"इख़्तियारुद्दीन अल्तूनिया" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "{{लेख प्रगति" to "{{प्रचार}} {{लेख प्रगति") |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*[[रज़िया सुल्तान]] (1236-40 ई.) के शासन काल के प्रारम्भ में यह [[भटिण्डा]] का हाक़िम था। उसने 1240 ई. में रज़िया के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी, उसे परास्त कर दिया और बन्दी बना लिया। परन्तु उसे अपने इस कार्य के लिए बहराम से, जो नया सुल्तान बना था, यथेष्ट पुरस्कार नहीं मिला। इसलिए उसने रज़िया को जेलख़ाने से रिहा कर दिया और उससे शादी कर ली। उसने रज़िया को फिर से गद्दी पर बिठाने के लिए एक बड़ी सेना के साथ [[दिल्ली]] पर आक्रमण किया। परन्तु वह [[कैथल]] की लड़ाई में पराजित हो गया और दूसरे दिन उसे व रज़िया को मार डाला गया। | *[[रज़िया सुल्तान]] (1236-40 ई.) के शासन काल के प्रारम्भ में यह [[भटिण्डा]] का हाक़िम था। उसने 1240 ई. में रज़िया के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी, उसे परास्त कर दिया और बन्दी बना लिया। परन्तु उसे अपने इस कार्य के लिए बहराम से, जो नया सुल्तान बना था, यथेष्ट पुरस्कार नहीं मिला। इसलिए उसने रज़िया को जेलख़ाने से रिहा कर दिया और उससे शादी कर ली। उसने रज़िया को फिर से गद्दी पर बिठाने के लिए एक बड़ी सेना के साथ [[दिल्ली]] पर आक्रमण किया। परन्तु वह [[कैथल]] की लड़ाई में पराजित हो गया और दूसरे दिन उसे व रज़िया को मार डाला गया। | ||
+ | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार=आधार1 | |आधार=आधार1 |
11:30, 10 जनवरी 2011 का अवतरण
- रज़िया सुल्तान (1236-40 ई.) के शासन काल के प्रारम्भ में यह भटिण्डा का हाक़िम था। उसने 1240 ई. में रज़िया के ख़िलाफ़ बग़ावत कर दी, उसे परास्त कर दिया और बन्दी बना लिया। परन्तु उसे अपने इस कार्य के लिए बहराम से, जो नया सुल्तान बना था, यथेष्ट पुरस्कार नहीं मिला। इसलिए उसने रज़िया को जेलख़ाने से रिहा कर दिया और उससे शादी कर ली। उसने रज़िया को फिर से गद्दी पर बिठाने के लिए एक बड़ी सेना के साथ दिल्ली पर आक्रमण किया। परन्तु वह कैथल की लड़ाई में पराजित हो गया और दूसरे दिन उसे व रज़िया को मार डाला गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