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'''कुशीनार''' गोरखपुर जिले के अंतर्गत एक स्थान है जिसे आजकल [[कुशीनगर]] नाम से जाना जाता है। यहाँ [[साल वृक्ष]] के नीचे [[गौतम बुद्ध]] का शरीर छूटा था आजकल इसे '''कसया''' कहते हैं। [[बौद्ध धर्म]] के इस प्रचलित शब्द का प्रयोग [[हिन्दी साहित्य]] में किया गया है।  
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'''कुशीनार''' [[गोरखपुर ज़िला|गोरखपुर जिले]] के अंतर्गत एक स्थान है जिसे आजकल [[कुशीनगर]] नाम से जाना जाता है। यहाँ [[साल वृक्ष]] के नीचे [[गौतम बुद्ध]] का शरीर छूटा था आजकल इसे '''कसया''' कहते हैं। [[बौद्ध धर्म]] के इस प्रचलित शब्द का प्रयोग [[हिन्दी साहित्य]] में किया गया है।  
 
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12:10, 10 अप्रैल 2018 का अवतरण

कुशीनार गोरखपुर जिले के अंतर्गत एक स्थान है जिसे आजकल कुशीनगर नाम से जाना जाता है। यहाँ साल वृक्ष के नीचे गौतम बुद्ध का शरीर छूटा था आजकल इसे कसया कहते हैं। बौद्ध धर्म के इस प्रचलित शब्द का प्रयोग हिन्दी साहित्य में किया गया है। इन्हें भी देखें: कुशीनगर

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • पुस्तक- पौराणिक कोश | पृष्ठ संख्या- 559

संबंधित लेख

बौद्ध धर्म शब्दावली

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