"उस्ताद ज़ाकिर हुसैन" के अवतरणों में अंतर

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'''ज़ाकिर हुसैन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Zakir Hussain'', जन्म: [[9 मार्च]], [[1951]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध [[तबला वादक]] हैं। वे मशहूर तबला वादक [[अल्ला रक्खा ख़ाँ|क़ुरैशी अल्ला रक्खा ख़ान]] के पुत्र हैं। अल्ला रक्खा ख़ान भी [[तबला]] बजाने में माहिर माने जाते थे।  

05:02, 7 जुलाई 2023 का अवतरण

Disamb2.jpg ज़ाकिर हुसैन एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- ज़ाकिर हुसैन (बहुविकल्पी)
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन
उस्ताद ज़ाकिर हुसैन
पूरा नाम उस्ताद ज़ाकिर हुसैन
जन्म 9 मार्च, 1951
जन्म भूमि बम्बई (अब मुंबई)
अभिभावक उस्ताद अल्ला रक्खा ख़ाँ
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र तबला वादन
पुरस्कार-उपाधि पद्म श्री, 1988

पद्म भूषण, 2002
पद्म विभूषण, 2023
ग्रैमी पुरस्कार (दो बार)

नागरिकता भारतीय
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ज़ाकिर हुसैन (अंग्रेज़ी: Zakir Hussain, जन्म: 9 मार्च, 1951) भारत के प्रसिद्ध तबला वादक हैं। वे मशहूर तबला वादक क़ुरैशी अल्ला रक्खा ख़ान के पुत्र हैं। अल्ला रक्खा ख़ान भी तबला बजाने में माहिर माने जाते थे।

जीवन परिचय

ज़ाकिर हुसैन का बचपन मुंबई में ही बीता। 12 साल की उम्र से ही ज़ाकिर हुसैन ने संगीत की दुनिया में अपने तबले की आवाज़ को बिखेरना शुरू कर दिया था। प्रारंभिक शिक्षा और कॉलेज के बाद ज़ाकिर हुसैन ने कला के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करना शुरू कर दिया। 1973 में उनका पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड आया था। उसके बाद तो जैसे ज़ाकिर हुसैन ने ठान लिया कि अपने तबले की आवाज़ को दुनिया भर में बिखेरेंगे। 1973 से लेकर 2007 तक ज़ाकिर हुसैन विभिन्न अंतरराष्ट्रीय समारोहों और एलबमों में अपने तबले का दम दिखाते रहे। ज़ाकिर हुसैन भारत में तो बहुत ही प्रसिद्ध हैं ही साथ ही विश्व के विभिन्न हिस्सों में भी समान रुप से लोकप्रिय हैं।

सम्मान और पुरस्कार

  • 1988 में जब उन्हें पद्म श्री का पुरस्कार मिला था तब वह महज 37 वर्ष के थे और इस उम्र में यह पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति भी थे।
  • इसी तरह 2002 में संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें पद्म भूषण का पुरस्कार दिया गया था।
  • ज़ाकिर हुसैन को 1992 और 2009 में संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवार्ड भी मिला है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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