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-समाजवाद का पोषक है
 
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-अंतर्राष्ट्रीय शांति का अग्रदूत है
 
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||फॉसीवाद प्रजातंत्र का विरोधी है। फॉसीवाद का मानना है कि फ्रांसीसी क्रांन्ति के बाद लोकतंत्रवाद आया और वास्तविक रूप से जनता के शासन की स्थापना न कर सका। लोकतंत्र में सत्ता कुछ चतुर और स्वार्थी लोगों के हाथों में केंद्रीत हो गई। इसलिए फॉसीवाद लोकतंत्र को भ्रष्ट, काल्पनिक तथा अव्यावहारिक शासन व्यवस्था मानता है। फॉसीवाद प्रजातंत्र की तुलना शव के करता है। ये [[संसद]] को 'बातों की दुकाने' तथा बहुमत के शासन को उलूकों की व्यवस्ता कहकर उपहास उड़ाते हैं। मुसोलिनी प्रजातंत्र की व्याख्या इस प्रकार करते है" यह समय-समय पर लोगों को जनता की संप्रभुता का झूठा आभास देती रहती है जबकि वास्तविक तथा प्रभावशाली संप्रभुता अदृश्य, गुप्त तथा अनुत्तरदायी हाथों में रहते है।"
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||फॉसीवाद प्रजातंत्र का विरोधी है। फॉसीवाद का मानना है कि फ्रांसीसी क्रांन्ति के बाद लोकतंत्रवाद आया और वास्तविक रूप से जनता के शासन की स्थापना न कर सका। लोकतंत्र में सत्ता कुछ चतुर और स्वार्थी लोगों के हाथों में केंद्रित हो गई। इसलिए फॉसीवाद लोकतंत्र को भ्रष्ट, काल्पनिक तथा अव्यावहारिक शासन व्यवस्था मानता है। फॉसीवाद प्रजातंत्र की तुलना शव से करता है। ये [[संसद]] को 'बातों की दुकानें' तथा बहुमत के शासन को उलूकों की व्यवस्था कहकर उपहास उड़ाते हैं। मुसोलिनी प्रजातंत्र की व्याख्या इस प्रकार करते हैं  "यह समय-समय पर लोगों को जनता की संप्रभुता का झूठा आभास देती रहती है जबकि वास्तविक तथा प्रभावशाली संप्रभुता अदृश्य, गुप्त तथा अनुत्तरदायी हाथों में रहते हैं।"
  
 
{[[कौटिल्य]] का मंडल सिद्धांत किससे संबंधित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-22
 
{[[कौटिल्य]] का मंडल सिद्धांत किससे संबंधित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-22
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||विख्यात ब्रिटिश न्यायवेत्ता ए.वी. डायसी ने 'विधि के शासन' की अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या प्रस्तुत की है। डायसी ने अपनी कृति 'इंट्रोडक्शन टु द स्टडी ऑफ द लॉफ ऑफ़ द कांस्टीट्यूशन' में [[इंग्लैंड]] के संविधान को 'विधि के शासन' की संज्ञा दी है, जो आगे चलकर सांविधानिक शासन का प्रमाण बन गया।
 
||विख्यात ब्रिटिश न्यायवेत्ता ए.वी. डायसी ने 'विधि के शासन' की अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या प्रस्तुत की है। डायसी ने अपनी कृति 'इंट्रोडक्शन टु द स्टडी ऑफ द लॉफ ऑफ़ द कांस्टीट्यूशन' में [[इंग्लैंड]] के संविधान को 'विधि के शासन' की संज्ञा दी है, जो आगे चलकर सांविधानिक शासन का प्रमाण बन गया।
  
{जी-15 देशों के प्रथम शिखर सम्मेलन, 1990 का स्थल था: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-18
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{जी-15 देशों के प्रथम शिखर सम्मेलन, 1990 का स्थल था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-18
 
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-[[नई दिल्ली]]
 
-[[नई दिल्ली]]
+कुआल्लालम्पुर
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+[[कुआलालम्पुर]]
 
-इस्लामाबाद
 
-इस्लामाबाद
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-[[ढाका]]
||जी-15 का गठन बेलग्रेड में सितंबर, 1989 में आयोजित हुए गुट-निरपेक्ष आंदोलन के 9वें शिखर सम्मेलन में किया गया था। इसका उद्देश्य दक्षिण-दक्षिण सहयोग तथा उत्तर-दक्षिण संवाद स्थापित करना है। जी-15 देशों का प्रथम शिखर सम्मेलन [[मलेशिया]] की राजधानी [[कुआलालम्पुर]] में 1-3 जून, 1990 को आयोजित हुआ। प्रारंभ में जी-15 में 15 सदस्य थे लेकिन वर्तमान में 17 सदस्य हैं।
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||जी-15 का गठन बेलग्रेड में सितंबर, 1989 में आयोजित हुए गुट-निरपेक्ष आंदोलन के 9वें शिखर सम्मेलन में किया गया था। इसका उद्देश्य दक्षिण-दक्षिण सहयोग तथा उत्तर-दक्षिण संवाद स्थापित करना है। जी-15 देशों का प्रथम शिखर सम्मेलन [[मलेशिया]] की राजधानी [[कुआलालम्पुर]] में 1-3 जून, 1990 को आयोजित हुआ। प्रारंभ में जी-15 में 15 सदस्य थे लेकिन वर्तमान में 17 सदस्य हैं।
  
 
{संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-21
 
{संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-21
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-सन् 1947 ई. में
 
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-सन् 1935 ई. में
 
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||[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की स्थापना 24 अक्टूवर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। इसकी संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश ([[संयुक्त राज्य अमेरिका]], [[फ्रांस]], [[रूस]] और [[ब्रिटेन]]) द्वितीय विश्व युद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में 193 देश उसके सदस्य हैं इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में हैं।
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||[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। इसकी संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश ([[संयुक्त राज्य अमेरिका]], [[फ्रांस]], [[रूस]] और [[ब्रिटेन]]) द्वितीय विश्व युद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में 193 देश उसके सदस्य हैं। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में है।
  
 
{निम्न में से कौन नौकरशाही की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-39
 
{निम्न में से कौन नौकरशाही की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-39
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-[[रवींद्रनाथ टैगोर|रबींद्र नाथ टैगोर]]
 
-[[रवींद्रनाथ टैगोर|रबींद्र नाथ टैगोर]]
 
-बर्टैण्ड रसेल
 
-बर्टैण्ड रसेल
||'स्व निर्णय का सिद्धांत दुधारी तलवार है।" यह कथन लार्ड कर्जन का है जिसे उन्होंने 1923 के 'लुसाने पीस कांफ्रेंस में स्वनिर्णय के अधिकार की आलोचना करते हुए रहा था।
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||'स्व निर्णय का सिद्धांत दुधारी तलवार है।" यह कथन [[लार्ड कर्जन]] का है जिसे उन्होंने 1923 के 'लुसाने पीस कांफ्रेंस में स्वनिर्णय के अधिकार की आलोचना करते हुए कहा था।
  
 
{[[फ्रांस]] का वर्तमान संविधान किस गंणतंत्र के नाम से जान जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-22
 
{[[फ्रांस]] का वर्तमान संविधान किस गंणतंत्र के नाम से जान जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-22
 
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-तृंतीय
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-चतुर्थ
 
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+पंचम
 
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-षष्ठम
 
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||[[फ्रांस]] का वर्तमान संविधान पंचम गंणतंत्र के नाम से जाना जाता है। फ्रांस में राजतंत्र को समाप्त करने के लिए कई महान क्रांतियां हुई जिससे प्रभुसत्ता को जनसाधारण में निहित करने और व्यक्तिगत अधिकारों को व्यापक बनाने तथा साथ ही केंद्रीकरण की और अधिक सुदृढ़ बनाने में सहायता मिली। क्रांति के परिणामस्वरूप तृतीय गणतंत्र में [[संसद]] को अत्यधिक शक्ति संपन्न करके [[राष्ट्रपति]] को निर्बल बना दिया गया, राज्य का विकेंद्रीकरण नहीं हुआ। वर्ष 1946 में चतुर्थ गणतंत्र की स्थापना हुई जिसके द्वारा केंद्र की शक्ति को कम करके स्थानीय संस्थाओं को शक्ति प्रदान की गई। फ्रांस का चौथा गणतंत्र अधिक समय तक नहीं चला और एक जनमत संग्रह के उपरांत 5 अक्टूबर, 1958 को वर्तमान पंचम गणतंत्र का संविधान प्रवर्तित हुआ जो फ्रांस का 15वां संविधान है।
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||[[फ्रांस]] का वर्तमान संविधान पंचम गंणतंत्र के नाम से जाना जाता है। फ्रांस में राजतंत्र को समाप्त करने के लिए कई महान क्रांतियां हुई जिससे प्रभुसत्ता को जनसाधारण में निहित करने और व्यक्तिगत अधिकारों को व्यापक बनाने तथा साथ ही केंद्रीकरण और अधिक सुदृढ़ बनाने में सहायता मिली। क्रांति के परिणामस्वरूप तृतीय गणतंत्र में [[संसद]] को अत्यधिक शक्ति संपन्न करके [[राष्ट्रपति]] को निर्बल बना दिया गया, राज्य का विकेंद्रीकरण नहीं हुआ। वर्ष 1946 में चतुर्थ गणतंत्र की स्थापना हुई जिसके द्वारा केंद्र की शक्ति को कम करके स्थानीय संस्थाओं को शक्ति प्रदान की गई। फ्रांस का चौथा गणतंत्र अधिक समय तक नहीं चला और एक जनमत संग्रह के उपरांत 5 अक्टूबर, 1958 को वर्तमान पंचम गणतंत्र का संविधान प्रवर्तित हुआ जो फ्रांस का 15वां संविधान है।
  
{पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' का लेखक कौन है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-18
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{'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' का लेखक कौन है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-18
 
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+मॉर्गेन्थो
 
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-क्विंसी राइट
 
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-इनमें से कोई नहीं
 
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||'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस': दि स्ट्रगल फॉर पॉवर एंड पीस' हैंस मार्गेन्थाउ (Hans Morgenthau) द्वारा लिखित है, जो वर्ष 1948 में प्रकाशित हुई।
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||'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस'- दि स्ट्रगल फॉर पॉवर एंड पीस' हैंस मार्गेन्थाउ (Hans Morgenthau) द्वारा लिखित है, जो वर्ष 1948 में प्रकाशित हुई।
  
 
{किसने राज्य को "एक संप्रभु भू-क्षेत्रीय समूह" कहा है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-12,प्रश्न-43
 
{किसने राज्य को "एक संप्रभु भू-क्षेत्रीय समूह" कहा है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-12,प्रश्न-43
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-डेविड हेल्ड ने
 
-डेविड हेल्ड ने
 
+लासवेल ने
 
+लासवेल ने
||प्रसिद्ध राजनीति शास्त्री लासवेल ने राज्य को "एक संप्रभु भू-क्षेत्रीय समूह" कहा है। लासवेल संप्रभुता के परंपरागत स्वरूप को स्वीकार नहीं करते। आनुभविक आधार से देखने पर राज्य में संप्रभुता की अधिकांश परंपरागत विशेषताएं सत्य प्रतीत नहीं होती। लासवेल संप्रभुता को सत्ता की उच्चतम मात्रा के रूप में परिभाषित करते हैं। इनके अनुसार "राज्य व्यक्तियों सत्ता रखता है।" [[मैक्स वेबर|वेबर]] भी कहते हैं कि, राज्य का अस्तित्व है यदि किसी राजनीतिक संघ का अधिकारी तंत्र सफलता पूर्वक औचित्यपूर्ण भौतिक बल पर एकाधिकार का प्रयोग करता है। लासवेल मानते हैं कि संप्रभुता के साथ-साथ अन्य शक्ति संरचनाएं भी सर्वोच्च हो सकती हैं। उनकी सर्वोपरिता वैयक्तिक, विभाजित, स्थानिक आदि हो सकती है। इस आधार पर उन्होंने राज्य को एक संप्रभु भू-क्षेत्रीय समूह कहा है।
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||प्रसिद्ध राजनीति शास्त्री लासवेल ने राज्य को "एक संप्रभु भू-क्षेत्रीय समूह" कहा है। लासवेल संप्रभुता के परंपरागत स्वरूप को स्वीकार नहीं करते। आनुभविक आधार से देखने पर राज्य में संप्रभुता की अधिकांश परंपरागत विशेषताएं सत्य प्रतीत नहीं होती। लासवेल संप्रभुता को सत्ता की उच्चतम मात्रा के रूप में परिभाषित करते हैं। इनके अनुसार "राज्य व्यक्तियों का ऐसा समुदाय हे जो समस्त बल के सर्वोच्च स्त्रोत के रूप में संगठित सत्ता रखता है।" [[मैक्स वेबर|वेबर]] भी कहते हैं कि, राज्य का अस्तित्व है यदि किसी राजनीतिक संघ का अधिकारी तंत्र सफलतापूर्वक औचित्यपूर्ण भौतिक बल पर एकाधिकार का प्रयोग करता है। लासवेल मानते हैं कि संप्रभुता के साथ-साथ अन्य शक्ति संरचनाएं भी सर्वोच्च हो सकती हैं। उनकी सर्वोपरिता वैयक्तिक, विभाजित, स्थानिक आदि हो सकती है। इस आधार पर उन्होंने राज्य को एक संप्रभु भू-क्षेत्रीय समूह कहा है।
  
