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{[[टीपू सुल्तान]] [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] के साथ युद्ध में कब मारे गये थे?
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||[[चित्र:Tipu-Sultan-1.jpg|right|100px|टीपू सुल्तान]][[मैसूर युद्ध तृतीय|मैसूर की तीसरी लड़ाई]] में भी [[अंग्रेज़]] [[टीपू सुल्तान]] को नहीं हरा पाए, तो उन्होंने [[मैसूर]] के इस शेर से 'मेंगलूर की संधि' नाम से एक समझौता कर लिया। लेकिन 'फूट डालो, शासन करो' की नीति चलाने वाले अंग्रेज़ों ने संधि करने के बाद टीपू से गद्दारी कर डाली। [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने [[हैदराबाद]] के साथ मिलकर चौथी बार टीपू पर ज़बर्दस्त हमला किया और आख़िरकार '4 मई, सन 1799 ई.' को मैसूर का शेर श्रीरंगपट्टनम की रक्षा करते हुए शहीद हो गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[टीपू सुल्तान]]
  
 
{[[बुद्ध]] में वैराग्य भावना किन चार दृश्यों के कारण बलवती हुई?
 
{[[बुद्ध]] में वैराग्य भावना किन चार दृश्यों के कारण बलवती हुई?
 
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+बूढ़ा, रोगी, लाश, संन्यासी
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+बूढ़ा, रोगी, मृतक, संन्यासी
 
-अन्धा, रोगी, लाश, संन्यासी
 
-अन्धा, रोगी, लाश, संन्यासी
 
-लंगड़ा, रोगी, लाश, संन्यासी
 
-लंगड़ा, रोगी, लाश, संन्यासी
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-चारुलता
 
-चारुलता
 
-गौतमी
 
-गौतमी
+कारुवाकी
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+[[कारुवाकी]]
  
 
{निम्नलिखित में से सबसे प्राचीन राजवंश कौन-सा है?
 
{निम्नलिखित में से सबसे प्राचीन राजवंश कौन-सा है?
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-[[कुषाण वंश]]
 
-[[कुषाण वंश]]
 
-[[कण्व वंश]]
 
-[[कण्व वंश]]
||[[चित्र:maurya-empire.jpg|right|150px|चंद्रगुप्त मौर्य का सभा गृह]][[चंद्रगुप्त मौर्य]] की माता का नाम 'मुरा' था। इसी से यह वंश 'मौर्य वंश' कहलाया। चंद्रगुप्त के बाद उसके पुत्र [[बिंदुसार]] ने 298 ई.पू. से 273 ई. पू. तक राज्य किया। बिंदुसार के बाद उसका पुत्र [[अशोक]] 273 ई.पू. से 232 ई.पू. तक गद्दी पर रहा। अशोक के समय में [[कलिंग]] का भारी नरसंहार हुआ, जिससे द्रवित होकर उसने [[बौद्ध धर्म]] ग्रहण कर लिया। 316 ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी [[भारत]] पर अधिकार कर लिया था। अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ। अशोक के उत्तराधिकारी अयोग्य निकले। इस वंश का अंतिम राजा [[बृहद्रथ मौर्य]] था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मौर्य वंश]]
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||[[चित्र:maurya-empire.jpg|right|150px|चंद्रगुप्त मौर्य का सभा गृह]][[चंद्रगुप्त मौर्य]] की माता का नाम 'मुरा' था। इसी से यह वंश '[[मौर्य वंश]]' कहलाया। [[चंद्रगुप्त]] के बाद उसके पुत्र [[बिंदुसार]] ने 298 ई.पू. से 273 ई. पू. तक राज्य किया। बिंदुसार के बाद उसका पुत्र [[अशोक]] 273 ई.पू. से 232 ई.पू. तक गद्दी पर रहा। अशोक के समय में [[कलिंग]] का भारी नरसंहार हुआ, जिससे द्रवित होकर उसने [[बौद्ध धर्म]] ग्रहण कर लिया। 316 ईसा पूर्व तक मौर्य वंश ने पूरे उत्तरी पश्चिमी [[भारत]] पर अधिकार कर लिया था। अशोक के राज्य में मौर्य वंश का बेहद विस्तार हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मौर्य वंश]]
  
{[[अशोक]] के शिलालेखों को पढ़ने वाला प्रथम [[अंग्रेज़]] कौन था?
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-जॉन टावर
 
-जॉन टावर
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+जेम्स प्रिंसेप
 
-हैरी स्मिथ
 
-हैरी स्मिथ
-चार्ल्स मैटकॉफ
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-चार्ल्स मैटकॉफ़
  
 
{'[[श्रीनगर]]' की स्थापना किस शासक ने की थी?
 
