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शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहां [[वर्षा ऋतु|वर्षा]] कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनसपतियां नहीं उगती हैं, '''मरुस्थल''' कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-
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शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहां [[वर्षा ऋतु|वर्षा]] कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनस्पतियां नहीं उगती हैं, '''मरुस्थल''' कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-
  
 
#'''वास्तविक मरुस्थल'''- इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है।
 
#'''वास्तविक मरुस्थल'''- इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है।
 
#'''पथरीले मरुस्थल'''- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
 
#'''पथरीले मरुस्थल'''- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
#'''चट्टानी मरुस्थल'''- इनमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।
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#'''चट्टानी मरुस्थल'''- इसमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।
  
  

08:17, 22 जून 2012 का अवतरण

विश्व के प्रमुख मरुस्थल (पृष्ठ संख्या 172)
नाम देश क्षेत्रफल (किमी.)
सहारा उत्तरी अफ्रीका 9065000
लिबयान उत्तरी अफ्रीका 1683500
ऑस्ट्रेलियान ऑस्ट्रेलिया 1554000
ग्रेट विक्टोरिया ऑस्ट्रेलिया 323800
अटकामा उत्तरी चिली 180000
पेंटोगोनिया अर्जेंटीना
सीरियन अरब 323800
अरेबियन अरब 129500
गोबी मंगोलिया 1036000
रब आल खाली अरब 647500
कालाहारी बोत्स्वाना 518000
ग्रेट सैंडी ऑस्ट्रेलिया 414400
टकला माकन चीन 323800
अरुनता ऑस्ट्रेलिया 310800
कारा कुम दक्षिण-पश्चिमी तुर्किस्तान 272000
नूबियन उत्तरी अफ्रीका 259000
थार उत्तरी-पश्चिमी भारत 259000
किजिलकुल मध्य तुर्किस्तान 233100

शुष्क जलवायु वाले प्रदेशों में पाये जाने वाले वे क्षेत्र जहां वर्षा कम या नहीं के बराबर होती है एवं वनस्पतियां नहीं उगती हैं, मरुस्थल कहलाते हैं। ऐसे प्रदेशों में बालुकाभित्ति, कंकड़-पत्थर एवं चट्टान की अधिकता रहती है। मरुस्थल निम्न प्रकार के होते हैं-

  1. वास्तविक मरुस्थल- इसमें बालू की प्रचुरता पाई जाती है।
  2. पथरीले मरुस्थल- इसमें कंकड़-पत्थर से युक्त भूमि पाई जाती है। इन्हें अल्जीरिया में रेग तथा लीबिया में सेरिर के नाम से जाना जाता है।
  3. चट्टानी मरुस्थल- इसमें चट्टानी भूमि का हिस्सा अधिकाधिक होता है। इन्हें सहारा क्षेत्र में हमादा कहा जाता है।


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