"कलश" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
*जल से भरे कलश के अंदर आम्रपल्लव और उसके ऊपर नारियल रख कर पूजा की जाती है।  
 
*जल से भरे कलश के अंदर आम्रपल्लव और उसके ऊपर नारियल रख कर पूजा की जाती है।  
  
{{प्रचार}}
+
{{seealso|मंगल कलश}}
 +
 
 
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
+
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==सम्बंधित लेख==
 
==सम्बंधित लेख==
 
{{भारतीय संस्कृति के प्रतीक}}
 
{{भारतीय संस्कृति के प्रतीक}}
 
 
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]]  
 
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]]  
 
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
[[Category:पौराणिक कोश]]
 
[[Category:धार्मिक चिह्न]]
 
[[Category:धार्मिक चिह्न]]
 +
[[Category:भारतीय संस्कृति के प्रतीक]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

11:15, 23 नवम्बर 2012 का अवतरण

Bharatkosh-logo.png पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।
  • धार्मिक विधियों में कलश की स्थापना का एक महत्त्वपूर्ण विधि है।
  • इसमें जल देवता, वरुण की पूजा होती है।
  • यह अनुष्ठान शांति और समृद्धि के लिए किया जाता है।
  • एक अथवा एक से अधिक कलशों की (108 कलशों) की स्थापना की जाती है।
  • कलश के एक ही प्रतीक में सभी देवता, सप्त सागर, सप्त सरिता, पृथ्वी, चारों वेद, गायत्री सभी के पापक्षय और शांति के लिए समंवय किया गया है।
  • जल से भरे कलश के अंदर आम्रपल्लव और उसके ऊपर नारियल रख कर पूजा की जाती है।

इन्हें भी देखें: मंगल कलश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लेख