथलॉन पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की प्रतियोगिता है जिसमें दस खेल होते हैं। दस खेलों में चार धावन, तीन कूद एवं तीन थ्रो प्रतियोगिता होती है अर्थात 4 ट्रैक एवं 6 फील्ड इवेंट होते हैं। | ||
+ | |||
+ | {"स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास करता है" यह कथन निम्न में से किसके द्वारा कहा गया है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-70 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -प्लेटो | ||
+ | -पावलोष | ||
+ | -जॉन दवे | ||
+ | +अरस्तू | ||
+ | ||"स्वस्थ शरीर में स्वस्थ्य मस्तिष्क का निवास" यूनान के प्रसिद्ध दार्शनिक 'थेल्स' के कथन है। अरस्तू के अनुसार, "शिक्षा स्वस्थ शरीर नें स्वस्थ मन का निर्माण करती है। यह यह व्यक्ति की क्षमता को बढ़ाती है। विशेषकर मानसिक शक्ति को जिससे वह परम सत्य, अच्छाई और सौंदर्य का आनंद लेने योग्य हो सके।" प्लेटो के अनुसार, "शिक्षा के दो रूप हो सकते हैं- पहला, यह कि शिक्षा हमें दैनिक कार्यों के लिए सक्षम बनती है। दूसरा, यह हमें देश सेवा के योग्य बनाती है।" चूंकि विकल्प में थेल्स नहीं है, अत: शिकल्प (d) अभीष्ट उत्तर होगा। | ||
+ | |||
+ | {बैलास्टिक प्रशिक्षण तरीका सबसे अच्छा प्रशिक्षण है बढ़ाने का- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-122 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -ताकत | ||
+ | -सहनशीलता | ||
+ | +लचीलापन | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||बैलास्टिक प्रशिक्षण तरीका शरीर का लचीलापन बढ़ाने का सबसे अच्छा प्रशिक्षण है। | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से कौन-सा घटक शारीरिक दक्षता और स्वास्थ (चेलनेस) को प्रभावित करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-2 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -तालमेल योग्यता | ||
+ | -गति | ||
+ | -अच्छा आसन | ||
+ | +विस्फोटक शक्ति | ||
+ | ||दिए गए विकल्पों में विस्फोटक शक्ति ही शारीरिक दक्षता और स्वास्थ्य (वेलनेस) को प्रभावित करने वाला महत्त्वपूर्ण कारक है। | ||
+ | |||
+ | {निशानेबाजी के क्षेत्र में वर्ष 2015 में किसे अर्जन पुरस्कार प्रदान किया गया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-168 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -अंजलि भागवत | ||
+ | -रोजन सोढ़ी | ||
+ | -विजय कुमार | ||
+ | +जीतू राय | ||
+ | ||निशानेबाजी के क्षेत्र में वर्ष 2015 में जीतू राय को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। | ||
+ | |||
+ | {लीग प्रतियोगिता में नियत तिथि (फिक्चर) की एक प्रक्रिया के रूप में किस विधि को सबसे आसान कहा जाता है क्योंकि किसी भी टीम को कोई बाई नहीं दी जाती है और भाग लेने वाली टीमों की संख्या विषम या सम होने की कोई समस्या नहीं होती? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-112 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +स्टेयरकेस | ||
+ | -टैब्युलर | ||
+ | -साइक्लिक | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||स्टेयरकेस विधि सबसे आसान विधि होती है। इसमें फिक्सचर्स सीढ़ी या सोपान की तरह बनाए होते हैं। इसमें कोई बाई नहीं दी जाती तथा टीमों की सम या विषय संख्या की भी कोई समस्या नहीं होती। | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {क्रिकेट बल्ले की लंबाई कितनी होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-3 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +38 इंच | ||
+ | -39 इंच | ||
+ | -37 इंच | ||
+ | -40 इंज | ||
+ | ||एक क्रिकेट बैट की लंबाई 38 इंच (965 मिमी.) और अधिकतम चौड़ाई 4.25 (108 मिमी.) होती है। | ||
+ | |||
+ | {बॉस्केटबाल से संबंधित ट्रोफी है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-3 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +एस.एम. अर्जुन राजा | ||
+ | -पूर्णिमा ट्रॉफी | ||
+ | -ध्यानचंद ट्रॉफी | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||एस.एम. अर्जुन राजा ट्रॉफी बॉस्केटबाल से संबंधित है। बॉस्केटबॉल से संबंधिक अन्य महत्त्वपूर्ण कप एवं ट्रॉफी निम्नलिखित हैं- .FEBA एशिया कप .सर्विसेज ट्रॉफी .टोड मेमोरियल ट्रॉफी .प्रिंस वसालत झा ट्रॉफी .बी.सी. गुप्ता ट्रॉफी .फेडरेशन कप .विलियम जेंस कप .बंगलौर ब्लूज चैलेंज कप .यूरोपियन बॉस्केटबाल चैंपियनशिप (यूरोपियन कप) .अमेरिकन बॉस्केटबाल (अमेरिकन कप) | ||
+ | .FIBA एशिया .सर्विसेज ट्रॉफी | ||
+ | .टोड मेमोरियल ट्रॉफी .प्रिंस वसालत झा ट्रॉफी | ||
+ | .बी.सी. गुप्ता ट्रॉफी .फेडरेशन कप | ||
+ | (08.10.2016) | ||
+ | .विलियम जोंस कप .बंगलौर ब्लूज चैलेंज कप | ||
+ | .यूरोपियन बॉस्केटबाल चैंपियनशिप (यूरोपियन कप) .अमेरिकन बॉस्केटबाल चैंपियनशिप (अमेरिका कप) | ||
+ | |||
+ | {भारत सरकार द्वारा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत कब की गई। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-2 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -1984-1985 | ||
+ | +1991-1992 | ||
+ | -2001-2002 | ||
+ | -2006-2007 | ||
+ | ||राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भारत में दिया जाने वाला सबसे बड़ा खेल पुरस्कार है। इस पुरस्कार का नाम भारत के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया है। प्रथम बार वर्ष 1991-1992 में यह पुरस्कार शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनन्द को प्रदान किया गया है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-3 | ||
+ | |||
+ | {किस भारतीय को सर्वप्रथम विम्बलडन पुरस्कार प्रदान किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-14 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +रामनाथ कृष्णन | ||
+ | -रमेश कृष्णन | ||
+ | -विजय अमृतराज | ||
+ | -जयदीप मुखर्जी | ||
+ | ||पूर्व भारतीय टेनिस खिलाड़ी रामनाथन कृष्णन ने वर्ष 1954 के विम्बलडन में बालक वर्ग की एकल एपर्द्धा में ऑस्ट्रेलिया के एशले को पराजित कर यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले प्रथम एशियाई खिलाड़ी बने थे। | ||
+ | |||
+ | {कृष्णा पूनिया किस खेल से संबंधित हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-3 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -कबड्डी | ||
+ | -वालीबॉल | ||
+ | +एथलेटिक | ||
+ | -फुटबॉल | ||
+ | ||कृष्णा पूनिया भारतीय चक्का फेंक खिलाड़ी हैं। कृष्णा पूनिया ने 19 वें राष्ट्रमंडल खेलों में डिस्कस थ्रो की स्पर्धा में 61.51 मीटर की दूरी तक चक्का फेंक कर स्वर्ण पदक प्राप्त किया। कृष्णा राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रैक एवं फील्ड इतिहास में स्वर्ण पदक जीतने वाली प्रथम भारतीय महिला और मिल्खा सिंह के बाद दूसरी भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। | ||
+ | |||
+ | {मदिराशिरा (हैमस्ट्रिंग) मांसपेशी का प्रयोग होता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-71 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -प्लेटो फैलाने में | ||
+ | +घुटने मोड़ने में | ||
+ | -कोहनी फैलाने में | ||
+ | -कोहनी मोड़ने में | ||
+ | ||मदिराशिरा (हैमस्ट्रिंग) मांसपेशी हमारे जांघों के पीछे भाग में पाई जाती है। इसका कार्य घुटने मोड़ने में तथा हिप के विस्तार में होता है। | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में कौन-सी ऐरोबिक क्रिया नहीं हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-123 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -जॉगिंग | ||
+ | -साइक्लिंग | ||
+ | +कलिसथेनिक्स | ||
+ | -परिधि प्रशिक्षण | ||
+ | ||एरोबिक का अर्थ है- ऑक्सीजन के साथ एरोबिक क्रियाओं में हमारे शरीर को अधिक मात्रा में ऊर्जा तथा ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। शरीर की ऑक्सीजन प्रयोग क्षमता कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर निर्भर करती है। फेफड़ों, हृदय और रक्त के द्वारा ही हमारे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचती है। लंबी अवधि के व्यायाम में मांसपेशियों का ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। ऑक्सीजन पुष्टि के विकास के लिए साइक्लिंग, जॉगिंग, तालबद्ध व्यायाम, कैलिस्थनेक्सि आदि एरोबिक क्रियाएं प्रयोग में लाई जाती हैं। | ||
+ | |||
+ | {अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ की स्थापना किस वर्ष में हुई? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-3 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -1924 | ||
+ | +1926 | ||
+ | -1927 | ||
+ | -1928 | ||
+ | ||अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस संघ की स्थापना वर्ष 1926 में हुई थी। इंग्लैंड में ही Ping-Ping Association का गठन हुआ। बाद में इसी का नाम बदलकर वर्ष 1926 में 'टेबल टेनिस एसोशिएशन' रखा गया। | ||
+ | |||
+ | {द्रोणाचार्य और अर्जुन पुरस्कारों के लिए नाम-द्वारा मंगाए जाते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-169 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गैस-सरकारी संगठनों (NGO) | ||
+ | -नेताजी सुभाष राष्ट्रीय खेल संस्थान (NSNIS) | ||
+ | -भारतीय ओलंपिक संघ | ||
+ | +राष्ट्रीय खेल परिसंघों व युवा कार्य और खेल मंत्रालय | ||
+ | ||द्रोणाचार्य एवं अर्जुन पुरस्कार के लिए नामांकन सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल से संघ जो भारत सरकार, भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन व राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों द्वारा मान्यता प्राप्त हों, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष आमंत्रि किए जाते हैं। | ||
+ | |||
+ | {अंतरंगता के उद्देश्यों के रूप में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-113 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -छात्रों के बीच नेतृत्व गुण विकसित करना | ||
+ | -खिलाड़ीपन की भावना विकसित करना | ||
+ | +खेल का स्तर बेहतर करना | ||
+ | -प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को ढूंढ़ निकालना | ||
+ | ||खेल का स्तर बेहतर करना अंतरंगता के उद्देश्यों में सम्मिलित नहीं है। अंतरंगता के निम्नलिखित उद्देश्य होते हैं- 1.प्रत्येक विद्यार्थी को खेलकूद में भाग लेने का अवसर प्रदान करना, 2.विद्यार्थियों में नेतृत्व के गुणों का विकास करना, 3.सहयोग की भावना को विकसित करना, 4.मनोरंजन प्रदान करना, 5.खेल भावना को विकसित करना और 6.प्रतिभावान खिलाड़ियों का पता लगाना। | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {स्किन फोल्ड कैलीपर से मापा जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-4 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -शरीर की लंबाई | ||
+ | +शरीर की वसा | ||
+ | -शरीर की श्वसन स्तर | ||
+ | -शरीर का भार | ||
+ | ||स्किन फोल्ड कैलीपुर से शरीर की वसा को मापा जाता है। | ||
+ | |||
+ | {वह कौन सा-फ्रैक्चर है जिसमें हड्डियों के कुछ हिस्से में ब्रेक आता हैं(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-4 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -साधारण | ||
+ | -मल्टीपल | ||
+ | +ग्रीन स्टिक | ||
+ | -इम्पैक्ट | ||
+ | ||फ्रैक्चर मुख्यत: निम्न प्रकार के होते हैं- साधारण फ्रैक्चर-इनमें हड्डी टूटती है, ऊपरी त्वचा नहीं। | ||
+ | मिश्रित फ्रैक्चर- इसमें हड्डी एवं त्वचा दोनों टूटती है तथा संक्रमण (Infrction) का खतरा रहता है। मल्टीपल (Multipal) फ्रैक्चर- इसमें हड्डी एक से ज्यादा जगह से टूटती है। कामिनूटेड (Comminuted) फ्रैक्चर-इसमें क्रशिंग चोट के कारण हड्डी कई खण्डों में टूट पाती है या चकनाचूर (Splinter or shattar) हो जाती है। स्पायरल फैक्चर- इसमें हड्डियों का कम से कम एक भाग टूटकर मुड़ जाता (Twisted) है। ग्रीन स्टिक फ्रैक्चर-इसमें हड्डियों के कुछ हिस्से में ब्रेक आता है। इम्पैक्ट फ्रैक्चर-इसमें एक हड्डी टूट कर दूसरी में प्रवेश कर जाती है। | ||
+ | |||
+ | {इनमें से कौन शारीरिक तंत्र है जो शारीरिक व्यायाम में शायद सम्मिलित नहीं होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-4 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +पाचन तंत्र | ||
+ | -हृदय श्वसन तंत्र | ||
+ | -शवसन तंत्र | ||
+ | -मांसपेशीय तंत्र | ||
+ | ||पाचन तंत्र एक ऐसा शारीरिक तंत्र है किसका कार्य भोजन का पाचन एवं अवशोषण करना होता है। यह मानव की मुख्य गुहा से लेकर मलद्वार तक विभिन्न सहायक पाचन ग्रंथियों के मिलने से निर्मित होता है। इसका कार्य भोजन का पाचन एवं शेष वर्ज्य पदार्थों का उत्सर्जन करना होता है। शारीरिक व्यायाम में मांसपेशियां, श्वसन तंत्र तथा हृदय सक्रिय रूप से सम्मिलित रहते हैं। | ||
+ | |||
+ | {खजान सिंह किस खेल से जुड़े हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-16 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -वॉलीबॉल | ||
+ | -वेटलिफ्टिंग | ||
+ | +तैराकी | ||
+ | -एथलीट | ||
+ | ||खजान सिंह तैराजी से संबंधित हैं। इन्होंने वर्ष 1986 सियोल एशियन गेम्स रजत पदक जीता था। | ||
+ | |||
+ | {पुरुषों के डिस्कस का वजन होता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-4 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -2.50 किग्रा | ||
+ | +2.00 किग्रा | ||
+ | -2.75 किग्रा | ||
+ | -2.25 किग्रा | ||
+ | ||पुरुषों की स्पर्धा में डिस्कस (चक्का) का वजन 2.00 किलोग्राम होता है, जबकि महिलाओं की स्पर्धा में 1.00 किग्रा का डिस्कस प्रयुक्त होता है। | ||
+ | |||
+ | {शारीरिक शिक्षा के आधारभूतों को शक्ति प्रदान करते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-72 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +वैज्ञानिक तथ्य | ||
+ | -तत्त्वज्ञानी अवधारणाएं | ||
+ | -सांस्कृतिक परंपराएं | ||
+ | -सामाजिक व्यवहारिकता | ||
+ | ||शारीरिक शिक्षा के आधारभूतों को वैज्ञानिक तथ्य एक नई शक्ति प्रदान करते हैं जिससे बालकों में मानसिक कौशल का विकास होता है। | ||
+ | |||
+ | {शरीर गर्माना करता है-(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-124 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -हृदय गति को कम करता है। | ||
+ | +शरीर व मांसपेशी तापमान को बढ़ाना | ||
+ | -फेफड़ों के वॉल्यूम को बढ़ाना | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||किसी भी कार्य को सुचारु रूप से तथा कुशलतापूर्वक करने के लिए उसके शरीर को उसके लिए तैयार करना बहुत आवश्यक होता है। शरीर को प्रारंभ में हल्के-फुल्के व्यायामों से गर्माने में मांसपेशियों का संकुचन दूर हो जाता है और उनमें फैलाव आ जाता है। | ||
+ | |||
+ | {ओलंपिक में भारत ने बास्केटबॉल स्पर्धा में भाग लिया- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-4 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -टोक्यो, 1964 | ||
+ | -म्यूनिच, 1972 | ||
+ | -मॉन्ट्रियल, 1976 | ||
+ | +मॉस्को, 1980 | ||
+ | ||मॉस्को ओलंपिक, 1980 में भारत ने बास्केटबॉल स्पर्धा में भाग लिया। | ||
+ | |||
+ | {बी एम आई (शरीर आकार सूचकांक) मोटापा जानने की विधि है। बी एम आई की गणना करने का सूत्र है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-170 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -मीटर में कद (लंबाई)2/किग्रा. में वजन | ||
+ | -कद (लंबाई)Xकद (लंबाई)/(किग्रा. में वजन) | ||
+ | +किग्रा.में वचन/(मीटर में लंबाई)2 | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से कौन विशिष्ट खेलकूद कार्यक्रम के अंतर्गत आते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-174 प्रश्न-114 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -मजे के लिए दौड़ | ||
+ | -स्वास्थ्य के लिए दौड़ | ||
+ | -एकता के लिए दौड़ | ||
+ | +उपर्युक्त सभी | ||
+ | ||विशिष्ट खेलकूद कार्यक्रम के अंतर्गत निम्नलिखित बिंदुओं को सम्मिलित किया जा सकता है- 1.मजे के लिए दौड़ | ||
+ | 2स्वास्थ्य के लिए दौड़ .3.एकता के लिए दौड़ 4.जागरूकता के लिए दौड़ | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {हॉकी खेल में अंपायर के ग्रीन कार्ड दिखाने का संकेत है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-5 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +चेतावनी | ||
+ | -अस्थायी निलंबन | ||
+ | -खेल का प्रारंभ करना | ||
+ | -चिकित्सा ध्यान | ||
+ | ||हॉकी खेल में अंपायर के ग्रीन कार्ड दिखाने का संकेत एक अधिकारिक चेतावनी है जो खिलाड़ी द्वारा हॉकी नियमों के छोटे उल्लंघन के लिए दी जाती है। | ||
+ | |||
+ | {स्क्रेप त्वचा व म्यूकस झिल्ली कहलाती है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-5 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -एबरेसन | ||
+ | -कांटयूजन | ||
+ | -ब्रूइस | ||
+ | +स्ट्रेन | ||
+ | ||स्क्रेप त्वचा व म्यूकस झिल्ली को एबरेसन (Adrasion) कहते हैं जो मामूली चोट है। यदि यब बड़े क्षेत्र में फैलती है, तो समस्या बनती है। इसमें खून बहने लगता है तथा कुछ देर दर्द रहता है। | ||
+ | |||
+ | {मांसपेशियों को पूर्ण टोन रखने का एकमात्र उपाय है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-4 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -यौगिक आसन और क्रिया करना | ||
+ | -मांसपेशियों को हर समय गरिशील रखना | ||
+ | +उचित और पर्याप्त व्यायाम करना | ||
+ | -प्रत्येक सुबह तेल शामिल करना | ||
+ | ||मांसपेशियों को पूर्ण टोन रखने का एकमात्र उपाय उचित मात्रा में पर्याप्त एवं संतुलित व्यायाम करना है। पेशीय टोन मांसपेशियों की आंतरिक विशेषता नहीं है अपितु यह तंत्रिका की एक प्रतिवर्ती क्रिया का रूप है। | ||
+ | |||
+ | {बैडमिंटन कोर्ट की लंबाई और चौड़ाई होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-17 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -40x25 फीट | ||
+ | +44x20 फीट | ||
+ | -35x15 फीट | ||
+ | -44x22 फीट | ||
+ | ||बैडमिंटन कोर्ट की लंबाई 44 फीट एवं चौड़ाई 20 फीट होती है। | ||
+ | |||
+ | {खेल सामग्री के चयन में सबसे अधिक ध्यान में रखने वाला कारक है, उसका-- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-5 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -मूल्य | ||
+ | -स्त्रोत | ||
+ | -उपयोगिता | ||
+ | +गुणवता | ||
+ | ||किसी भी वस्तु को खरीदते समय सदैव उस वस्तु की गुणवता का विशेष ध्यान रखना चाहिए, खेल सामग्री के संदर्भ में भी यह उपयोगिता अत्यंत आवश्यक है। | ||
+ | |||
+ | {शरीरिक दक्षता क्षमता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-73 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +दैनिक कार्य करने की | ||
+ | -मूलभूत कौशल मापने की | ||
+ | -समूह का वर्गीकरण करने की | ||
+ | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
