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14:26, 2 जनवरी 2015 के समय का अवतरण

एक के ऊपर एक कई मंज़िल वाले राजघर को सर्वतोभद्र कहा जाता है। सर्वतोभद्र राजगृह का एक भेद है। वास्तु शास्त्र में चारों ओर भवन, द्वार तथा बरामदों से युक्त भवन को सर्वतोभद्र कहा जाता है।

इन्हें भी देखें: वास्तु शास्त्र



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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