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==हिंदी शिक्षण==
 
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भारतीय लोकवार्ता और प्रवासी भारतीय हिंदी साहित्य के अध्ययन और अनुसंधान के अलावा विदेशी भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण में आपकी विशेष रुचि रही है। डॉ. वर्मा ने विदेशियों के लिए हिंदी के विविध स्तरीय पाठ्यक्रमों का निर्माण करने के साथ-साथ प्रभावी शिक्षण विधियों का भी विकास किया और स्तरीकृत शिक्षण सामग्री भी तैयार की। आपने विशेषतः फ़िजी, मॉरिशस, सूरीनाम और दक्षिण अफ़्रीका में प्रवासी भारतीयों द्वारा रचे जा रहे सृजनात्मक हिंदी साहित्य की विशिष्ट भाषिक शैलियों पर गंभीर अध्ययन-अनुसंधान किया है।  
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भारतीय लोकवार्ता और प्रवासी भारतीय हिंदी साहित्य के अध्ययन और अनुसंधान के अलावा विदेशी भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण में आपकी विशेष रुचि रही है। डॉ. वर्मा ने विदेशियों के लिए हिंदी के विविध स्तरीय पाठ्यक्रमों का निर्माण करने के साथ-साथ प्रभावी शिक्षण विधियों का भी विकास किया और स्तरीकृत शिक्षण सामग्री भी तैयार की। आपने विशेषतः फ़िजी, मॉरिशस, सूरीनाम और दक्षिण अफ़्रीका में प्रवासी भारतीयों द्वारा रचे जा रहे सृजनात्मक हिंदी साहित्य की विशिष्ट भाषिक शैलियों पर गंभीर अध्ययन-अनुसंधान किया है।<ref>{{cite web |url=http://khsindia.org/index.php?option=com_content&view=article&id=236&Itemid=889&lang=hi |title=विमलेश कांति वर्मा |accessmonthday=6 अक्टूबर |accessyear=2012 |last= |first= |authorlink= |format=पी.एच.पी |publisher=केंद्रीय हिंदी संस्थान |language=हिंदी }} </ref>
==हिन्दी का प्रचार-प्रसार==
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[[चित्र:Vimlesh-kanti-verma-kapil-sibbal-mohan-ji.jpg|thumb|left|[[केन्द्रीय हिन्दी संस्थान]] के अध्यक्ष  [[कपिल सिब्बल|श्री कपिल सिब्बल]] से सम्मानित होते हुए विमलेश कांति वर्मा]]
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==हिंदी प्रचार-प्रसार==
 
हिंदी के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार का दृढ़ संकल्प लिए डॉ. विमलेश कांति वर्मा टोरंटो विश्वाविद्यालय, कनाडा; सोफ़िया विश्वरविद्यालय, बल्ग़ारिया और साउथ पेसिफ़िक विश्वाविद्यालय, फ़िजी में [[हिंदी भाषा]] और साहित्य का अध्यापन और विदेशी हिंदी शिक्षकों के प्रशिक्षण के अलावा विभिन्न विश्व हिंदी सम्मेलनों और क्षेत्रीय हिंदी सम्मेलनों में सक्रिय सहभागिता कर चुके हैं। भारतीय राजनयिक के तौर पर आप फ़िजी स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव (हिंदी और शिक्षा) के महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वाह कर चुके हैं।
 
हिंदी के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार का दृढ़ संकल्प लिए डॉ. विमलेश कांति वर्मा टोरंटो विश्वाविद्यालय, कनाडा; सोफ़िया विश्वरविद्यालय, बल्ग़ारिया और साउथ पेसिफ़िक विश्वाविद्यालय, फ़िजी में [[हिंदी भाषा]] और साहित्य का अध्यापन और विदेशी हिंदी शिक्षकों के प्रशिक्षण के अलावा विभिन्न विश्व हिंदी सम्मेलनों और क्षेत्रीय हिंदी सम्मेलनों में सक्रिय सहभागिता कर चुके हैं। भारतीय राजनयिक के तौर पर आप फ़िजी स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव (हिंदी और शिक्षा) के महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वाह कर चुके हैं।
  