+ | ||शारीरिक दक्षता क्षमता व्यक्ति का दैनिक कार्य करने की क्षमता है। सामान्यत: शारीरिक दक्षता व्यायाम, सही आहार और पर्याप्त आराम द्वारा हासिल होती है। निक्सन के अनुसार, "शारीरिक शिक्षा व्यक्ति की अवयव क्षमता संबद्ध है जिसमें हम अपने रोजाना के सामान्य कार्य बिना थके संपन्न करते हैं और अचानक आने वाली किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल और ऊर्जा सुरक्षित रकते हैं। | ||
+ | |||
+ | {कौन-सी एरोबिक क्रिया मुख्यत: मनोरंजन के काम आती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-125 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -कैलिसथेनिक्स | ||
+ | +तालबद्ध व्यायाम | ||
+ | -जॉगिंग | ||
+ | -साइक्लिंग | ||
+ | ||तालबद्ध व्यायाम एरोबिक क्रिया मनोरंजन के काम भी आती है। इसमें एक समूह में लोग आपसी प्रतिस्पर्धा करते हैं। | ||
+ | |||
+ | {मनुष्य की कबड्डी खेल खेलने की समय सीमा क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-5 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +20-20 मिनट | ||
+ | -15-15 मिनट | ||
+ | -25-25 मिनट | ||
+ | -30-30 मिनट | ||
+ | ||कबड्डी खेल खेलने की समय सीमा 20-20 मिनट के दो अर्थ जबकि महिलाओं तथा जूनियर्स के मैच का समय 15-15 मिनट के दो अर्ध होते हैं। इस खेल में मध्यांतर 5 मिनट का होता है। प्रत्येक टीम के खिलाड़ियों की 7 संख्या होती है तथा 5 अतिरिक्त खिलाड़ी होते हैं। | ||
+ | |||
+ | {किस रोग को 'लॉक जॉ' भी कहा जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-171 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +टेटनस | ||
+ | -रेबीज | ||
+ | -कुष्ठ (कोढ़) | ||
+ | -खसरा | ||
+ | ||टेटनस रोग क्लॉस्ट्रीडियम टिटेनी नामक बैक्टीरिया से होता है। यह एक गंभीर बैक्टीरिया जन्य संक्रमण है जो हमारे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसे 'लॉक जॉ' भी कहते हैं क्योंकि यह संक्रमण सर्वप्रथम जबड़े तथा गले की पेशियों में संचुकन पैदा करता है और बाद में यह शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है। | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से कौन सकारात्मक खेलकूद माहौल के लिए सही अनिवार्य तत्त्व हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-115 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -प्राकृतिक जलवायु दशाएं | ||
+ | -समाज की संस्कृति और परंपरा | ||
+ | -अधिकारियों और दर्शकों का रवैया और व्यवहार | ||
+ | +उपर्युक्त सभी | ||
+ | ||सकारात्मक वारावरण के लिए निम्नलिखित अवयवों की आवश्यकता होती है। .जलवायु संबंधी सामान्य दशाएं .समाज की संस्कृति एवं परंपरा .खेल अधिकारियों एवं दर्शकों का रवैया एवं व्यवहार .माता-पिता एवं खिलाडियों का रवैया एवं व्यवहार .खेल, प्रशिक्षण एवं सुरक्षात्मक उपकरण .नशीली दवाओं, तंबाकू व मदिरा से मुक्त वातावरण | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {रेडियो अल्ला अस्थि कहां स्थित होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-7 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +फोर आर्म | ||
+ | -ओलर लेग | ||
+ | -पैर | ||
+ | -अपर आर्म | ||
+ | ||मनुष्य के दोनों फेफड़ों में अल्वेयोली (alveoli) की अनुमानित संख्या 700 मिलियन से 800 मिलियन (औसतन 750 मिलियन) होती है। अल्वेयोली फेफड़े की संरचनात्मक व कार्यात्मक ईकाई होते हैं एवं यही पर फेफड़ों में गैसीय विनिमय होता है। | ||
+ | |||
+ | {समाचार-पत्र, टीवी एवं प्रदर्शनी किसके मुख्य साधन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-6 | ||
+ | -शिक्षण | ||
+ | -मूल्यांकन | ||
+ | -पत्रकारिता | ||
+ | +जनसंपर्क | ||
+ | समाचार पत्र, टीवी, प्रदर्शनी तथा आजकल प्रचलित इंटरनेट एवं ऑनलाइन-समाचार और वीडियो एडिटिंग करके अपने-अपने विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण कहते हैं जो जनसाधारण के लिए मनोरंजनकारी, आवश्यक एवं उपयोगी होता है। | ||
+ | |||
+ | {किसी परीक्षण की विधता (Validity) किसके द्वारा निर्धारित होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-5 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -आंकड़ों को कुछ प्रक्रिया द्वारा तुलनात्मक जांच कर | ||
+ | +परीक्षण को उसी से मिलते-जुलते परीक्षण से संबद्ध कर | ||
+ | -कई स्तरों पर परिदर्श का परीक्षण कर | ||
+ | -एक ही तरह के आंकड़ों पर कम से कम तीन बार लगातार परीक्षण करके | ||
+ | ||किसी परीक्षण की वैधता (Validity) परीक्षण के उसी से मिलते-जुलते परीक्षण से संबद्ध कर निर्धारित की जाती है। परीक्षण की वैधता से तात्पर्य परीक्षण की उस क्षमता से होता है जिससे वह कार्य विशेष या गुण विशेष का मापन करता है जिसके लिए उसे बनाया गया है। | ||
+ | |||
+ | {किस यंत्र द्वारा शक्ति का मापन किया जाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-18 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -मैनोमीटर | ||
+ | -गोनियोमीटर | ||
+ | +डायनेमोमीटर | ||
+ | -भार प्रशिक्षण | ||
+ | |||
+ | {सुशील कुमार किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-6 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -फुटबॉल | ||
+ | -मुक्केबाजी | ||
+ | +कुश्ती | ||
+ | -कबड्डी | ||
+ | ||सुशील कुमार भारत के एक कुश्ती पहलवान हैं जो वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत 2008 के बीजिंग ओलंपिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जितकर भारतीय खिलाड़ी बने। वर्ष 2014 के राष्ट्रमंडल खेलों में इन्होंने स्वर्ण पदक प्राप्त किया। | ||
+ | |||
+ | {लड़कियों में मुख्य शारीरिक विकलांगता आमतौर पर होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-74 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +कायाफोसिस | ||
+ | -लोरडोसिस | ||
+ | -स्कोलियोसिस | ||
+ | -अरोजल | ||
+ | ||लड़कियों में मुख्यत: होने वाली शारीरिक विकलांगता आमतौर पर 'कायफोसिस' होती है। | ||
+ | |||
+ | {शरीर की संरचना के अध्ययन को कहते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-126 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -शरीर क्रिया विज्ञान | ||
+ | -वनस्पति विज्ञान | ||
+ | +शरीर रचना विज्ञान | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||शरीर रचना विज्ञान शरीर के ढांचे के अध्ययन को कहते हैं। वनस्पति विज्ञान, जीव विज्ञान की एक आखा है जिसके अंतर्गत वनस्पतियों तथा पेड़-पौधों का अध्ययन किया जाता है। जीवित प्राणियों से संबंधित प्राकृतिक घटनाओं का अध्ययन और उनका वर्गीकरण प्रत्येक कार्य के उपयुक्त अंग निर्धारण और उन अवस्थाओं का अध्ययन जिनसे प्रत्येक क्रिया निर्धारित होती है शरीर क्रिया विज्ञान के अंतर्गत आते हैं। | ||
+ | |||
+ | {कबड्डी खेल में 'लोना' के लिए कितने अंक दिए जाते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-6 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -6 अंक | ||
+ | -4 अंक | ||
+ | -3 अंक | ||
+ | +2 अंक | ||
+ | ||कबड्डी खेल में लोना के लिए दो अंक मिलते हैं। बोनस का अंक लेने के लिए विपक्षी टीम में कम-से-कम 6 खिलाड़ी होने चाहिए। यदि किसी खिलाड़ी को तकनी की फाउल के दंड के फलस्वरूप बाहर सिटिंग लॉबी में बठाया गया हो, तो बोनस अंक के लिए उसे भी खेल का सदस्य समझा जाएगा। | ||
+ | |||
+ | {डिक फॉसबरी, जिनके नाम पर ऊंची कूद के खेल में फॉसबरी फ्लॉप तकनीक का नाम रखा गया गया है, किस देश के खिलाड़ी थे? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-172 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -यूनान (ग्रीस) | ||
+ | -जर्मनी | ||
+ | -फ्रांस | ||
+ | +अमेरिका | ||
+ | ||डिक फॉसबरी अमेरिका के एथलीट हैं जिन्होंने ऊंची कूद में फॉसबरी फ्लॉप तकनीक का सर्वप्रथम प्रयोग किया। इस तकनीक में खिलाड़ी पीठ की तरफ से ऊंची कूद कूदता है। | ||
+ | |||
+ | {माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका श्वसन और---में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-116 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -चयापचयी कार्य | ||
+ | +ऊर्जा के उत्पादन | ||
+ | -कार्बन डाइऑक्साइड का उन्मूलन | ||
+ | -न्यूरो संचारण | ||
+ | ||माइटोकॉन्ड्रिया समस्त कोशिका द्रव्य के अंतर्गत सूक्ष्म आण्विक थैलियां है। ये कोशिकीय श्वसन एवं ऊर्जा पैदा करने के मुख्य केंद्र हैं जो 'कोशिकाओं के बिजलीघर' के नाम से जाने जाते हैं। | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {सर्प काटने के तुरंत बाद क्या करना चाहिए? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-36 प्रश्न-8 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -चूसना | ||
+ | +क्रेप बैंडेज का प्रयोग | ||
+ | -रोगाणुरोधक का प्रयोग | ||
+ | -दो निकेट बैंडेज का प्रयोग | ||
+ | ||सर्प काटने के तुरंत बाद क्रेप बैंडेज का प्रयोग करना उचित होता है क्योंकि इस बैंडेज को सर्प दंश वाली भुजा में लपेट देने से भुजा की गतिशीलता कम हो जाती है और जहर के खून में फैलने की तीव्रता कम हो जाती है। | ||
+ | |||
+ | {समाचार-पत्र, टी.वी. एवं प्रदर्शनी किसके मुख्य साधन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-22 प्रश्न-6 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -शिक्षण | ||
+ | -मूल्यांकन | ||
+ | -पत्रकारिता | ||
+ | +जनसंपर्क | ||
+ | ||समाचार पत्र, टी.वी., प्रदर्शनी तथा आजकल प्रचलित इंटरनेट एवं ऑनलाइन -समाचार पत्र आदि जनसंपर्क के मुख्य साधन हैं। इसमें पत्रकार एडिटिंग और वीडियों एडिटिंग करके अपनेअपने विषय वस्तु का प्रस्तुतीकरण करते हैं जो जनसाधारण के लिए मनोरंजनकारी, आवश्यक एवं उपयोगी होता है। | ||
+ | |||
+ | {पूर्ण मांसपेशीय टोन इनमें से किससे सर्वाधिक संबंधित होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-6 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गतिविधि समय (मूवमेंट टाईम) | ||
+ | -प्रतिक्रिया समय | ||
+ | -विश्राम समय | ||
+ | +प्रत्युत्तर समय | ||
+ | ||पूर्व मांसपेशीय टोन प्रत्युत्तर समय से सर्वाधिक संबंधित होता है। पेशीय टोन मांसपेशियों की आंतरिक विशेषता नहीं है अपितु यह तंत्रिका तंत्र की एक प्रतिवर्ती क्रिया के रूप में होती है। | ||
+ | |||
+ | {'कठोनाई की डिग्री' निम्न में से किससे संबंध रखती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-19 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -तीरंदाजी | ||
+ | -डाइविंग | ||
+ | +तैराकी | ||
+ | -असि क्रीडा | ||
+ | ||'कठिनाई की डिग्री' का संबंध तैराकी के खेल से है। यह गोता लगाने से संबंधित सारिणी है। | ||
+ | |||
+ | {भारत का खेल मंत्री कौन है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-7 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -श्री मनोहर सिंह गिल | ||
+ | +श्री अजय माकन | ||
+ | -श्री सुरेश कलमाडी | ||
+ | -श्री कमलनाथ | ||
+ | ||प्रश्नकाल में भारत के खेल मंत्री श्री अजय माकन थे। वर्तमान में खेल मंत्री श्री जीतेंद्र सिंह है। | ||
+ | |||
+ | {एक विकृति दूसरी विकृति के विकास के कारण होती है, अत: नॉक नीज (घुटने जुड़ने) का कारण होता है।(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-76 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +फ्लैट फुट (चपटा तलवा) | ||
+ | -धनुष पैर | ||
+ | -जानु पैर | ||
+ | -पार्श्च कुब्जता (स्कोलियोसिस) | ||
+ | ||प्राय: फ्लैट फुट अर्थात पैर का तलवा चपटा होने के कारण नॉक नीज (घुटने जुड़ने) नामक विकृति विकसित होती है। | ||
+ | |||
+ | {कोशिका का अध्ययन कहा जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-127 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +साइटोलॉजी | ||
+ | -बायोलॉजी | ||
+ | -हिस्टोलॉजी | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||कोशिका का अध्ययन साइटोलॉजी कहलाता है। बायोलॉजी, विज्ञान की एक शाखा है जिसके अंतर्गत जंतु विज्ञान तथा वनस्पति विज्ञान सम्मिलित है। हिस्टोलॉजी या ऊतक विज्ञान के अंतर्गत सूक्ष्म शरीर अंगों के भीतर ऊतकों की संरचना तथा उनके विन्यास का अध्ययन किया जाता है। | ||
+ | |||
+ | {बास्केटबॉल खेल में तीन अंकों मैदानी गोलाकार एरिया है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-7 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -5.75 मीटर | ||
+ | -6.00 मीटर | ||
+ | +6.75 मीटर | ||
+ | -6.50 मीटर | ||
+ | ||बास्केटबॉल खेल में तीन अंकों वाली रेखा की दूरी बढ़ाकर 6,75 मीटर कर दी गई है जबकि पहले इसकी दूरी 6.25 मीटर होती थी। अब प्रतिबंधित क्षेत्र को आयताकार कर दिया है तथा 30 सेकंड के नियम के स्थान पर 24 सेकंड का नियम लागू कर दिया गया है। आयोग द्वारा जारी उत्तर कुंजी में इस प्रश्न को मूल्यांकन से बाहर कर दिया गया है। | ||
