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'''योहानेस गुटनबर्ग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Johannes Gutenberg'', जन्म- 1398 ई., मृत्यु- 1468 ई.) टाइप के माध्यम से मुद्रण विद्या के आविष्कारक थे। वे जर्मनी के मेंज के रहने वाले थे। योहानेस गुटनबर्ग ने ही 1439 में प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार किया था। ये एक मूवेबल टाइप प्रिंटिंग मशीन थी। दुनिया की पहली प्रिंटिंग मशीन से उन्होंने [[बाइबिल]] की छपाई की थी। ये बाइबिल आज भी गुटनबर्ग बाइबिल नाम से प्रसिद्ध है। इस मूवेबल प्रिंटिंग मशीन से छपाई का काम ब्लॉक में अक्षर खोदकर किया जाता था।
 
'''योहानेस गुटनबर्ग''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Johannes Gutenberg'', जन्म- 1398 ई., मृत्यु- 1468 ई.) टाइप के माध्यम से मुद्रण विद्या के आविष्कारक थे। वे जर्मनी के मेंज के रहने वाले थे। योहानेस गुटनबर्ग ने ही 1439 में प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार किया था। ये एक मूवेबल टाइप प्रिंटिंग मशीन थी। दुनिया की पहली प्रिंटिंग मशीन से उन्होंने [[बाइबिल]] की छपाई की थी। ये बाइबिल आज भी गुटनबर्ग बाइबिल नाम से प्रसिद्ध है। इस मूवेबल प्रिंटिंग मशीन से छपाई का काम ब्लॉक में अक्षर खोदकर किया जाता था।
 
==मशीन की विशेषता==
 
==मशीन की विशेषता==

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योहानेस गुटनबर्ग

योहानेस गुटनबर्ग (अंग्रेज़ी: Johannes Gutenberg, जन्म- 1398 ई., मृत्यु- 1468 ई.) टाइप के माध्यम से मुद्रण विद्या के आविष्कारक थे। वे जर्मनी के मेंज के रहने वाले थे। योहानेस गुटनबर्ग ने ही 1439 में प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार किया था। ये एक मूवेबल टाइप प्रिंटिंग मशीन थी। दुनिया की पहली प्रिंटिंग मशीन से उन्होंने बाइबिल की छपाई की थी। ये बाइबिल आज भी गुटनबर्ग बाइबिल नाम से प्रसिद्ध है। इस मूवेबल प्रिंटिंग मशीन से छपाई का काम ब्लॉक में अक्षर खोदकर किया जाता था।

मशीन की विशेषता

जर्मनी के मेंज शहर में 1398 में जन्मे योहानेस गुटनबर्ग की प्रिंटिंग मशीन की खास बात ये थी कि इससे छपाई में लकड़ी की जगह मेटल ब्लॉक का इस्तेमाल होता था। इस मशीन के ईजाद होने से किसी भी तरह के पेपर पर छपाई करना आसान हो गया था। ये प्रिंटिंग मशीन रोजाना एक हजार से ज्यादा पेज की छपाई कर सकती थी। इसके पहले छपाई की जो तकनीक थी, उससे दिन भर में सिर्फ 40 से 50 पेज ही प्रिंट हो पाते थे।

शिक्षा क्षेत्र में क्रांति

इस प्रिंटिंग मशीन के आविष्कार के बाद शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आ गई थी। बुक्स की छपाई होने लगी। लोगों के बीच किताबों की मांग बढ़ने लगी। इसकी वजह यूरोप का मिडिल क्लास भी था, जो किताबें पढ़ने लगा था। गुटनबर्ग की प्रिंटिंग मशीन में सबसे पहले जर्मन भाषा में एक कविता छापी गई थी। इसके अलावा लैटिन ग्रामर की किताब की छपाई भी की गई, लेकिन गुटनबर्ग प्रेस को पहचान बाइबिल की छपाई के बाद ही मिली। इस बाइबिल की छपाई अधिक संख्या में की गई। उसे यूरोप के बाहर के चर्चों में पहुंचाया गया। इससे पहले बाइबिल बहुत कम थी। इसे हाथ से लिखने में पादरी को एक साल का समय लगता था, लेकिन गुटनबर्ग ने इससे भी कम समय में 200 बाइबिल की छपाई कर दी थी।

योहानेस गुटनबर्ग ने प्रिंटिंग प्रेस में छापी पहली बाइबिल 30 फ्लोरिन (उस समय की जर्मन मुद्रा) में बेची थी। ये उस समय हाथ से लिखी बाइबिल से सस्ती थी। आज भी 21 से ज्यादा गुटनबर्ग बाइबिल मौजूद हैं। आज इनकी वैल्यू 30 मिलियन डॉलर से अधिक है।

मृत्यु

3 फ़रवरी, 1468 ई. को योहानेस गुटनबर्ग का निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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