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दामोदर धर्मानंद कोसांबी का जन्म 31 जुलाई, 1907 ई. को [[गोवा]] में हुआ था। धर्मानंद प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध विद्वान, भाषा-वैज्ञानिक और गणितज्ञ माने जाते थे। दामोदर के पिता [[बौद्ध धर्म]] के प्रकांड विद्वान थे।
 
दामोदर धर्मानंद कोसांबी का जन्म 31 जुलाई, 1907 ई. को [[गोवा]] में हुआ था। धर्मानंद प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध विद्वान, भाषा-वैज्ञानिक और गणितज्ञ माने जाते थे। दामोदर के पिता [[बौद्ध धर्म]] के प्रकांड विद्वान थे।
 
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धर्मानंद कोसांबी [[अमेरिका]] के हारवर्ड विश्वविद्यालय में अध्यापक थे। अत: दामोदर की सारी शिक्षा अमेरिका में हुई। उनके अध्यन के मुख्य विषय थे-[[गणित]], [[इतिहास]] और भाषा विज्ञान। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ वर्षों तक [[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]] और [[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय]] में अध्यापन किया और उसके बाद 1932 में गणित के प्रोफेसर बनकर [[पूना]] के फरग्यूसन कॉलेज चले गए। 1946 में उन्हें 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च' में आमंत्रित किया गया जहाँ वे 16 वर्ष तक काम करते रहे।
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धर्मानंद कोसांबी [[अमेरिका]] के हारवर्ड विश्वविद्यालय में अध्यापक थे। अत: दामोदर की सारी शिक्षा अमेरिका में हुई। उनके अध्यन के मुख्य विषय थे-गणित, इतिहास और भाषा विज्ञान। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ वर्षों तक [[काशी हिन्दू विश्वविद्यालय]] और [[अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय]] में अध्यापन किया और उसके बाद 1932 में गणित के प्रोफेसर बनकर [[पूना]] के फरग्यूसन कॉलेज चले गए। 1946 में उन्हें 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च' में आमंत्रित किया गया जहाँ वे 16 वर्ष तक काम करते रहे।
 
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गणित के अतिरिक्त उनका उल्लेखनीय योगदान प्राचीन भारतीय इतिहास और [[संस्कृति]] के क्षेत्र में रहा है। उनके निम्नलिखित [[ग्रंथ]] बहुत प्रसिद्ध हैं-'मिथ एंड रियलिटी' 'स्टडीज़ इन द फार्मेशन ऑफ इंडियन कल्वर' और 'द कल्वर एंड सिविलाइज़ेशन ऑफ़ एंशेंट इंडिया इन हिस्टोरिकल आउटलाइन'। उन्होंने पश्चिम के इतिहासकारों की इस स्थापना का तर्कपूर्ण खंडन किया कि [[भारत]] की पुरानी सभ्यता बाहरी प्रभाव का परिणाम है। कोसांबी की मान्यता थी कि भारत की अपनी आंतरिक परिस्थितियों का परिणाम था।  
 
गणित के अतिरिक्त उनका उल्लेखनीय योगदान प्राचीन भारतीय इतिहास और [[संस्कृति]] के क्षेत्र में रहा है। उनके निम्नलिखित [[ग्रंथ]] बहुत प्रसिद्ध हैं-'मिथ एंड रियलिटी' 'स्टडीज़ इन द फार्मेशन ऑफ इंडियन कल्वर' और 'द कल्वर एंड सिविलाइज़ेशन ऑफ़ एंशेंट इंडिया इन हिस्टोरिकल आउटलाइन'। उन्होंने पश्चिम के इतिहासकारों की इस स्थापना का तर्कपूर्ण खंडन किया कि [[भारत]] की पुरानी सभ्यता बाहरी प्रभाव का परिणाम है। कोसांबी की मान्यता थी कि भारत की अपनी आंतरिक परिस्थितियों का परिणाम था।  
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दामोदर धर्मानंद कोसांबी (जन्म- 31 जुलाई, 1907; मृत्यु- 29 जून, 1966) प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध विद्वान, भाषा-वैज्ञानिक और गणितज्ञ थे।

जीवन परिचय

दामोदर धर्मानंद कोसांबी का जन्म 31 जुलाई, 1907 ई. को गोवा में हुआ था। धर्मानंद प्राचीन भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध विद्वान, भाषा-वैज्ञानिक और गणितज्ञ माने जाते थे। दामोदर के पिता बौद्ध धर्म के प्रकांड विद्वान थे।

शिक्षा

धर्मानंद कोसांबी अमेरिका के हारवर्ड विश्वविद्यालय में अध्यापक थे। अत: दामोदर की सारी शिक्षा अमेरिका में हुई। उनके अध्यन के मुख्य विषय थे-गणित, इतिहास और भाषा विज्ञान। शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ वर्षों तक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्यापन किया और उसके बाद 1932 में गणित के प्रोफेसर बनकर पूना के फरग्यूसन कॉलेज चले गए। 1946 में उन्हें 'टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च' में आमंत्रित किया गया जहाँ वे 16 वर्ष तक काम करते रहे।

योगदान

गणित के अतिरिक्त उनका उल्लेखनीय योगदान प्राचीन भारतीय इतिहास और संस्कृति के क्षेत्र में रहा है। उनके निम्नलिखित ग्रंथ बहुत प्रसिद्ध हैं-'मिथ एंड रियलिटी' 'स्टडीज़ इन द फार्मेशन ऑफ इंडियन कल्वर' और 'द कल्वर एंड सिविलाइज़ेशन ऑफ़ एंशेंट इंडिया इन हिस्टोरिकल आउटलाइन'। उन्होंने पश्चिम के इतिहासकारों की इस स्थापना का तर्कपूर्ण खंडन किया कि भारत की पुरानी सभ्यता बाहरी प्रभाव का परिणाम है। कोसांबी की मान्यता थी कि भारत की अपनी आंतरिक परिस्थितियों का परिणाम था।

निधन

प्रसिद्ध विद्वान दामोदर धर्मानंद कोसांबी का निधन 29 जून, 1966 को हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

शर्मा, लीलाधर भारतीय चरित कोश (हिन्दी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, दिल्ली, पृष्ठ 379।


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख