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− | {फॉसीवाद विश्वास करता है कि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-20
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− | +राज्य दल से श्रेष्ठ है
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− | -दल राज्य से श्रेष्ठ है
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− | -राज्य और दल दोनों एक-दूसरे से अलग हैं
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− | -राज्य और दल एक ही हैं
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− | ||फॉसीवाद के अनुसार राज्य दल से श्रेष्ठ है। फॉसीवाद शब्द का प्रयोग उस सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक व्यवस्था के रूप का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मुसोलिनी के नेतृत्व में 1922 में [[इटली]] में स्थापित हुई।
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− | {डायसी ने निम्न में से किस अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-30
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− | +विधि का शासन
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− | -ब्रिटिश सम्राट का शासन
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− | -धार्मिक विधि
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− | -विधि का अमूर्तन
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− | ||विख्यात ब्रिटिश न्यायवेत्ता ए.वी. डायसी ने 'विधि के शासन' की अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या प्रस्तुत की है। डायसी ने अपनी कृति 'इंट्रोडक्शन टु द स्टडी ऑफ़ द लॉ ऑफ़ द कांस्टीट्यूशन' में [[इंग्लैंड]] के [[संविधान]] को 'विधि के शासन' की संज्ञा दी है, जो आगे चलकर सांवैधानिक शासन का प्रमाण बन गया।
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− | {निम्नलिखित में से कौन विकसित [[संविधान]] का उदाहरण है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-192,प्रश्न-2
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− | -स्विट्जरलैंड
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− | +ब्रिटिश
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− | -भारतीय
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− | -जर्मन
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− | ||ब्रिटिश संविधान एक विकसित संविधान है जबकि जर्मनी, स्विट्जरलैंड एवं [[भारत]] का [[संविधान]] लिखित या निर्मित संविधान है।
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− | {ब्रिटेन की 'छाया कैबिनेट' का अर्थ है कि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-200,प्रश्न-49
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− | -ब्रिटिश कैबिनेट [[प्रधानमंत्री]] की छाया में कार्य करती है
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− | -ब्रिटिश कैबिनेट [[संसद]] की छाया में कार्य करती है
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− | +विपक्षी दल ने एक समांतर और अनौपचारिक कैबिनेट बनाया है
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− | -ब्रिटिश कैबिनेट की शक्तियां 'छाया' मात्र हैं
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− | ||'छाया कैबिनेट' वेस्टमिंस्टर प्रणाली के अंतर्गत एक प्रकार की राजनैतिक संस्था है। इसके अंतर्गत [[संसद]] में विपक्षी दल के सदस्य नेता विपक्ष के नेतृत्व में सरकार के आधिकारिक मंत्रिमंडल के विरुद्ध एक 'छाया मंत्रिमंडल' या दूसरा मंत्रिमंडल बनाते हैं, जिसका हर एक सदस्य किसी एक सरकारी मंत्री एवं उसके मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा करता है, उसकी गलतियां ढूंढता है और उसके द्वारा बनाई गई नीतियों के विकल्प बताता है और उन्हें जनता के समक्ष ले जाता है।
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− | चुनाव के बाद यदि विपक्षी दल सत्ता में आता है तो छाया मंत्रिमंडल के मंत्री को सामान्यत: उस मंत्रालत का मंत्री बना दिया जाता है जिसकी उसने विपक्ष में रहते हुए समीक्षा की थी।
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− | {"हम एक संविधान के अंतर्गत कार्य करते हैं, किंतु [[संविधान]] वह है जैसा कि न्यायाधीश बतलाते हैं कि वह यह कहता है।" यह जिस न्यायपालिका के विषय में है, वह: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-194,प्रश्न-13
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− | -[[भारत]] में है
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− | -[[इंग्लैंड]] में है
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− | +[[संयुक्त राष्ट्र अमेरिका]] में है
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− | -[[चीन]] में है