+ | |||
+ | {मानक शरीर में हिंज संधि--- में पाई जाती है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-168 प्रश्न-173 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +कोहनी | ||
+ | -श्रोणि | ||
+ | -कलाई | ||
+ | -करभिका (मेटाकार्पल) | ||
+ | ||हिंज (कब्जे वाला) जोड़ा है जो एक ही तरफ पर आगे अथवा पीछे जाने की इजाजत देता है, ठीक जिस प्रकार दरवाजों के साथ लगे कब्जे एक तरफ ही घूमते हैं। मानव शरीर में घुटनों, कोहनी, अंगुलियों के जोड़, हिंज जोड़ के उदाहरण हैं। | ||
+ | |||
+ | {संहत जानु (नॉक नी) एक किस्म की आम मुद्रा विकृति है जिसे--योगासन से ठीक किया जा सकता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-117 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -धनुरासन | ||
+ | -वज्रासन | ||
+ | +गोमुखासन | ||
+ | -इनमें सें कोई नहीं | ||
+ | ||घुटनों का टकराना या नॉक नी एक किस्म की आम मुद्रा विकृति है जो निम्न उपायों से ठीक किया जा सकता है- .नियमित घुड़सवारी करें। .कुछ समय के लिए नियमित रूप से पद्मासन व गोमुखासन अवश्य करना चाहिये। .दोनों घुटनों के बीच में तकिया रखें तथा कुछ समय तक बिल्कुल सीधे खड़े रहें। .वर्किंग़ कैलिपर्स का प्रयोग करें। .कॉड लिवर ऑयल का उपयोग करें। .गंभीर विकृति होने पर, डॉक्टर से संपर्क करें। | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {वर्ष 2010 में पुरुष हॉकी चैंपियनशिप विश्व कप कहां आयोजित किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-10 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -हॉलैंड | ||
+ | -ऑस्ट्रेलिया | ||
+ | +भारत | ||
+ | -स्पेन | ||
+ | ||वर्ष 2010 में पुरुष हॉकी विश्व कप का आयोजन फरवरी-मार्च में भारत में किया गया था। ऑस्ट्रेलिया ने फाइनल में जर्मनी को 2-1 से पराजित कर विश्व कप का खिताब जीत लिया था। | ||
+ | |||
+ | {कर्णों की क्रियाविधि कौन-सी है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-7 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -श्रवण | ||
+ | -संतुलन | ||
+ | +उपर्युक्त दोनों | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||कर्णों के दो कार्य हैं- श्रवण ज्ञान व शरीर का संतुलन बनाए रखना। यह कार्य कॉक्लिया (Cochlea) तथा वेस्टीबुलर (Vestibular) भाग द्वारा संपन्न होता है। | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से किस प्राचीन दार्शनिक ने शारीरिक शिक्षा को युवाओं में चारित्रिक विशिष्ट गुण लाने का सबसे सशक्त माध्यम बताया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-5 प्रश्न-7 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -सुकरात | ||
+ | +प्लेटो | ||
+ | -अरस्तू | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||प्लेटो यूनान का प्रसिद्ध दार्शनिक था। वह महान दार्शनिक सुकरात का शिष्य तथा अरस्तू का गुरु था। इसका जन्म 428 ई.पू. एथेंस में हुआ था। इन्होंने शारीरिक शिक्षा को युवाओं में चारित्रिक विशिष्ट गुण लेने का सबसे सशक्त माध्यम बताया था। | ||
+ | |||
+ | {निम्न में से एंटीना किसका भाग है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-20 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -बास्केटबॉल | ||
+ | -फुटबॉल | ||
+ | +वॉलीबॉल | ||
+ | -टेनिक | ||
+ | ||'एंटीना', वॉलीब्ल खेल में सम्बंधित है जो नोट के दोनों ओर एक लंबवत विस्तार होता है और बॉल को एंटीना के बीच से गुजरना आवश्यक होता है। | ||
+ | |||
+ | {ऑस साइड नियग किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-202 प्रश्न-8 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | 'ऑफ साइड नियम' फुटबॉल खेल से संबंधित है। यह विश्व का सबसे प्रसिद्ध खेल है जो विश्व के सबसे ज्यादा देशों के मध्य खेला जाता है। इसका नियंत्रण 'फीफा' द्वारा किया जाता है। ऑफ साइड नियम के अनुसार, आगे का खिलाड़ी गेंद के बिना दूसरे बचाव खिलाड़ी के आगे नहीं जा सकता है। अगर कोई खिलाड़ी सभी विपक्षी खिलाड़ियों से आगे निकल आए गेंद उसको पास की जाए. तो उसे ऑफ साइड करार दिया जाता है। | ||
+ | |||
+ | {ट्रम्पोलिन किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-210 प्रश्न-77 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -तैराकी | ||
+ | -बाउलिंग | ||
+ | -तलवार बाजी | ||
+ | +जिम्नास्टिक | ||
+ | ||ट्रेम्पोलिन जिम्नाटिक खेल से संबंधित है। यह एक प्रकार का उपकरण है जिसमें लोग मनोरंजन तथा प्रतिस्पर्धात्मक क्रिया-कलापों के लिए कूदते हैं। | ||
+ | |||
+ | {हड्डियों का अध्ययन कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-128 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +ओस्टियोलॉजी | ||
+ | -एंथ्रोलॉजी | ||
+ | -मायोलॉजी | ||
+ | -इनमें से कोई नहीं | ||
+ | ||अस्थि विज्ञाब के अंतर्गत हड्डियों का अध्ययन किया जाता है। यह मानव विज्ञान और पुरातत्त्व की एक शाखा है। मांसपेशियों का अध्ययन मायोलॉजी कहलाता है। | ||
+ | |||
+ | {गोला फेंकने के सेक्टर का कोण है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-10 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -40.920 | ||
+ | +34.920 | ||
+ | -45.920 | ||
+ | -42.920 | ||
+ | ||गोले का भार पूरुषों के लिए लगभग 7.260 किग्रा. तथा महिलाओं के लिए लगभग 4 किग्रा होता है। सेक्टर का कोण 34.920 तथा सर्कल का व्यास 2.135 मी. होता है। | ||
+ | |||
+ | {ओलंपिक ध्वज में शामिल है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-176 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +बिना किसी किनारे के सफेद पृष्ठभूमि और बीच में ओकंपिक प्रतीक चिह्न। | ||
+ | -काले किनारे के साथ सफेद पृष्ठभूमि और बीच में ओलंपिक प्रतीक चिह्न। | ||
+ | -काले किनारे के साथ पीली पृष्ठभूमि और दाएं कोने में शीर्ष पर ओलंपिक प्रतीक चिह्न। | ||
+ | -बिना किसी किनारे के धूसर पृष्ठभूमि और बीच में ओलंपिक प्रतीक चिह्न। | ||
+ | ||ओलंपिक ध्वज में बिना किसी किनारे के सफेद पृष्ठभूमि एवं बीच में ओलंपिक प्रतीक चिह्न शामिल होता है। ओलंपिक ध्वज सफेद सिल्क का बना होता है जिस पर पांच छल्ले होते हैं। ये छल्ले आपस में जुड़े होते हैं जो विश्व के पांच महाद्वीपों तथा अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, एशिया एवं अफ्रीका का प्रतिनिधित्व करते हैं? | ||
+ | |||
+ | {"पट अवस्था में अर्थात छाती के बल लेटना, दाईं बांह ऊपर की ओर और बाईं बांह बगल में रखना, इसके बाद दाईं बांह को सिर के ऊपर बाईं ओर उठाना, बाएं हाथ से नीचे दबाना और फिर बाएं नितंब को ऊपर उठाना" यह व्यायाम----- विकृति के लिए लाभदायक है।(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-118 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +काइफोसिस | ||
+ | -स्कोलिओसिस | ||
+ | -राउंड सोल्डर | ||
+ | -नॉक की | ||
+ | ||पीछे का कूबड़ या काइफोसिस में रीढ़ की अस्थियां पीछे की ओर हो जाती हैं। इस दशा में छाती सीधी नहीं होती तथा सिर एवं गर्दन आगे की ओर झुकी होती है। इस विकृति के उपचार हेतु निम्न उपाय करते हैं- .पट अवस्था में अर्थात छाती के बल लेटना, दाई बांह ऊपर की ओर एवं बाई बांह बगल में रखना, इसके बाद दाईं बांह को सिर के ऊपर बाईं ओर उठाना, बाएं हाथ से नीचे दबाना एवं फिर बाएं नितंब को ऊपर उठाना। .सोने के दौरान अपने पीठ ने नीचे हमेशा तकिया अवश्य रखें। | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {स्कैपुला अस्थि कहां स्थित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-11 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -पैरों में | ||
+ | -कूल्हे में | ||
+ | +अपर बैक में | ||
+ | -हाथ में | ||
+ | ||स्कैपुला और मेखला की एक अस्थि होती है। यह एक चौड़ी, त्रिकोणाकार अस्थि है जिसका एक सिरा ह्यूमरस के शीर्ष भाग में जुड़ता है। यह पीठ के ऊपरी भाग में स्थित होता है। | ||
+ | |||
+ | {स्प्रेन व स्ट्रेन का इलाज किस विधि से किया जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-8 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -गर्म पानी की सिकाई | ||
+ | +आर.आई.सी.ई. | ||
+ | -आराम करके | ||
+ | -मालिश के द्वारा | ||
+ | ||स्प्रेन (Sprain), स्ट्रेन (Strain) एवं कंट्यूशन (Contusion) आदि के शीघ्र उपचार के लिए चार कदम उठाए जाते हैं, जिसे RICE कहते हैं जो Rest, Ice, Compression तथा Elevation का संक्षिप्त रूप है। इनका विवरण निम्नलिखित है- विश्राम Rest- जैसे ही चोट लगे गतिविधि को रोकना चाहिए एवं रोगी को विश्राम दें। वर्फ Ice- चोट के बाद संभव हो, तो जख्मी हिस्से में बर्फ लगाएं। दबाना Compression- चोट वाले स्थान पर बर्फ लगाने के बाद दबाना चाहिए। उठाना Elevation- अंत में चोट लगे स्थान को ऊपर उठाना चाहिए। | ||
+ | |||
+ | {अगर हम किसी सिक्के को चार बार उछालें तो उसमें हेड और टेल आने की संभावना कितनी बार होगी? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-6 प्रश्न-8 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -चार बार | ||
+ | -आठ बार | ||
+ | +सोलह बार | ||
+ | -बत्तीस बार | ||
+ | ||अगर हम किसी सिक्के को चार बार उछालते हैं, तो दो संभावनाएं है- 1.हेड 2.टेल अत: हेड अथवा टेल आने की कुल संभावनाएं= 2^4=16 | ||
+ | |||
+ | {प्रथम विश्व कप फुटबॉल कहां आयोजित किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-21 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +उरूग्वे | ||
+ | -फ्रांस | ||
+ | -कनाडा | ||
+ | -ब्राजील | ||
+ | ||प्रथम फुटबॉल विश्व कप का आयोजन वर्ष 1930 में उरूग्वे में किया गया था। उरूग्वे ने यह विश्व कप, फाइनल में अर्जेंटीना को 4-2 से पराजित कर जीत लिया था। | ||
+ | |||
+ | {निम्न में से कौन-सी 'खेलने की सतह' नहीं है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-9 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -पोलीग्राम | ||
+ | -ऐस्ट्रोटर्फ | ||
+ | +साइबैल्स | ||
+ | -टेराज्लैक्स | ||
+ | ||दिए गए विकल्पं में साइबैक्स खेलने की सतह नहीं है। | ||
+ | |||
+ | {समाजशास्त्र के दृष्टिकोण से निम्नलिखित में से कौन-सा कारक मानव व्यक्तिगत के विकास में सबसे अधिक साधक है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-211 प्रश्न-78 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -धन | ||
+ | -कला | ||
+ | -साहित्य | ||
+ | +संस्कृति | ||
+ | ||दिए गए विकल्पों में समाजशास्त्र के दृष्टिकोण से मानव व्यक्तित्व के विकास में संस्कृति ही सबसे अधिक सुसाध्य एवं महत्त्वपूर्ण कारक है। | ||
+ | |||
+ | {मांसपेशियों का अध्ययन कहलाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-129 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -ओस्टियोलॉजी | ||
+ | -ऑर्थोलॉजी | ||
+ | +मायोलॉजी | ||
+ | -न्यूरोलॉजी | ||
+ | ||मांसपेशियों के अध्ययन को मायोलॉजी कहते हैं। न्यूरोलॉजी के अंतर्गत तंत्रिका तंत्र के रोगों से संबंधित अध्ययन किया जाता है। | ||
+ | |||
+ | {वॉलीबॉल में सिर से ऊपर बॉल पास देने में- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-11 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -सिर का प्रयोग होता है | ||
+ | -एक हाथ की उंगलियां प्रयोग होती हैं | ||
+ | +दोनों हाथ की उंगलियां प्रयोग होती हैं | ||
+ | -दोनों हाथों के पंजो का प्रयोग होता है | ||
+ | ||ओवर हेड पास देने के लिए दोनों हाथ चेहरे के सामने, कुहनियां मुड़ी हुई तथा शरीर के काफी पास होनी चाहिए माथे के सामने तथा अंगुनियों की टिप्स से पास देना चाहिए। ऐसा करते हुए घुटने तथा बाजू पास देने की दिशा में खुलने चाहिए। | ||
+ | |||
+ | {भारतीय ओलंपिक संघ (LO.A) का गठन किस वर्ष किया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-177 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -1925 | ||
+ | -1926 | ||
+ | +1927 | ||
+ | -1928 | ||
+ | ||भारतीय ओलंपिक संघ-वर्ष 1927 में बनाया गया। श्री दोराबजी टाटा इसके पहले अध्यक्ष थे। भारतीय ओलंपिक संघ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति संघ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति सं संबंद्ध है। | ||
+ | |||
+ | {श्वसन तंत्र---- एक किस्म की ट्यूब होती है जो बेलनाकार होती है और इसे 'श्वास नली' भी कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-175 प्रश्न-119 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +ट्रैकिआ | ||
+ | -लैरिंक्स | ||
+ | -फैरिंक्स | ||
+ | -ब्रॉन्की | ||
