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-राजनीतिक दल | -राजनीतिक दल | ||
− | ||लोकतांत्रिक देशों में | + | ||लोकतांत्रिक देशों में विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका को सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था के तीन स्तंभ माना जाता है तथा प्रेस को 'चतुर्थ स्तंभ' की संज्ञा दी जाती हैं? |
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{निर्वाचन की सूची पद्धति से प्रमुखत: किसको लाभ होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-110,प्रश्न-5 | {निर्वाचन की सूची पद्धति से प्रमुखत: किसको लाभ होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-110,प्रश्न-5 | ||
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-निर्धन युवा प्रत्याशियों को | -निर्धन युवा प्रत्याशियों को | ||
+समूहों और दलों को | +समूहों और दलों को | ||
− | -श्रमिक संघ के | + | -श्रमिक संघ के निर्दलीय प्रत्याशियों को |
||निर्वाचन की सूची पद्धति से समूहों एवं दलों को लाभ होता है। राजनीतिक दलों के विकास के कारण आजकल चुनाव दलीय आधार पर प्रमुखत: होने लगे हैं जिसमें उम्मीदवारों का विशेष महत्त्व नहीं रहता यही कारण है कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली में सूची व्यवस्था का प्रयोग किया जाने लगा है। इसे सूची प्रणाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से चुनाव नहीं लड़ते वरन् राजनीतिक दलों की सूचियां चुनाव मैदान में होती हैं। इसमें मतदाता विभिन्न सूचियों में से किसी एक सूची को ही मत देता है। दलों को स्थानों का वितरण सूचियों को मिले मतों के आधार पर किया जाता है तथा इसके लिए सामान्यतया तीन विधियों का प्रयोग किया जाता है- 1.अधिकतम शेषफल व्यवस्था। 2. डी' होन्डट या उच्चतम औसत व्यवस्था। 3.पांच प्रतिशत धारा व्यवस्था। सूची प्रणाली में निर्वाचन क्षेत्र बहुसदस्यीय होता है। | ||निर्वाचन की सूची पद्धति से समूहों एवं दलों को लाभ होता है। राजनीतिक दलों के विकास के कारण आजकल चुनाव दलीय आधार पर प्रमुखत: होने लगे हैं जिसमें उम्मीदवारों का विशेष महत्त्व नहीं रहता यही कारण है कि आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली में सूची व्यवस्था का प्रयोग किया जाने लगा है। इसे सूची प्रणाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें उम्मीदवार व्यक्तिगत रूप से चुनाव नहीं लड़ते वरन् राजनीतिक दलों की सूचियां चुनाव मैदान में होती हैं। इसमें मतदाता विभिन्न सूचियों में से किसी एक सूची को ही मत देता है। दलों को स्थानों का वितरण सूचियों को मिले मतों के आधार पर किया जाता है तथा इसके लिए सामान्यतया तीन विधियों का प्रयोग किया जाता है- 1.अधिकतम शेषफल व्यवस्था। 2. डी' होन्डट या उच्चतम औसत व्यवस्था। 3.पांच प्रतिशत धारा व्यवस्था। सूची प्रणाली में निर्वाचन क्षेत्र बहुसदस्यीय होता है। | ||
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-व्यक्ति | -व्यक्ति | ||
+योजना | +योजना | ||
− | ||सामान्यत: विभागों को संगठित करने के मुख्य आधार स्वीकार किए गए हैं- 1.कार्य अथवा उद्देश्य, 2.प्रक्रिया, 3.व्यक्ति, 4.[[क्षेत्र]] या [[प्रदेश]]। लूथर गुलिक ने कहा है कि चार 'पी' (Four 'Ps')- Purpose, Process, | + | ||सामान्यत: विभागों को संगठित करने के मुख्य आधार स्वीकार किए गए हैं- 1.कार्य अथवा उद्देश्य, 2.प्रक्रिया, 3.व्यक्ति, 4.[[क्षेत्र]] या [[प्रदेश]]। लूथर गुलिक ने कहा है कि चार 'पी' (Four 'Ps')- Purpose, Process, Persons तथा Place विभागीय संगठन के आधार हैं। |
− | {[[लोक सभा]] के अध्यक्ष को अपना त्याग-पत्र किसे संबोधित करना पड़ता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-18 | + | {[[लोक सभा]] के [[लोक सभा अध्यक्ष|अध्यक्ष]] को अपना त्याग-पत्र किसे संबोधित करना पड़ता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-18 |
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-[[भारत के प्रधानमंत्री]] को | -[[भारत के प्रधानमंत्री]] को | ||
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||ऑस्ट्रेलिया में एकात्मक शासन व्यवस्था नहीं है। वहां संघात्मक व्यवस्था है। संघात्मक शासन व्यवस्था वाले अन्य देश- [[संयुक्त राज्य अमेरिका]], कनाड़ा, [[भारत]], [[जर्मनी]], स्विट्जरलैंड, आदि। एकात्मक शासन व्यवस्था वाले देश- [[ब्रिटेन]], [[फ्रांस]], [[चीन]] आदि। | ||ऑस्ट्रेलिया में एकात्मक शासन व्यवस्था नहीं है। वहां संघात्मक व्यवस्था है। संघात्मक शासन व्यवस्था वाले अन्य देश- [[संयुक्त राज्य अमेरिका]], कनाड़ा, [[भारत]], [[जर्मनी]], स्विट्जरलैंड, आदि। एकात्मक शासन व्यवस्था वाले देश- [[ब्रिटेन]], [[फ्रांस]], [[चीन]] आदि। | ||
− | { | + | {शून्य-आधार बजट की प्रक्रिया को कब से लोकप्रियता प्राप्त हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-101,प्रश्न-4 |
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-रीगन द्वारा विस्कांसिन के बजट द्वारा | -रीगन द्वारा विस्कांसिन के बजट द्वारा |
10:59, 3 दिसम्बर 2017 का अवतरण
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