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*[http://vimleshkanti.org/ आधिकारिक वेबसाइट]
 
==संबंधित लेख==
 
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12:32, 6 अक्टूबर 2012 का अवतरण

विमलेश कांति वर्मा
विमलेश कांति वर्मा
पूरा नाम विमलेश कांति वर्मा
जन्म जुलाई, 1943
भाषा हिन्दी
शिक्षा एम.ए. और डी. फ़िल
विद्यालय इलाहाबाद विश्वविद्यालय
पुरस्कार-उपाधि महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार
विशेष योगदान अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, कोश निर्माण और अनुवाद में उल्लेखनीय योगदान है।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी विमलेश कांति वर्मा वर्तमान में हिंदी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष हैं।
अद्यतन‎

डॉ. विमलेश कांति वर्मा (अंग्रेज़ी: Vimlesh Kanti Verma) ने पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से निरंतर अनुप्रयुक्त भाषाविज्ञान, कोश निर्माण, पाठालोचन, अनुवाद और सांस्कृतिक अध्ययन के क्षेत्र में अपनी देश-विदेश में सशक्त उपस्थिति दर्ज़ कराई है।

हिंदी शिक्षण

भारतीय लोकवार्ता और प्रवासी भारतीय हिंदी साहित्य के अध्ययन और अनुसंधान के अलावा विदेशी भाषा के रूप में हिंदी शिक्षण में आपकी विशेष रुचि रही है। डॉ. वर्मा ने विदेशियों के लिए हिंदी के विविध स्तरीय पाठ्यक्रमों का निर्माण करने के साथ-साथ प्रभावी शिक्षण विधियों का भी विकास किया और स्तरीकृत शिक्षण सामग्री भी तैयार की। आपने विशेषतः फ़िजी, मॉरिशस, सूरीनाम और दक्षिण अफ़्रीका में प्रवासी भारतीयों द्वारा रचे जा रहे सृजनात्मक हिंदी साहित्य की विशिष्ट भाषिक शैलियों पर गंभीर अध्ययन-अनुसंधान किया है।[1]

केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के अध्यक्ष श्री कपिल सिब्बल से सम्मानित होते हुए विमलेश कांति वर्मा

हिंदी प्रचार-प्रसार

हिंदी के अंतरराष्ट्रीय प्रचार-प्रसार का दृढ़ संकल्प लिए डॉ. विमलेश कांति वर्मा टोरंटो विश्वाविद्यालय, कनाडा; सोफ़िया विश्वरविद्यालय, बल्ग़ारिया और साउथ पेसिफ़िक विश्वाविद्यालय, फ़िजी में हिंदी भाषा और साहित्य का अध्यापन और विदेशी हिंदी शिक्षकों के प्रशिक्षण के अलावा विभिन्न विश्व हिंदी सम्मेलनों और क्षेत्रीय हिंदी सम्मेलनों में सक्रिय सहभागिता कर चुके हैं। भारतीय राजनयिक के तौर पर आप फ़िजी स्थित भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव (हिंदी और शिक्षा) के महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वाह कर चुके हैं।

सम्मान एवं पुरस्कार

  • अनेक अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों और सम्मानों से अलंकृत हिंदी के समर्पित शिक्षक-यायावर डॉ. विमलेश कांति वर्मा को 'केंद्रीय हिंदी संस्थान' ने 'महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार' से सम्मानित किया है।
  • आपने बल्ग़ारियन भाषा की अनेक कालजयी कृतियों का हिंदी में अनुवाद किया है, जिसके लिए बल्ग़ारिया सरकार की ओर से आपको दो प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किए गए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विमलेश कांति वर्मा (हिंदी) (पी.एच.पी) केंद्रीय हिंदी संस्थान। अभिगमन तिथि: 6 अक्टूबर, 2012।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख