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'''सर्बानन्द सोणोवाल''' (अंग्रेज़ी: ''Sarbananda Sonowal'', जन्म: [[31 अक्टूबर]], [[1962]], डिब्रुगढ़ [[असम]]) असम के 14वें [[मुख्यमंत्री]] हैं। ये [[भारत]] की सोलहवीं [[लोकसभा]] के [[सांसद]] हैं। [[2014]] के चुनावों में ये असम की लखीमपुर सीट से [[भारतीय जनता पार्टी]] के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में इन्हें खेल एवं युवा मामलों के राज्‍यमंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) का पद दिया। [[मई]], [[2016]] में हुए असम विधान सभा चुनाव में यह भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार थे। चुनावों में पार्टी के विजयी होने के बाद सोनोवाल ने [[26 मई]] को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
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'''पेमा खांडू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pema Khandu'', जन्म: [[21 अगस्त]], [[1979]] तवांग ज़िला, [[ईटानगर]]) [[भारत]] के सबसे युवा और [[अरुणाचल प्रदेश]] के 9वें [[मुख्यमंत्री]] है। 36 साल के पेमा खांडू ने नबाम तुकी की जगह मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है। दिवंगत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे पेमा पहले पर्यटन मंत्री थे। ये उन 20 बागी विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने नाबाम के खिलाफ आवाज उठाई थी। बागी विधायकों की बदौलत ही इन्हें सत्ता हाथ लगी है। मुख्यमंत्री पद को संभालने के साथ ही पेमा देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए हैं।<ref>{{cite web |url=http://hindi.oneindia.com/news/india/pema-khandu-sworn-as-arunachal-pradesh-chief-minister-381649.html |title=पेमा खांडू बनें अरुणाचल के नए CM,सबसे युवा मुख्यमंत्री का खिताब |accessmonthday=22 मार्च |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=/hindi.oneindia.com |language=हिंदी }}</ref>
 
 
 
==परिचय==
 
==परिचय==
सर्बानन्द सोनोवाल का जन्म असम के डिब्रूगढ़ में 31 अक्टूबर, 1962 को हुआ था। इनके पिता का नाम जीवेश्वर सोनोवाल और माता का नाम दिनेश्वरी सोनोवाल है। इन्होंने 
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पेमा खांडू का जन्म 21 अगस्त, 1979 को तवांग ज़िले के ज्ञांगखार [[गांव]] में हुआ था। इनके पिता दोरजी खांडू, जो पूर्व मुख्यमंत्री थे जिनका निधन [[चीन]] की सीमा पर स्थित तवांग ज़िले के लुगुथांग के पास वर्ष [[2011]] में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गया था। पेमा खांडू [[परिवार]] के सबसे बड़े बेटे थे। जिन्होंने [[दिल्ली]] के प्रतिष्ठित हिन्दू कॉलेज से स्नातक की पढाई की और पिता की मौत के बाद राजनीति में उतरे। पेमा खांडू  के दो बेटे और एक बेटी है। यह मोनपा अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। यह वर्ष [[2000]] में [[कांग्रेस]] में शामिल हुए थे और वर्ष [[2005]] में अरूणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा [[2010]] में तवांग ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने थे। पेमा खांडू को [[2014]] विधानसभा चुनावों में मुक्तो से फिर से निर्विरोध चुना गया था। यह [[जापान]], [[थाईलैंड]], मकाउ, [[श्रीलंका]], [[अमेरिका]], कनाडा, [[दक्षिण अफ्रीका]] और [[भूटान]] की यात्रा कर चुके हैं और कई सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े हैं। यह [[फ़ुटबॉल]], [[क्रिकेट]], [[बैडमिंटन]] और वॉलीबाल जैसे कई खेलों के शौकीन हैं।<ref>{{cite web |url=http://zeenews.india.com/hindi/india/other-states/pema-khandu-becomes-youngest-chief-minister-in-the-country/297143 |title=जीवन परिचय: देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने पेमा खांडू |accessmonthday=22 मार्च |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=zeenews.india.com |language=हिंदी }}</ref>
डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से स्नातक किया और उसके बाद क़ानून की पढ़ाई के लिए गुवाहाटी विश्वविद्यालय गये। यहीं से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत भी की।<ref>{{cite web |url=http://zeenews.india.com/hindi/india/sarbananda-sonowal-sworns-as-first-bjp-chief-minister-of-assam-today/291917|title=पूर्वोत्तर में पहली बार बनी भाजपा नीत सरकार, असम के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में सर्बानंद सोनोवाल ने ली शपथ, समारोह में PM मोदी भी रहे मौजूद |accessmonthday=21 मार्च |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=zeenews.india.com |language=हिंदी }}</ref> ये छात्र जीवन के दौरान ही छात्र राजनीति में भी संलग्न रहे। वर्ष [[1996]] से [[2000]] तक ये पूर्वोत्तर छात्र संगठन (एन.ई.एस.ओ) के अध्यक्ष भी रहे। मौजूदा समय में यह असम के लखीमपुर सीट से लोकसभा सांसद हैं। इससे पहले यह असम भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं। सोनोवाल को असम के युवा नेता के तौर प जाना जाता है। इन्हें असम का जातीय नायक भी कहा जाता है क्योंकि ये [[असम]] के कछारी जनजाति के समुदाय से आते है। भाजपा ने असम चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है।<ref name="a">{{cite web |url=http://hindi.oneindia.com/news/features/biography-life-history-of-sarbananda-sonowal/gallery-cl1-379430.html |title=Sarbananda Sonowal's Biography- जानिए कौन हैं सर्बानंद सोनोवाल? |accessmonthday=21 मार्च |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.oneindia.com |language=हिंदी }}</ref>
 