 
{निम्नलिखित में से कौन संप्रभुता की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-18
 
{निम्नलिखित में से कौन संप्रभुता की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-18
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-अविभाज्यता
 
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+जनसंख्या
 
+जनसंख्या
||संप्रभुता के कानूनी सिद्धांत के अंतर्गत संप्रभुता की निम्न विशेषताएं निर्धारित की गई हैं-  
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||संप्रभुता के कानूनी सिद्धांत के अंतर्गत संप्रभुता की निम्न विशेषताएं निर्धारित की गई हैं- 1.पूर्णता (Absoluteness), 2.सार्वभौमता (Universality), 3.अदेयता (Inalienability), 4.स्थायित्व ( Permanence), 5.अविभाज्यता (Indivisibility)|
1.पूर्णता (Absoluteness), 2.सार्वभौमता (Universality), 3.अदेयता (Inalienability), 4.स्थायित्व ( Permanence), 5.अविभाज्यता (Indivisibility)|
 
  
 
{व्यवहारवाद प्रेरणा लेता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-28
 
{व्यवहारवाद प्रेरणा लेता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-28
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-उपयोगितावाद से
 
-उपयोगितावाद से
 
-आदर्शवाद से
 
-आदर्शवाद से
||व्यवहारवाद प्रत्यक्षवाद से प्रेरणा लेता है। तार्किक व अनुभव जन्य प्रत्यक्षवाद से किसी व्यक्ति का व्यवहार निर्धारित होता है। प्रत्यक्षवाद वह सिद्धांत है जो केवल वैज्ञानिक पद्धति (Scientific Method) से प्राप्त ज्ञान को उपयुक्त (Relevant), विश्वस्त (Relible) और प्रामाणित (Valid) मानता है। प्रत्यक्षवाद के समर्थक यह मांग करते हैं कि सामाजिक विज्ञानों की सामग्री को प्रामाणित रूप देने के लिए उसे प्राकृतिक विज्ञानों की पद्धति के अनुरूप ढालना जरूरी है, इसलिए व्यवहारवादी तार्किक प्रत्यक्षवाद से विशेष रूप से प्रमाणित थे।
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||व्यवहारवाद प्रत्यक्षवाद से प्रेरणा लेता है। तार्किक व अनुभव जन्य प्रत्यक्षवाद से किसी व्यक्ति का व्यवहार निर्धारित होता है। प्रत्यक्षवाद वह सिद्धांत है जो केवल वैज्ञानिक पद्धति (Scientific Method) से प्राप्त ज्ञान को उपयुक्त (Relevant), विश्वस्त (Relible) और प्रामाणित (Valid) मानता है। प्रत्यक्षवाद के समर्थक यह मांग करते हैं कि सामाजिक विज्ञानों की सामग्री को प्रामाणित रूप देने के लिए उसे प्राकृतिक विज्ञानों की पद्धति के अनुरूप ढालना ज़रूरी है, इसलिए व्यवहारवादी तार्किक प्रत्यक्षवाद से विशेष रूप से प्रमाणित थे।
  
 
{फॉसीवाद विश्वास करता है कि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-20
 
{फॉसीवाद विश्वास करता है कि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-20
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-राज्य और दल दोनों एक-दूसरे से अलग हैं
 
-राज्य और दल दोनों एक-दूसरे से अलग हैं
 
-राज्य और दल एक ही हैं
 
-राज्य और दल एक ही हैं
||फॉसीवाद के अनुसार राज्य दल से श्रेष्ठ है। फॉसीवाद शब्द का प्रयोग उस सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक व्यवस्था के रूप का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मुसोलिनी के नेतृत्व में 1922 में इटली में स्थापित हुई।
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||फॉसीवाद के अनुसार राज्य दल से श्रेष्ठ है। फॉसीवाद शब्द का प्रयोग उस सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक व्यवस्था के रूप का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो मुसोलिनी के नेतृत्व में 1922 में [[इटली]] में स्थापित हुई।
  
 
{मांतेस्क्यू ने किस संस्था की व्याख्या करने में त्रुटि की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-31
 
{मांतेस्क्यू ने किस संस्था की व्याख्या करने में त्रुटि की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-31
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||मान्तेस्क्यू ने ब्रिटिश संसदीय व्यवस्था की व्याख्या करने में त्रुटि की थी। मांतेस्क्यू का मानना था कि इंग्लैंड का संविधान 'शक्तियों के पृथक्करण' के सिद्धांत पर आधारित है जबकि शक्तियों का पृथक्करण [[इंग्लैंड]] के अलिखित संविधान की विशेषता नहीं है।
 
||मान्तेस्क्यू ने ब्रिटिश संसदीय व्यवस्था की व्याख्या करने में त्रुटि की थी। मांतेस्क्यू का मानना था कि इंग्लैंड का संविधान 'शक्तियों के पृथक्करण' के सिद्धांत पर आधारित है जबकि शक्तियों का पृथक्करण [[इंग्लैंड]] के अलिखित संविधान की विशेषता नहीं है।
  
{उरुग्वे चर्चा के दौर का परिणाम हुआ (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-19
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{उरुग्वे चर्चा के दौर का परिणाम क्या हुआ? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-19
 
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-एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग की स्थापना
 
-एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग की स्थापना
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+विश्व व्यापार संगठन की स्थापना
 
+विश्व व्यापार संगठन की स्थापना
 
||बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के 8वें एवं अंतिम चक्र का प्रारंभ दिसंबर, 1986 में पुंटा-डेल-एस्टे, उरुग्वे में हुआ। अंतिम रूप से उरुग्वे समझौते पर अप्रैल, 1994 में मराकेश (मोरक्को) में हस्ताक्षर किए गए। इसी समझौते पर 1 जनवरी, 1995 को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना की गई।
 
||बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के 8वें एवं अंतिम चक्र का प्रारंभ दिसंबर, 1986 में पुंटा-डेल-एस्टे, उरुग्वे में हुआ। अंतिम रूप से उरुग्वे समझौते पर अप्रैल, 1994 में मराकेश (मोरक्को) में हस्ताक्षर किए गए। इसी समझौते पर 1 जनवरी, 1995 को विश्व व्यापार संगठन की स्थापना की गई।
 
{[[संयुक्त राष्ट्र]] की स्थापना कब हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-22
 
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+24 अक्टूवर, 1945
 
-8 अगस्त, 1947
 
-6 जून, 1946
 
-30 अगस्त, 1945
 
||[[संयुक्त राष्ट्र संघ]] की स्थापना 24 अक्टूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र अधिकार-पत्र पर 50 देशों के हस्ताक्षर होने के साथ हुई। इसकी संरचना में सुरक्षा परिषद वाले सबसे शक्तिशाली देश ([[संयुक्त राज्य अमेरिका]], [[फ्रांस]], [[रूस]] और [[ब्रिटेन]]) द्वितीय विश्व युद्ध में बहुत अहम देश थे। वर्तमान में 193 देश उसके सदस्य हैं इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क (संयुक्त राज्य अमेरिका) में हैं।
 
  
 
{निम्न में से किस देश में नौकरशाही की शुरुआत 'लूट प्रथा' के रूप में हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-40
 
{निम्न में से किस देश में नौकरशाही की शुरुआत 'लूट प्रथा' के रूप में हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-40
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-[[भारत]]
 
-[[भारत]]
 
-[[फ्रांस]]
 