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− | ||[[अमेरिका]] में न्यायिक सर्वोच्चता के सिद्धांत को अपनाया गया है। न्यायिक पुनरावलोकन की विस्तृत शक्ति इसे प्राप्त है। [[सर्वोच्च न्यायालय]] ही वहां संविधान एवं नागरिक अधिकारों का रक्षक है। इसकी व्यापक शक्ति को देखते जस्टिस हूज ने कहा है कि हम (अमेरिकी जनता) एक संविधान के अधीन तो हैं किंतु संविधान वहीं जो न्यायाधीश कहते है। जस्टिस फ्रैंकफर्टर ने तो यहां तक कह दिया कि "सर्वोच्च न्यायालय ही संविधान है।"
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− | {निम्न में से किस पुस्तक का लेखक [[प्लेटो]] है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-202,प्रश्न-10
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− | -रिपब्लिक
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− | -स्टेट्समैन
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− | -द लाज
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− | +उपर्युक्त सभी
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− | ||[[प्लेटो]] महान यूनानी दार्शनिक था। इसने लगभग 36 या 38 ग्रंथों की रचना की। प्लेटो द्वारा किया गया राजशास्त्र पर विशद् विवेचन उसकी प्रमुख तीन कृतियों रिपब्लिक, स्टेट्समैन और लाज में मिलते हैं। इन तीनों ग्रंथों में प्लेटो ने सर्वप्रथम 'रिपब्लिक' उसके बाद स्टेट्समैन तथा उसके बाद 'द लाज' की रचना की। इसके अलावा प्लेटो के अन्य ग्रंथ निम्नलिखित हैं- 1-अपोलॉजी 2-क्रोटो 3-प्रोटागोरस 4-जोर्जियाज
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− | {राज्य के आवश्यक तत्त्व हैं- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-9,प्रश्न-33
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− | -सात
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− | -पांच
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− | +चार
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− | -तीन
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− | ||राज्य के चार आवश्यक तत्त्व हैं- (1) जनसंख्या, (2) भू-भाग, (3) सरकार, (4) संप्रभुता।
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− | {'राज्य ही नगर था और चर्च भी'। यह वाक्य किस व्यवस्था का विवरण देता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-22,प्रश्न-30
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− | -स्विट कैंटनों का
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− | -पेसिस नगर का
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− | +यूनानी नगरों का
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− | -फ्रांसीसी नगरों का
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− | ||'राज्य ही नगर था और चर्च भी'। यह वाक्य यूनानी नगरों के विषय में रोमन शासकों द्वारा कहा गया था।
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− | {निम्न में से किस एक को आधुनिक लोकतंत्र में 'अदृश्य साम्राज्य' कहा जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-48,प्रश्न-23
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− | -राजनीतिक दल
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− | +दबाव समूह
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− | -जनसंचार माध्यम
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− | -समाचार-पत्र
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− | ||आधुनिक लोकतंत्र में 'अदृश्य सरकार' 'दबाव समूह' को कहा जाता है। डी.डी. मेक्किन दबाव समूह को 'अदृश्य सरकार' कहता है। दबाव समूह एक प्रकार के अनौपचारिक संगठन हैं जो अपने हितों की पूर्ति हेतु राजनीति को प्रभावित करते हैं।
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− | {निरंकुश संप्रभुता में कौन विश्वास करता था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-24,प्रश्न-9
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− | -लॉक
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− | -रूसो
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− | +हॉब्स
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− | -[[प्लेटो]]
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− | ||हॉब्स निरंकुश प्रभुसत्ता का एक प्रमुख समर्थक था। उसके अनुसार, "तलवार के बिना संविदायें केवल शब्द मात्र हैं"।
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| {मांतेस्क्यू ने किस संस्था की व्याख्या करने में त्रुटि की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-31 | | {मांतेस्क्यू ने किस संस्था की व्याख्या करने में त्रुटि की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-31 |
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