 
 
 
 
 
==राजनीतिक सफर==
 
==राजनीतिक सफर==
सर्वानंद सोनोवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत ऑल असम स्टूडेंट यूनियन से की थी। साल [[1992]] से लेकर [[1999]] तक यह इसके प्रेसीडेंट भी रह चुके हैं। सोनोवाल ने साल [[2001]] में असम गण परिषद को ज्वाइन किया और उसी साल ये MLA बन गए। डिब्रूगढ़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन सिंह को हराकर सोनोवाल ने पहली  बार साल [[2004]] में [[लोकसभा]] में कदम रखा। असम गढ़ परिषद में हुई कुछ असमानताओं के चलते इन्होंने साल [[2011]] में [[भाजपा]] का दामन थाम लिया। भारतीय भाजपा जनता पार्टी में साल [[2012]] में इन्हें असम यूनिट का प्रेसीडेंट बनाया गया। लोकसभा में वापसी करने से पहले सोनोवाल साल [[2014]] तक असम BJP के चीफ भी रह चुके हैं। [[नरेंद्र मोदी]] की सरकार में इन्हें राज्य मंत्री बनाया गया था। यह साल [[2015]] में एक बार फिर असम यूनिट के चीफ के तौर पर चुने गए। सोनोवाल को इस बात का श्रेय दिया जाता है कि उन्होंने उस गैरकानूनी प्रवासी (न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारित) अधिनियम को सफलतापूर्वक चुनौती दी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने [[2005]] में असंवैधानिक बताया था।<ref>{{cite web |url=http://m.navodayatimes.in/news/khabre/profile-of-assam-bjp-leader-sarbananda-sonowal/6059/ |title=पढ़ें, असम में कमल खिलाने वाले सर्वानंद सोनोवाल से जुड़ीं कुछ बातें |accessmonthday=21 मार्च |accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=m.navodayatimes.in |language=हिंदी }}</ref>
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पेमा खांडू पिता की मृत्यु के बाद जल संसाधन विकास और पर्यटन मंत्री के रूप में राज्य सरकार में शामिल हो हुए। इन्होंने [[जून]] [[2011]] में अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो से अरुणाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव निर्विरोध जीता था। ये इस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप खड़े थे। [[2005]] में यह [[अरुणाचल प्रदेश]] के कांग्रेस समिति के सचिव बने। [[2010]] में यह तवांग ज़िला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बन गए। [[16 जुलाई]], [[2016]] को यह [[कांग्रेस]] के विधायक दल के नेता के रूप में चुनाव लड़े थे। [[2014]] में इन्होंने मुक्तो से फिर विधान सभा चुनाव लड़ा और निर्विरोध ही जीत गए। 37 वर्ष में [[17 जुलाई]] [[2016]] को इन्होंने [[मुख्यमंत्री]] के रूप में शपथ ली। [[16 सितम्बर]] [[2016]] को पेमा खांडू 43 सत्तापक्ष विधायकों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल होग गये और [[भारतीय जनता पार्टी]] के साथ सरकार बनाई। [[31 दिसम्बर]] 2016 को यह पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के 33 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और सरकार का गठन किया।
 
