"नासिरुद्दीन खुशरवशाह" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "निजामुद्दीन" to "निज़ामुद्दीन")
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
*उसके शत्रुओं ने उसके विरुद्ध “[[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] का शत्रु” और “इस्लाम ख़तरे में है” के नारे लगाये।
 
*उसके शत्रुओं ने उसके विरुद्ध “[[इस्लाम धर्म|इस्लाम]] का शत्रु” और “इस्लाम ख़तरे में है” के नारे लगाये।
 
*लगभग साढ़े चार माह के शासन के उपरान्त 5 सितम्बर 1320 को गाजी मलिक एवं खुशरवशाह के मध्य युद्ध हुआ, जिसमें खुशरवशाह पराजित हुआ।
 
*लगभग साढ़े चार माह के शासन के उपरान्त 5 सितम्बर 1320 को गाजी मलिक एवं खुशरवशाह के मध्य युद्ध हुआ, जिसमें खुशरवशाह पराजित हुआ।
*खुशरवाशाह ने [[दिल्ली]] के 'शेख निज़ामुद्दीन औलिया' आदि को धन बाँटकर अपने पक्ष में कर लिया।
+
*खुशरवाशाह ने [[दिल्ली]] के '[[ निज़ामुद्दीन औलिया|शेख निज़ामुद्दीन औलिया]]' आदि को धन बाँटकर अपने पक्ष में कर लिया।
 
*7 सितम्बर को गाजी मलिक ने [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] के हज़ार स्तम्भों वाले महल में प्रवेश किया और 8 सितम्बर, 1320 को दिल्ली के तख्त पर बैठा।
 
*7 सितम्बर को गाजी मलिक ने [[अलाउद्दीन ख़िलजी]] के हज़ार स्तम्भों वाले महल में प्रवेश किया और 8 सितम्बर, 1320 को दिल्ली के तख्त पर बैठा।
  
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
 
|आधार=
 
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
  
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{दिल्ली सल्तनत}}
 
{{दिल्ली सल्तनत}}
 
 
[[Category:दिल्ली सल्तनत]]
 
[[Category:दिल्ली सल्तनत]]
 
[[Category:इतिहास कोश]]
 
[[Category:इतिहास कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

10:24, 14 फ़रवरी 2013 के समय का अवतरण

  • नासिरुद्दीन खुशरवशाह 15 अप्रैल, 1320 को दिल्ली के सिंहासन पर बैठा था।
  • वह हिन्दू धर्म से परिवर्तित मुसलमान था।
  • उसने अपने नाम से खुतबे (प्रशंसात्मक रचना) पढ़वाये और साथ ही ‘पैगम्बर के सेनापति’ की उपाधि धारण की।
  • उसके शत्रुओं ने उसके विरुद्ध “इस्लाम का शत्रु” और “इस्लाम ख़तरे में है” के नारे लगाये।
  • लगभग साढ़े चार माह के शासन के उपरान्त 5 सितम्बर 1320 को गाजी मलिक एवं खुशरवशाह के मध्य युद्ध हुआ, जिसमें खुशरवशाह पराजित हुआ।
  • खुशरवाशाह ने दिल्ली के 'शेख निज़ामुद्दीन औलिया' आदि को धन बाँटकर अपने पक्ष में कर लिया।
  • 7 सितम्बर को गाजी मलिक ने अलाउद्दीन ख़िलजी के हज़ार स्तम्भों वाले महल में प्रवेश किया और 8 सितम्बर, 1320 को दिल्ली के तख्त पर बैठा।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख