एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"राष्ट्रपति भवन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "पुरातत्त्व" to "पुरातत्त्व")
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
 
==वास्तु विशेषताऐं==
 
==वास्तु विशेषताऐं==
 
चार मंज़िल राष्ट्रपति भवन में कुल 340 कमरे हैं। 2 लाख वर्ग फुट में बने इस भवन में 70 करोड़ ईंटें तथा 30 लाख क्यूविक फुट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। भवन के निर्माण में स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है। राष्ट्रपति भवन में बने चक्र, छज्जे, छतरियाँ और जालियाँ भारतीय [[पुरातत्त्व]] पद्धति का अनुकरण हैं। भवन के स्तम्भों पर उकेरी गई घंटियाँ [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], [[जैन धर्म|जैन]] और [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] मन्दिरों की घंटियों की अनुकृति हैं। जबकि इसके स्तम्भों के निर्माण की प्रेरणा [[कर्नाटक]] के मूडाबिद्री में स्थित जैन मन्दिर है। इसके गुम्बद के बारे में लुटियंस का मानना है क यह गुम्बद रोम के सर्वदेवमन्दिर (पैन्थियन आफ रोम) की याद दिलाता है। लेकिन विश्लेषकों का विचार है कि गुम्बर की संरचना सांची के स्तूप के पैटर्न पर की गई है। [[26 जनवरी]], [[1950]] को यह भवन प्रथम राष्ट्रपति [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] का सरकारी आवास बना, तब से [[भारत]] के [[राष्ट्रपति]] का यह आवास है।
 
चार मंज़िल राष्ट्रपति भवन में कुल 340 कमरे हैं। 2 लाख वर्ग फुट में बने इस भवन में 70 करोड़ ईंटें तथा 30 लाख क्यूविक फुट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। भवन के निर्माण में स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है। राष्ट्रपति भवन में बने चक्र, छज्जे, छतरियाँ और जालियाँ भारतीय [[पुरातत्त्व]] पद्धति का अनुकरण हैं। भवन के स्तम्भों पर उकेरी गई घंटियाँ [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], [[जैन धर्म|जैन]] और [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] मन्दिरों की घंटियों की अनुकृति हैं। जबकि इसके स्तम्भों के निर्माण की प्रेरणा [[कर्नाटक]] के मूडाबिद्री में स्थित जैन मन्दिर है। इसके गुम्बद के बारे में लुटियंस का मानना है क यह गुम्बद रोम के सर्वदेवमन्दिर (पैन्थियन आफ रोम) की याद दिलाता है। लेकिन विश्लेषकों का विचार है कि गुम्बर की संरचना सांची के स्तूप के पैटर्न पर की गई है। [[26 जनवरी]], [[1950]] को यह भवन प्रथम राष्ट्रपति [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] का सरकारी आवास बना, तब से [[भारत]] के [[राष्ट्रपति]] का यह आवास है।
==मुग़ल बगीचा==
+
==मुग़ल गार्डन==
{{मुख्य|मुग़ल बगीचा दिल्ली}}
+
{{मुख्य|मुग़ल गार्डन दिल्ली}}
इस इमारत के पीछे विशाल मुग़ल बगीचा स्थित है। जिसे हर साल फ़रवरी में आम जनता के लिए खोला जाता है। दरबार हॉल के अधिकतम कमरे मुख्य गुम्बद के नीचे खुलते हैं। राष्ट्रपति के सारे राजकीय कार्यक्रम यहीं पर आयोजित किए जाते हैं।  
+
इस इमारत के पीछे विशाल मुग़ल गार्डन स्थित है। जिसे हर साल फ़रवरी में आम जनता के लिए खोला जाता है। दरबार हॉल के अधिकतम कमरे मुख्य गुम्बद के नीचे खुलते हैं। राष्ट्रपति के सारे राजकीय कार्यक्रम यहीं पर आयोजित किए जाते हैं।  
  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}
पंक्ति 21: पंक्ति 21:
 
|शोध=
 
|शोध=
 
}}
 
}}
 +
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{दिल्ली}}
 
{{दिल्ली}}
 
[[Category:राष्ट्रपति और राज्यपाल]]
 