-[[फ्रांस]]
||[[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में नागरिक सेवा (सिविल सर्विसेज) की शुरुआत वर्ष 1871 में हुई। 19वीं सदी के शुरुआती दौर में उच्च सरकारी पदों पर नियुक्तियां राष्ट्रपति की इच्छा तथा आज्ञा से होती थीं तथा नियुक्त नौकरशाहों कि किसी भी समय सेवामुक्त कर दिया जाता था। नौकरशाही की इस लूट प्रणाली को राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य  से उपयोग किया गया। इसी समस्या के समाधनार्थ पेंडलेटन सिविल सेवा सुधार अधिनियम, 1883 तथा हैच अधिनियम, 1939 बना।
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||[[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में नागरिक सेवा (सिविल सर्विसेज) की शुरुआत वर्ष 1871 में हुई। 19वीं सदी के शुरुआती दौर में उच्च सरकारी पदों पर नियुक्तियां राष्ट्रपति की इच्छा तथा आज्ञा से होती थीं तथा नियुक्त नौकरशाहों को किसी भी समय सेवामुक्त कर दिया जाता था। नौकरशाही की इस लूट प्रणाली को राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त करने के उद्देश्य  से उपयोग किया गया। इसी समस्या के समाधनार्थ पेंडलेटन सिविल सेवा सुधार अधिनियम, 1883 तथा हैच अधिनियम, 1939 बना।
  
 
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09:32, 13 जनवरी 2018 का अवतरण

1 निम्नांकित में से कौन-सी विशेषता फॉसीवाद में पाई जाती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-19

प्रजातंत्र का विरोधी है
राज्य को साधन मानता है
समाजवाद का पोषक है
अंतर्राष्ट्रीय शांति का अग्रदूत है

2 कौटिल्य का मंडल सिद्धांत किससे संबंधित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-68,प्रश्न-22

प्रशासन
विदेश नीति
आर्थिक नीति
न्यायिक नीति

3 डायसी ने निम्न में से किस अवधारणा की श्रेष्ठ व्याख्या की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-30

विधि का शासन
ब्रिटिश सम्राट का शासन
धार्मिक विधि
विधि का अमूर्तन

4 जी-15 देशों के प्रथम शिखर सम्मेलन, 1990 का स्थल था? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-18

नई दिल्ली
कुआलालम्पुर
इस्लामाबाद
ढाका

5 संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-121,प्रश्न-21

सन् 1919 ई. में
सन् 1945 ई. में
सन् 1947 ई. में
सन् 1935 ई. में

6 निम्न में से कौन नौकरशाही की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-39

स्थायित्व
तटस्थता
अक्षमता
गोपनीयता

7 "स्व निर्णय का सिद्धांत दुधारी तलवार है" किसने कहा? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-21

दुड्रो विल्सन
लॉर्ड कर्जन
रबींद्र नाथ टैगोर
बर्टैण्ड रसेल

8 फ्रांस का वर्तमान संविधान किस गंणतंत्र के नाम से जान जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-196,प्रश्न-22

तृतीय
चतुर्थ
पंचम
षष्ठम

9 'पॉलिटिक्स एमंग नेशंस' का लेखक कौन है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-18

मॉर्गेन्थो
फेलिक्स ग्रॉस
क्विंसी राइट
इनमें से कोई नहीं

10 किसने राज्य को "एक संप्रभु भू-क्षेत्रीय समूह" कहा है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-12,प्रश्न-43

मैक्स वेबर ने
लास्की ने
डेविड हेल्ड ने
लासवेल ने

11 निम्नलिखित में से कौन संप्रभुता की विशेषता नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-25,प्रश्न-18

सर्वव्यापकता
स्थायित्व
अविभाज्यता
जनसंख्या

12 व्यवहारवाद प्रेरणा लेता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-35, प्रश्न-28

फॉसीवाद से
प्रत्यक्षवाद से
उपयोगितावाद से
आदर्शवाद से

13 फॉसीवाद विश्वास करता है कि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-43,प्रश्न-20

राज्य दल से श्रेष्ठ है
दल राज्य से श्रेष्ठ है
राज्य और दल दोनों एक-दूसरे से अलग हैं
राज्य और दल एक ही हैं

14 मांतेस्क्यू ने किस संस्था की व्याख्या करने में त्रुटि की? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-69,प्रश्न-31

फ्रांसीसी राजतंत्र की व्याख्या में
अमेरिकी राष्ट्रपति की व्याख्या में
स्विस संसद की व्याख्या में
ब्रिटिश संसदीय व्यवस्था की व्याख्या में

15 उरुग्वे चर्चा के दौर का परिणाम क्या हुआ? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-113,प्रश्न-19

एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग की स्थापना
एन.ए.एफ.टी.ए. की स्थापना
77वें समूह की स्थापना
विश्व व्यापार संगठन की स्थापना

16 निम्न में से किस देश में नौकरशाही की शुरुआत 'लूट प्रथा' के रूप में हुई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-135,प्रश्न-40

ब्रिटेन
अमेरिका
भारत
फ्रांस