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'''अर्शक''' यह पहला पार्थव राजा था। यूनानियों ने इसे अर्सेकीज़ लिखा है। 248 ई.पू. के लगभग सीरियक साम्राज्य के जिन दो प्रांतों ने सफल विद्रोह का झंडा उठाया, उनमें से एक बाख्त्री का ग्रीक शासित प्रांत था, दूसरा ईरानियों का पार्थिया। पार्थिया का विद्रोह राष्ट्रीय था और जब पार्थव ग्रीक शासन का जुआ न ढो सके तो उसे उन्होंने उतार फेंका। उनके जनविद्रोह का नेता अर्शक साधारण कुल में जन्मा था और उसके नेतृत्व में पार्थिया का प्रांत सेल्यूकस के साम्राज्य से अलग हो गया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=247 |url=}}</ref>
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'''अर्शक''' पहला पार्थव राजा था। [[यूनानी|यूनानियों]] ने इसे 'अर्सेकीज़' लिखा है।<br />
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*248 ई.पू. के लगभग सीरियक साम्राज्य के जिन दो प्रांतों ने सफल विद्रोह का झंडा उठाया, उनमें से एक बाख्त्री का ग्रीक शासित प्रांत था। दूसरा ईरानियों का पार्थिया।
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*पार्थिया का विद्रोह राष्ट्रीय था और जब पार्थव ग्रीक शासन का जुआ न ढो सके तो उसे उन्होंने उतार फेंका। उनके जनविद्रोह का नेता अर्शक साधारण कुल में जन्मा था और उसके नेतृत्व में पार्थिया का प्रांत [[सेल्यूकस]] के साम्राज्य से अलग हो गया।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=247 |url=}}</ref>
  
 
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12:07, 23 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण

अर्शक पहला पार्थव राजा था। यूनानियों ने इसे 'अर्सेकीज़' लिखा है।

  • 248 ई.पू. के लगभग सीरियक साम्राज्य के जिन दो प्रांतों ने सफल विद्रोह का झंडा उठाया, उनमें से एक बाख्त्री का ग्रीक शासित प्रांत था। दूसरा ईरानियों का पार्थिया।
  • पार्थिया का विद्रोह राष्ट्रीय था और जब पार्थव ग्रीक शासन का जुआ न ढो सके तो उसे उन्होंने उतार फेंका। उनके जनविद्रोह का नेता अर्शक साधारण कुल में जन्मा था और उसके नेतृत्व में पार्थिया का प्रांत सेल्यूकस के साम्राज्य से अलग हो गया।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 247 |

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