[[Category:राष्ट्रपति और राज्यपाल]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

06:31, 27 जनवरी 2012 का अवतरण

राष्ट्रपति भवन, दिल्ली
Rashtrapati Bhavan, Delhi

राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का राजकीय निवास है। यह अदभुत एवं विशाल भवन रायसेना पहाड़ी पर स्थित है। यह दुनिया की विशालतम इमारतों में से एक है। राष्ट्रपति भवन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। इस भवन के निर्माण की सोच सर्वप्रथम 1911 में उस समय उत्पन्न हुई जब दिल्ली दरबार ने निर्णय किया कि भारत की राजधानी कोलकाता से दिल्ली स्थानान्तरित की जाएगी। इसी के साथ में यह भी निर्णय लिया गया कि नई दिल्ली में ब्रिटिश वायसराय के रहने के लिए एक आलीशान भवन का निर्माण किया जाएगा।

यह इमारत 330 एकड़ में फैली हुयी है। इस विशाल इमारत की डिज़ाइन सर एडविन लुटियन्स द्वारा तैयार की गई थी। इस इमारत में 340 कमरे, 74 बरामदे, 37 सभागृह, क़रीब एक किलोमीटर का गलियारा, 18 सोपान (सीढ़ियाँ) मार्ग और 37 फव्वारे हैं।

निर्माण

राष्ट्रपति भवन, दिल्ली

इस भवन के मुख्य शिल्पीकार एडविन लैंडसीर लुटियंस थे, जबकि इसके प्रमुख इंजीनियर हग कीलिंग थे। इस भवन का अधिकतम निर्माण कार्य ठेकेदार हारून-अल-राशिद के द्वारा किया गया। प्रारम्भ में इस भवन के निर्माण के लिए 4 लाख पौंड स्टर्लिंग राशि व्यय करने हेतु निर्धारित की गयी थी। परन्तु भवन के निर्माण में 17 साल लग जाने के कारण व्यय राशि बढकर 877136 पौंड स्टर्लिंग अर्थात् 1 करोड़ 28 लाख रुपये हो गई। यदि मुग़ल गार्डन और राष्ट्रपति भवन परिसर में कर्मचारियों के लिए बने आवासों की राशि भी इसमें शामिल कर दी जाये तो राष्ट्रपति भवन के निर्माण में 1 करोड़ 40 लाख रुपये ख़र्च हुए।

वास्तु विशेषताऐं

चार मंज़िल राष्ट्रपति भवन में कुल 340 कमरे हैं। 2 लाख वर्ग फुट में बने इस भवन में 70 करोड़ ईंटें तथा 30 लाख क्यूविक फुट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। भवन के निर्माण में स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है। राष्ट्रपति भवन में बने चक्र, छज्जे, छतरियाँ और जालियाँ भारतीय पुरातत्त्व पद्धति का अनुकरण हैं। भवन के स्तम्भों पर उकेरी गई घंटियाँ हिन्दू, जैन और बौद्ध मन्दिरों की घंटियों की अनुकृति हैं। जबकि इसके स्तम्भों के निर्माण की प्रेरणा कर्नाटक के मूडाबिद्री में स्थित जैन मन्दिर है। इसके गुम्बद के बारे में लुटियंस का मानना है क यह गुम्बद रोम के सर्वदेवमन्दिर (पैन्थियन आफ रोम) की याद दिलाता है। लेकिन विश्लेषकों का विचार है कि गुम्बर की संरचना सांची के स्तूप के पैटर्न पर की गई है। 26 जनवरी, 1950 को यह भवन प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद का सरकारी आवास बना, तब से भारत के राष्ट्रपति का यह आवास है।

मुग़ल गार्डन

इस इमारत के पीछे विशाल मुग़ल गार्डन स्थित है। जिसे हर साल फ़रवरी में आम जनता के लिए खोला जाता है। दरबार हॉल के अधिकतम कमरे मुख्य गुम्बद के नीचे खुलते हैं। राष्ट्रपति के सारे राजकीय कार्यक्रम यहीं पर आयोजित किए जाते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख