"ऋक्ष" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (श्रेणी:नया पन्ना; Adding category Category:पौराणिक कोश (Redirect Category:पौराणिक कोश resolved) (को हटा दिया गया हैं।)) |
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) छो (Adding category Category:रामायण (Redirect Category:रामायण resolved) (को हटा दिया गया हैं।)) |
||
पंक्ति 20: | पंक्ति 20: | ||
[[Category:पौराणिक कोश]] | [[Category:पौराणिक कोश]] | ||
+ | [[Category:रामायण]] |
13:21, 20 जनवरी 2011 का अवतरण
- ऋक्ष का अर्थ होता है- रीछ या भालू।
- ऋग्वेद में ऋक्ष शब्द एक बार तथा परवर्ती वैदिक साहित्य में कदाचित ही प्रयुक्त हुआ है।
- स्पष्टत: यह जंतु वैदिक भारत में बहुत कम पाया जाता था, इस शब्द का बहुवचन में प्रयोग 'सप्तऋषियों' के अर्थ में भी कम ही हुआ है।
- ऋग्वेद में दानस्तुति के एक मंत्र में 'ऋक्ष' एक संरक्षक का नाम है, जिसके पुत्र आर्क्ष का उल्लेख दूसरे मंत्र में आया है।
- परवर्ती काल में नक्षत्रों के अर्थ में इसका प्रयोग हुआ है।
- रामायण तथा पुराणों की कई गाथाओं में ऋक्ष एक जाति विशेष का नाम है।
- ऋक्षों ने रावण से युद्ध करने में राम की सहायता की थी।
|
|
|
|
|