+ | ||श्वसन तंत्र से संबंधित महत्त्वपूर्ण अंग हैं- 1.नाक 2.ग्रसनिका 3.लैरिंक्स 4.ट्रैकिया, 5.वायु नलियां, 6.डायाफ्राम एवं 7.फेफड़ा। इनमें ट्रैकिया को हम श्वास नली भी कहते हैं। यह बेलनाकार होती है। | ||
+ | |||
+ | |||
+ | |||
+ | {हिंज संधि होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-12 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +सचल संधि | ||
+ | -अचल संधि | ||
+ | -अर्घ सचल संधि | ||
+ | -स्थैतिक संधि | ||
+ | ||गतिशीलता के आधार पर अस्थि संधियां तीन प्रकार की होती हैं- (a)सचल संधि (Movable joints) इन संधियों में स्वतंत्र गति होती है। (b)अचल संधि (Immovable joints) जिसमें बिल्कुल भी गति नहीं होती। (c)अर्घ सचल संधि (slightly or semi movable joints) जिनमें बहुत कम या आंशिक गति होती है। हिंज संधि अचल संधि का एक उदाहरण है। | ||
+ | |||
+ | {'स्किनर' के द्वारा 'सीखने' से संबंधित दी गई परिभाषा है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-9 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -अनुभव एवं प्रशिक्षण द्वारा व्यवहार परिवर्तन को सीखना कहते हैं। | ||
+ | +सीखना, व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। | ||
+ | -सीखना, वातावरण का संगठन है। | ||
+ | -संपूर्ण परिवस्थिति का संगठन ही सीखना है। | ||
+ | ||स्किनर के अनुसार, सीखना व्यवहार में उत्तरोत्तर सामंजस्य की प्रक्रिया है। स्किनर की 'सीखने से संबंधित परिभाषा' यह स्पष्ट करती है कि सीखना व्यवहार में एक प्रकार का परिवर्तन है। अत: सीखने की प्रक्रिया में व्यवहारों में उत्तरोत्तर सामंजस्य स्थापित होता है। | ||
+ | |||
+ | {कितने रीजनल समिति द्वारा 'नेशनल कौंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन' कार्य करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-6 प्रश्न-9 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -दो | ||
+ | +चार | ||
+ | -पांच | ||
+ | -छ: | ||
+ | ||राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (National Conucil of teacher Edu-cation- NCTE) भारत सरकार की एक संख्या है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, 1993 के तहत 17 अगस्त, 1995 को की गई। इसका उत्तरदायित्व भारतीय शिक्षा प्रणाली की मानक प्रक्रियाओं एवं धारओं की स्थापना तथा निरीक्षण करना है। इसकी चार क्षेत्रीय समितियां है- पूर्वी, पश्चिमी, उत्तरी तथा दक्षिणी। | ||
+ | |||
+ | {अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन किसने किया? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-37 प्रश्न-22 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +बिकिला | ||
+ | -जैटोपैक | ||
+ | -टोनी क्रूज | ||
+ | -पॉनो नूरसी | ||
+ | ||अंतराल प्रशिक्षण विधि का प्रतिपादन फिनलैंड के प्रसिद्ध एथलीट कोच बिकिला द्वारा वर्ष 1920 में किया गया था। | ||
+ | |||
+ | {जवाहरलाल नेहरू कप किसे खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-203 प्रश्न-10 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +क्रिकेट | ||
+ | -कबड्डी | ||
+ | -हॉकी | ||
+ | -फुटबॉल | ||
+ | ||जवाहरलाल नेहरू कप क्रिकेट से संबंधित है जबकि नेहरू ट्रॉफी का संबंध हॉकी खेल एवं बॉट रेस से है। नेहरू गोल्ड कप या नेहरू कप फुटबॉल खेल में प्रदान की जाती है। एशेज, ईरानी ट्रॉफी, ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी आदि क्रिकेट की प्रमुख टूर्नामेंट्स हैं। आयोग द्वारा जारी उत्तर कुंजी में इस प्रश्न को मूल्यांकन से बाहर कर दिया गया है। | ||
+ | |||
+ | {किसी प्रक्रिया की धुरी सदैव समतल पर बनाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-211 प्रश्न-79 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -न्यून कोण | ||
+ | -अधिक कोण | ||
+ | +समकोण | ||
+ | -नगण्य कोण | ||
+ | ||किसी प्रक्रिया की धुरी सदैव समतल पर समकोण बनता है। | ||
+ | |||
+ | {शरीर में लंबी हड्डियों का कार्य है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-216 प्रश्न-130 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -ताकत देना | ||
+ | -सुरक्षा देना | ||
+ | +लीवर का कार्य करना | ||
+ | -मांसपेशियों को धरातल देना | ||
+ | ||शरीर में लंबी हड्डियां मुख्यत: लीवर (उत्तोलक) का कार्य करती है। शरीर की अन्य विभिन्न प्रकार के अस्थियां सुरक्षा संतुलन तथा सभी कठिन कार्यों के क्रियांवयन में सहायता करती हैं। | ||
+ | |||
+ | {हॉकी में 'पुश पास' दिया जाता है जब सहयोगी खिलाड़ी खड़ा हो-- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-217 प्रश्न-12 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | +थोड़ी दूरी पर | ||
+ | -लंबी दूरी पर | ||
+ | -जब विरोधी खिलाड़ी आपके और सहयोगी खिलाड़ी के बीच हो | ||
+ | -जब पास गति से देना है | ||
+ | ||हॉकी में 'पुश पास' दिया जाता है जब सहयोगी खिलाड़ी थोड़ी दूरी पर या 10-15 मीटर पर खड़ा हो। अन्य शब्दाबली फ्लिक, स्कूप, ड्रिब्लिंग, टैक्लिंम, कॉर्नर, पेनाल्टी कॉर्नर, पुश इन, डोज़ आदि हैं। | ||
+ | |||
+ | {निम्नलिखित में से क्या स्वास्थ्य से जुड़ा फिटनेस घटक है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-169 प्रश्न-178 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -प्रतिक्रिया योग्यता | ||
+ | -फुरती | ||
+ | -तेजी (तीव्रता) | ||
+ | +पेशीय सहनशक्ति | ||
+ | ||दिए गए विकल्पों में पेशीय सहनशक्ति स्वास्थ्य से जुड़ा फिटनेस घटक है। | ||
+ | |||
+ | {योग के एक तत्व के रूप में--- आत्म नियंत्रण की एक प्रक्रिया है जिसमें कोई व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करने में क्षमता हो जाता है और मानसिक एकाग्रता को बाधिक करने वाली बाहरी वस्तुओं द्वारा इंद्रियों में कोई हरहत नहीं होती। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-176 प्रश्न-120 | ||
+ | |type="()"} | ||
+ | -धारणा | ||
+ | -ध्यान | ||
+ | +प्रत्याहार | ||
+ | -समाधि | ||
+ | ||प्रत्याहार एक आत्म नियंत्रण की प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण करने के योग्य हो जाता है। वास्तव में मस्तिष्क व इंद्रियों को अंतर्मुखी करना ही प्रत्याहार कहलाता है। | ||
+ | |||
</quiz> | </quiz> | ||
|} | |} | ||
|} | |} |
12:02, 16 दिसम्बर 2016 का अवतरण
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