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+[[अशोक]]
 
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-[[दशरथ]]
 
-[[दशरथ]]
||[[चित्र:Asoka's-Pillar.jpg|right|150px|अशोक का स्तम्भ, वैशाली]]अशोक प्राचीन [[भारत]] के मौर्य सम्राट [[बिंदुसार]] का पुत्र था। जिसका जन्म लगभग 304 ई. पूर्व में माना जाता है। भाइयों के साथ गृह-युद्ध के बाद 272 ई. पूर्व अशोक को राजगद्दी मिली और 232 ई. पूर्व तक उसने शासन किया। आरंभ में अशोक भी अपने पितामह [[चंद्रगुप्त मौर्य]] और [[पिता]] बिंदुसार की भाँति युद्ध के द्वारा साम्राज्य विस्तार करता गया। [[कश्मीर]], [[कलिंग]] तथा कुछ अन्य प्रदेशों को जीतकर उसने संपूर्ण भारत में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया, जिसकी सीमाएं पश्चिम में [[ईरान]] तक फैली हुई थीं। परंतु कलिंग युद्ध में जो जनहानि हुई, उसका अशोक के हृदय पर बड़ा प्रभाव पड़ा और वह हिंसक युद्धों की नीति छोड़कर [[धर्म]] विजय की ओर अग्रसर हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अशोक]]
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||[[चित्र:Asoka's-Pillar.jpg|right|100px|अशोक का स्तम्भ, वैशाली]]अशोक प्राचीन [[भारत]] के [[मौर्य]] सम्राट [[बिंदुसार]] का पुत्र था, जिसका जन्म लगभग 304 ई. पूर्व में माना जाता है। भाइयों के साथ हुए गृह-युद्ध के बाद 272 ई. पूर्व [[अशोक]] को राजगद्दी मिली और 232 ई. पूर्व तक उसने शासन किया। आरंभ में अशोक भी अपने पितामह [[चंद्रगुप्त मौर्य]] और [[पिता]] बिंदुसार की भाँति युद्ध के द्वारा साम्राज्य विस्तार करता गया। [[कश्मीर]], [[कलिंग]] तथा कुछ अन्य प्रदेशों को जीतकर उसने संपूर्ण [[भारत]] में अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया, जिसकी सीमाएं पश्चिम में [[ईरान]] तक फैली हुई थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अशोक]]
  
{किसने अपनी राजधानी [[मुर्शिदाबाद]] से [[मुंगेर]] स्थानान्तरित की?
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||मीर क़ासिम, मीर ज़ाफ़र से अधिक योग्य तथा अधिक दृढ़ व्यक्ति था। उसने [[मालगुज़ारी]] की वसूली के नियम अधिक कठोर बना दिए और राज्य की आय लगभग दूनी कर दी। उसने फ़ौज का भी संगठन किया और [[कलकत्ता]] (वर्तमान कोलकाता) के अनुचित हस्तक्षेप से अपने को दूर रखने के लिए राजधानी [[मुर्शिदाबाद]] से उठाकर [[मुंगेर]] ले गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मीर क़ासिम]]
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||शासन कार्यों में मीर क़ासिम, मीर ज़ाफ़र से अधिक योग्य तथा अधिक दृढ़ व्यक्ति था। उसने [[मालगुज़ारी]] की वसूली के नियम अधिक कठोर बना दिए और राज्य की आय लगभग दूनी कर दी। उसने फ़ौज का भी संगठन किया और [[कलकत्ता]] (वर्तमान कोलकाता) के अनुचित हस्तक्षेप से अपने को दूर रखने के लिए राजधानी [[मुर्शिदाबाद]] से उठाकर [[मुंगेर]] ले गया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मीर क़ासिम]]
  
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-[[मुद्राराक्षस ग्रंथ|मुद्राराक्षस]]
 
-[[अष्टाध्यायी]]
 
-[[अष्टाध्यायी]]
 
-वृहत्कथामंजरी
 
-वृहत्कथामंजरी
  
{‘[[पुरुषपुर]]’ निम्नलिखित में से किसका दूसरा नाम है?
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-[[पटना]]
 
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-[[पंजाब]]
 
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{गुप्तकालीन सिक्कों का सबसे बड़ा ढेर कहाँ से प्राप्त हुआ है?
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||[[चित्र:Chandragupt-Maurya-Stamp.jpg|120px|right|चन्द्रगुप्त मौर्य]][[बयाना]] से 1821 ई. में [[सोना|सोने]] के सिक्कों का भारी ढेर प्राप्त हुआ है, जो [[गुप्तकाल|गुप्तकालीन]] हैं। इससे [[गुप्त]] शासकों की आर्थिक समृद्धि का प्रमाण मिलता है। इनमें अधिक सिक्के [[चन्द्रगुप्त द्वितीय]] के हैं। इन सिक्कों में कई नये प्रकार के सिक्के हैं, जो गुप्त शासकों की विविधता प्रमाणित करते हैं। इन सिक्कों से [[गुप्त वंश|गुप्तवंशीय]] [[कुमारगुप्त द्वितीय]] के इतिहास पर नया प्रकाश पड़ता है। अनुमान लगाया है कि लगभग 540 ई. के आस-पास [[हूण|हूणों]] के आक्रमण के समय इस खज़ाने को ज़मीन में गाड़ दिया गया था।
  
{वेंगी के युद्ध में [[चोल वंश|चोल]] नरेश 'करिकाल' से पराजित होकर किस [[चेर वंश|चेर]] राजा ने आत्महत्या कर ली?
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{[[वेंगी]] के युद्ध में [[चोल वंश|चोल]] नरेश '[[करिकाल]]' से पराजित होकर किस [[चेर वंश|चेर]] राजा ने आत्महत्या कर ली?
 
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-उदियनरेजल
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-[[उदियनजेरल]]
-शेनगुट्टुवन
+
-[[पलयानैशेल्केलु कुट्टवन]]
-जेरल आदन
+
-[[धर्मपरायण कुट्टवन]]
+नेदुन जेरल
+
+[[नेदुनजेरल आदन]]
 +
||नेदुनजेरल आदन को [[दक्षिण भारत]] के [[चेर वंश]] के सबसे प्रतापी राजाओं में गिना जाता है। वह [[उदियनजेरल]] का पुत्र था। नेदुनजेरल आदन ने अपना अंतिम युद्ध [[चोल]] नरेश [[करिकाल]] के विरुद्ध लड़ा था। इस युद्ध में करिकाल के द्वारा नेदुनजेरल आदन को पराजय का मुँह देखना पड़ा। अपनी इस पराजय से नेदुनजेरल आदन बहुत ही दु:खी हुआ और अन्दर से टूट गया। इस पराजय के फलस्वरूप उसने आत्महत्या कर ली और उसकी रानी सती हो गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नेदुनजेरल आदन]]
  
{[[भीमराव आम्बेडकर]] की पढ़ाई-लिखाई में किसने बड़ा सहयोग दिया?
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{[[भीमराव आम्बेडकर]] की पढ़ाई-लिखाई में किसने सर्वाधिक सहयोग दिया?
 
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-जूनागढ़ के नवाब ने
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-[[जूनागढ़]] के नवाब ने
-मैसूर के महाराज ने
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-[[मैसूर]] के महाराज ने
+बड़ौदा के महाराज ने
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+[[बड़ौदा]] के महाराज ने
-नाभा के महाराज ने  
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-[[नाभा]] के महाराज ने
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||[[चित्र:Museum-Vadodara.jpg|right|120px|बड़ौदा संग्रहालय]][[डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर]] की कॉलेज की पढ़ाई शुरू हो चुकी थी। इसी बीच उनके पिता का हाथ भी काफ़ी तंग हो गया। पढ़ाई के ख़र्चे में कमी होनी प्रारम्भ हो गई। एक मित्र उन्हें [[बड़ौदा]] के शासक [[गायकवाड़]] के यहाँ ले गए। गायकवाड़ ने उनके लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था कर दी और अम्बेडकर ने अपनी कॉलेज की शिक्षा पूरी की। 1907 में मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद बड़ौदा महाराज की आर्थिक सहायता से वे 'एलिफ़िन्सटन कॉलेज' से 1912 ई. में ग्रेजुएट हुए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बड़ौदा]]
  
 
{[[महाराष्ट्र]] में 'गणपति उत्सव' आरंभ करने का श्रेय किसको प्राप्त है?
 
{[[महाराष्ट्र]] में 'गणपति उत्सव' आरंभ करने का श्रेय किसको प्राप्त है?
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-[[शिवाजी]]
 
-[[शिवाजी]]
 
-[[विपिन चन्द्र पाल]]  
 
-[[विपिन चन्द्र पाल]]  
||[[चित्र:Lokmanya-Bal-Gangadhar-Tilak.jpg|बाल गंगाधर तिलक|100px|right]]बाल गंगाधर तिलक के जीवनकाल के दौरान पुरानी परंपरा और संस्थाओं के प्रति जनता में नई जागरूकता प्रकट हो रही थी। इसके सबसे स्पष्ट उदाहरण थे पुरानी धार्मिक आराधना, [[गणेश चतुर्थी|गणपति-पूजन]] और [[शिवाजी]] के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर महोत्सवों का आयोजन।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाल गंगाधर तिलक]]
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||[[चित्र:Lokmanya-Bal-Gangadhar-Tilak.jpg|बाल गंगाधर तिलक|100px|right]]बाल गंगाधर तिलक के जीवनकाल के दौरान पुरानी परंपरा और संस्थाओं के प्रति जनता में नई जागरूकता प्रकट हो रही थी। इसके सबसे स्पष्ट उदाहरण थे, पुरानी धार्मिक आराधना, [[गणेश चतुर्थी|गणपति-पूजन]] और [[शिवाजी]] के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर महोत्सवों का आयोजन।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बाल गंगाधर तिलक]]
  
 
{किस [[राष्ट्रकूट वंश|राष्ट्रकूट]] शासक ने [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा]] के [[पर्वत|पर्वतों]] को काटकर प्रसिद्ध 'कैलाश मन्दिर' का निर्माण करवाया था?
 
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-[[इन्द्र तृतीय]]
 
-[[इन्द्र तृतीय]]
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-[[ध्रुव धारावर्ष]]
 
-[[कृष्ण तृतीय]]
 
-[[कृष्ण तृतीय]]
+[[कृष्ण प्रथम]]
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||[[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] की शक्ति को अविकल रूप से नष्ट करके [[राष्ट्रकूट]] राजा [[कृष्ण प्रथम]] ने [[कोंकण]] और [[वेंगि]] की भी विजय की। पर कृष्ण प्रथम की ख्याति उसकी विजय यात्राओं के कारण उतनी नहीं है, जितनी कि उस 'कैलाश मन्दिर' के कारण है, जिसका निर्माण उसने [[एलोरा की गुफ़ाएँ|एलोरा]] में पहाड़ काटकर कराया था। एलोरा के गुहा मन्दिरों में कृष्ण प्रथम द्वारा निर्मित 'कैलाश मन्दिर' बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, और उसकी कीर्ति को चिरस्थायी रखने के लिए पर्याप्त है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्ण प्रथम]]
-ध्रुव
 
|| [[दंतिदुर्ग]] के चाचा एवं उत्तराधिकारी कृष्ण प्रथम ने [[बादामी]] के [[चालुक्य वंश|चालुक्यों]] के अस्तित्व को पूर्णतः समाप्त कर दिया था। उसने [[मैसूर]] के गंगो की राजधानी मान्यपुर एवं लगभग 772 ई. में [[हैदराबाद]] को अपने अधिकार क्षेत्र में कर लिया। उसने सम्भवतः दक्षिण कोंकण के कुछ भाग को भी जीता था। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्ण प्रथम]]
 
  
{वेंगी के [[चालुक्य वंश]] का संस्थापक कौन था?
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+विष्णुवर्धन
 
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-इन्द्रवर्धन
 
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-जयसिंह द्वितीय
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-[[जयसिंह जगदेकमल्ल|जयसिंह द्वितीय]]
 
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09:33, 27 नवम्बर 2011 का अवतरण

1 टीपू सुल्तान ने अंग्रेज़ों के साथ युद्ध करते हुए कब वीरगति प्राप्त की?

1857 ई.
1793 ई.
1799 ई.
1769 ई.

2 बुद्ध में वैराग्य भावना किन चार दृश्यों के कारण बलवती हुई?

बूढ़ा, रोगी, मृतक, संन्यासी
अन्धा, रोगी, लाश, संन्यासी
लंगड़ा, रोगी, लाश, संन्यासी
युवा, रोगी, लाश, संन्यासी

3 सम्राट अशोक की वह कौन-सी पत्नी थी, जिसने उसे सबसे ज़्यादा प्रभावित किया था?

चंडालिका
चारुलता
गौतमी
कारुवाकी

4 निम्नलिखित में से सबसे प्राचीन राजवंश कौन-सा है?

मौर्य वंश
गुप्त वंश
कुषाण वंश
कण्व वंश

5 अशोक के शिलालेखों को पढ़ने वाला प्रथम अंग्रेज़ कौन था?

जॉन टावर
जेम्स प्रिंसेप
हैरी स्मिथ
चार्ल्स मैटकॉफ़

6 'श्रीनगर' की स्थापना किस शासक ने की थी?

बिन्दुसार
स्कन्दगुप्त
अशोक
दशरथ

7 निम्न में से किसने अपनी राजधानी मुर्शिदाबाद से मुंगेर स्थानान्तरित की?

अलीवर्दी ख़ाँ
सिराजुद्दौला
मीर ज़ाफ़र
मीर क़ासिम

8 किस ग्रन्थ में शूद्रों के लिए आर्य शब्द का प्रयोग हुआ है?

अर्थशास्त्र
मुद्राराक्षस
अष्टाध्यायी
वृहत्कथामंजरी

9 पुरुषपुर’ निम्नलिखित में से किसका प्राचीन नाम था?

पटना
पाटलिपुत्र
पेशावर
पंजाब

10 गुप्तकाल के सिक्कों का सबसे बड़ा ढेर कहाँ से प्राप्त हुआ है?

'बयाना' (भरतपुर) से
'देवगढ़' (झाँसी) से
'भूमरा' (मध्य प्रदेश) से
'तिगवा' (मध्य प्रदेश) से

11 वेंगी के युद्ध में चोल नरेश 'करिकाल' से पराजित होकर किस चेर राजा ने आत्महत्या कर ली?

उदियनजेरल
पलयानैशेल्केलु कुट्टवन
धर्मपरायण कुट्टवन
नेदुनजेरल आदन

12 भीमराव आम्बेडकर की पढ़ाई-लिखाई में किसने सर्वाधिक सहयोग दिया?

जूनागढ़ के नवाब ने
मैसूर के महाराज ने
बड़ौदा के महाराज ने
नाभा के महाराज ने

13 महाराष्ट्र में 'गणपति उत्सव' आरंभ करने का श्रेय किसको प्राप्त है?

वल्लभभाई पटेल
बाल गंगाधर तिलक
शिवाजी
विपिन चन्द्र पाल

14 किस राष्ट्रकूट शासक ने एलोरा के पर्वतों को काटकर प्रसिद्ध 'कैलाश मन्दिर' का निर्माण करवाया था?

इन्द्र तृतीय
कृष्ण प्रथम
ध्रुव धारावर्ष
कृष्ण तृतीय

15 वेंगी के चालुक्य वंश का संस्थापक कौन था?

विष्णुवर्धन
विजयादित्य
इन्द्रवर्धन
जयसिंह द्वितीय