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− | {[[पहाड़ी चित्रकला]] किस समय विकसित थीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-71,प्रश्न-6
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− | -बिलम्बित 17 से प्रारम्भिक 18वीं शताब्दी
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− | -प्रारम्भिक 15 से विलम्बित 17वीं शताब्दी
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− | -विलम्बित 18 और प्रारम्भिक 19वीं शताब्दी
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− | +प्रारम्भिक 18 से विलम्बित 19वीं शताब्दी
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− | ||पहाड़ी चित्रों का निर्माण 18वीं शताब्दी से (1700 ई. से 1900 ई. तक) प्रारंभ हुआ। आर्चर महोदय के अनुसार, 17वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक पश्चिमी-हिमालय के क्षेत्र प्रकार की कला विकसित नहीं हुई थी।
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− | {[[राजा रवि वर्मा]] की मृत्यु किस वर्ष हुई? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-90,प्रश्न-6
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− | +[[1906]]
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− | -[[1918]]
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− | -[[1941]]
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− | -[[1921]]
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− | ||[[राजा रवि वर्मा]] का जन्म [[29 अप्रैल]], 1848 को [[केरल]] के एक छोटे कस्बे किलिमनूर ([[त्रावणकोर]]) में हुआ था। वे अपने विस्मय पेंटिंग के लिए जाने जाते हैं जो मुख्यत: [[रामायण]] एवं [[महाभारत]] महाकाव्यों के इर्द-गिर्द घूमता है। इनकी मृत्यु [[2 अक्टूबर]], [[1906]] को हुई थी।
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− | {प्रथम चरण की बाइजेन्टाइन-कला कहाँ पाई जाती है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-102,प्रश्न-7
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− | +कांस्टेन्टीनोपल
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− | -मास्को
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− | -रैवेन्ना
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− | -इस्तांबुल
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− | ||प्रथम चरण की बाइजेन्टाइन-कला कान्स्टेन्टीनेपल में पाई जाती है। बाइजेंटिम नामक नगर को ही सम्राट कांस्टेन्टाइन ने जीतकर इसका नाम कान्स्टेन्टीनोपल ([[कुस्तुंतुनिया]]) रख दिया। प्रथम चरण की बाइजेन्टाइन कला में [[रोम]], रैवेन्न तथा सैलोनिका प्रमुख थे।
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