 
==अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ उठायी आवाज==
 
[[असम]] में [[बांग्लादेश]] के नागरियों की अवैध स्थानांतरण, जो हमेशा से ही बड़ी समस्या रहा है। बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से [[भारत]] में आने से रोकने के लिए इल्लीगल माइग्रैंड्स डिटर्मिनेशन बाई ट्राइब्युनल एक्ट 1983 अस्तित्व में आया है। यह एक्ट [[भारत सरकार]] और ऑल स्टूडेंट यूनियन के बीच हुआ था। इस एक्ट के अनुसार असम में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को असम में रहने की अनुमति दी गयी थी। यह क़ानून उन विदेशी नागरिकों पर लागू होता है जो [[25 मार्च]] [[1971]] के बाद असम में बसे थे। सोनोवाल ने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट ले गये और कोर्ट ने इस एक्ट को खत्म करने का आदेश दिया। कोर्ट ने इस क़ानून को गलत ठहराया और बांग्लादेशी नागरिकों को असंवैधानिक करार दिया।<ref name="a"/>
 

12:42, 22 मार्च 2017 का अवतरण

कविता बघेल 9
पेमा खांडू
पूरा नाम पेमा खांडू
जन्म 21 अगस्त, 1979
जन्म भूमि तवांग ज़िला, इटानगर
अभिभावक पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू
संतान 2 बेटे और एक बेटी
नागरिकता भारतीय
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद अरुणाचल प्रदेश के 9वें मुख्यमंत्री
शिक्षा स्नातक
विद्यालय हिंदू कॉलेज, दिल्ली
अन्य जानकारी पेमा खांडू ने 16 सितम्बर 2016 को 43 सत्तापक्ष विधायकों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल होग गये और भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाई।

पेमा खांडू (अंग्रेज़ी: Pema Khandu, जन्म: 21 अगस्त, 1979 तवांग ज़िला, ईटानगर) भारत के सबसे युवा और अरुणाचल प्रदेश के 9वें मुख्यमंत्री है। 36 साल के पेमा खांडू ने नबाम तुकी की जगह मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाला है। दिवंगत नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के बेटे पेमा पहले पर्यटन मंत्री थे। ये उन 20 बागी विधायकों में शामिल थे, जिन्होंने नाबाम के खिलाफ आवाज उठाई थी। बागी विधायकों की बदौलत ही इन्हें सत्ता हाथ लगी है। मुख्यमंत्री पद को संभालने के साथ ही पेमा देश के सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए हैं।[1]

परिचय

पेमा खांडू का जन्म 21 अगस्त, 1979 को तवांग ज़िले के ज्ञांगखार गांव में हुआ था। इनके पिता दोरजी खांडू, जो पूर्व मुख्यमंत्री थे जिनका निधन चीन की सीमा पर स्थित तवांग ज़िले के लुगुथांग के पास वर्ष 2011 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हो गया था। पेमा खांडू परिवार के सबसे बड़े बेटे थे। जिन्होंने दिल्ली के प्रतिष्ठित हिन्दू कॉलेज से स्नातक की पढाई की और पिता की मौत के बाद राजनीति में उतरे। पेमा खांडू के दो बेटे और एक बेटी है। यह मोनपा अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखते हैं। यह वर्ष 2000 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और वर्ष 2005 में अरूणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा 2010 में तवांग ज़िला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने थे। पेमा खांडू को 2014 विधानसभा चुनावों में मुक्तो से फिर से निर्विरोध चुना गया था। यह जापान, थाईलैंड, मकाउ, श्रीलंका, अमेरिका, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और भूटान की यात्रा कर चुके हैं और कई सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े हैं। यह फ़ुटबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन और वॉलीबाल जैसे कई खेलों के शौकीन हैं।[2]

राजनीतिक सफर

पेमा खांडू पिता की मृत्यु के बाद जल संसाधन विकास और पर्यटन मंत्री के रूप में राज्य सरकार में शामिल हो हुए। इन्होंने जून 2011 में अपने पिता के निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो से अरुणाचल प्रदेश विधान सभा चुनाव निर्विरोध जीता था। ये इस समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप खड़े थे। 2005 में यह अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस समिति के सचिव बने। 2010 में यह तवांग ज़िला कांग्रेस समिति के अध्यक्ष बन गए। 16 जुलाई, 2016 को यह कांग्रेस के विधायक दल के नेता के रूप में चुनाव लड़े थे। 2014 में इन्होंने मुक्तो से फिर विधान सभा चुनाव लड़ा और निर्विरोध ही जीत गए। 37 वर्ष में 17 जुलाई 2016 को इन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। 16 सितम्बर 2016 को पेमा खांडू 43 सत्तापक्ष विधायकों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल होग गये और भारतीय जनता पार्टी के साथ सरकार बनाई। 31 दिसम्बर 2016 को यह पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के 33 विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और सरकार का गठन किया।