"प्रयोग:कविता सा.-2" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(पृष्ठ को '{| class="bharattable-pink" width="100%" |- | valign="top"| {| width="100%" | <quiz display=simple> </quiz> |} |}' से बदल रहा है।)
 
(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 37 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
 
|
 
|
 
<quiz display=simple>
 
<quiz display=simple>
{'फ्रिडा कहली' किस देश से संबंधित कलाकार थीं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-145,प्रश्न-54
 
|type="()"}
 
-[[जर्मनी]]
 
-अमेरिकन
 
+मेक्सिकन
 
-इटालियन
 
||फ्रिडा कहली डी रिवेरा (1907-1954) एक मैक्सिकन चित्रकार थीं जो स्वयं का चित्र (Self Portraits) बनाने की लिए जानी जाती हैं।
 
  
{[[नीला रंग|नीले]] के पूरक अथवा विरोधी [[रंग]] का नाम बताइए- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-160,प्रश्न-18
 
|type="()"}
 
-[[लाल रंग|लाल]]
 
-[[पीला रंग|पीला]]
 
-[[बैंगनी रंग|बैंगनी]]
 
+[[नारंगी रंग|नारंगी]]
 
||[[नीला रंग|नीले]] का विरोधी अथवा पूरक रंग नारंगी होता है। प्राथमिक व द्वितीयक रंगों के मिश्रण से जो रंग बनते हैं उन्हें विरोधी रंग कहते हैं। इस प्रकार नारंगी का विरोधी [[आसमानी रंग|आसमानी]] (नीला) व बैंगनी का विरोधी रंग पीला है। [[लाल रंग |लाल]] का विरोधी रंग हरा होता है।
 
  
{[[नीला रंग]] आयातित है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-165,प्रश्न-61
 
|type="()"}
 
-[[ईरान]] से
 
-इराक से
 
+[[अफ़गानिस्तान]] से
 
-[[इटली]] से
 
||[[नीला रंग]] [[फारस]] तथा [[अफ़गानिस्तान]] की 'बदख्शा' नामक पहाड़ी के खानों से निकाला जाता था जो आक्सस नदी के किनारे स्थित है। नीले रंग का प्रयोग प्राचीन चित्रों [[जोगीमारा गुफ़ाएँ|जोगीमारा]] तथा पांचवीं शताब्दी के सिगरिया गुफाओं के चित्रों में भी हुआ। [[अजंता की गुफ़ाएँ|अजंता]] की दूसरी गुफा के चित्रों में इस [[रंग]] का प्रयोग हुआ था।
 
 
{'पटुआ चित्र' कहाँ से संबंधित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-87,प्रश्न-76
 
|type="()"}
 
-[[मधुबनी]]
 
-[[कोटा]]
 
+कालीघाट
 
-लालघाट
 
||'पटुआ' एक कलाकार समुदाय है जो [[पश्चिम बंगाल]] में पाए जाते हैं, कुछ पटुआ हिन्दू जबकि कुछ पटुआ [[मुस्लिम]] हैं। [[हिंदू]] पटुआ [[कलकत्ता]] के कालीघाट और कुमारतुली क्षेत्र में सक्रिय हैं। इनके द्वारा कला का परिष्कृत रूप पटुआ कला कहलाता है। यह शैली कालीघाट शैली के नाम से जानी जाती है।
 
 
{[[टेराकोटा]] मूर्ति बनाई जाती है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-175,प्रश्न-68
 
|type="()"}
 
-पत्थर
 
-सीमेंट से
 
-प्लास्टर से
 
+[[मिट्टी]] से
 
||'[[टेराकोटा]]' मूर्ति मिट्टी से बनाई जाती है। इस तरह की मूर्तियां प्राचीन काल से बनाई जाती रही हैं।
 
 
{ज्योति भट्ट किस विधा से संबंधित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-190,प्रश्न-51
 
|type="()"}
 
-पेंटिंग
 
-[[मूर्ति कला]]
 
-[[संगीत]]
 
+प्रिंट मेकिंग
 
||ज्योति भट्ट प्रिंट मेकिंग कला से संबंधित हैं। ज्योति भट्ट का जन्म [[गुजरात]] में हुआ था। यह [[चित्रकार]] के साथ-साथ श्रेष्ठ ग्राफिक [[चित्रकार]] भी हैं। इन्होंने कई 'स्थित जीवन' चित्र तथा आकृति विषय जिनमें वस्तुओं के रूप में घनवादी तरीके से विरूपित किया है, बनाया है।
 
 
{[[एत्मादुद्दौला का मकबरा|एत्मादुद्दौला]] का मकबरा कहां स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-218,प्रश्न-240
 
|type="()"}
 
+[[आगरा]] में
 
-[[मथुरा]] में
 
-[[दिल्ली]] में
 
-[[इलाहाबाद]] में
 
||[[एत्मादुद्दौला का मकबरा]] [[नूरजहां]] ने 1622-1628 ई. के मध्य बनवाया। यह [[आगरा]] में [[यमुना नदी]] के तट पर स्थित एक अत्यंत अलंकारिक इमारत है। यह पहली कृति है जो पूर्णतया संगमरमर से बनाई गई है।
 
 
{निम्न में से सबसे सॉफ्ट लेड (मुलायम नोंक) वाली पेंसिल है- (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-170,प्रश्न-30
 
|type="()"}
 
-HB
 
-2B
 
-4B
 
+9B
 
||B,2B,3B,4B,6B,9B आदि सॉफ्ट लेड (मुलायम नॉक) वाली पेंसिले हैं। इनमें सबसे सॉफ्ट लेड (मुलायम नॉक) वाली पेंसिल 9B है। ये कोमल रेखांकन हेतु प्रयुक्त की जाती है।
 
  
 
</quiz>
 
</quiz>
 
|}
 
|}
 
|}
 
|}

12:33, 7 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण