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[[अम्ल|अम्लों]] व [[क्षारक|क्षारकों]] की परस्पर क्रिया से लवण बनता हैं। साधारण नमक, जिसे सोडियम क्लोराइड कहते हैं, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल व सोडियम हाइड्रोक्साइड की परस्पर अभिक्रिया से बनता है। इसके अतिरिक्त, पोटेशियम नाइट्रेट, सोडियम सल्फेट कुछ अन्य लवण है।
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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Salt) [[अम्ल|अम्लों]] व [[क्षारक|क्षारकों]] की परस्पर क्रिया से लवण बनता हैं। साधारण नमक, जिसे सोडियम क्लोराइड कहते हैं, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल व सोडियम हाइड्रोक्साइड की परस्पर अभिक्रिया से बनता है। इसके अतिरिक्त, पोटेशियम नाइट्रेट, सोडियम सल्फेट कुछ अन्य लवण है।
  
 
अम्ल और क्षारक रासायनिक क्रिया में एक दूसरे को 'सन्तुलित' करते हैं और ऐसा [[यौगिक]] बनाते हैं जो न ही अम्ल होता है और न ही क्षारक। इस यौगिक को लवण कहते हैं। अम्ल और क्षारकों की विशेषता समाप्त करने वाली उनके रासायनिक मिलन की इस क्रिया को उदासीनिकरण कहते हैं। उदासीनिकरण की क्रिया में, अम्ल में उपस्थित धनात्मक [[हाइड्रोजन]] आयन <big>(</big><math>\mathbf{H}</math><big><sup>+</sup></big><big>)</big>, क्षारकों में उपस्थित ॠणात्मक हाइड्रोक्साइड आयन <big>(</big><math>\mathbf{H}</math><sub>2</sub><math>\mathbf{O}</math><big>)</big> बनाते हैं। अम्ल का शेष भाग, क्षारक के शेष भाग से मिलकर लवण बनाता है। उदासीनीकरण अभिक्रिया में सदैव केवल लवण और [[जल]] ही बनता है। [[कार्बोनेट]] भी कार्बोनिक अम्ल होते है।
 
अम्ल और क्षारक रासायनिक क्रिया में एक दूसरे को 'सन्तुलित' करते हैं और ऐसा [[यौगिक]] बनाते हैं जो न ही अम्ल होता है और न ही क्षारक। इस यौगिक को लवण कहते हैं। अम्ल और क्षारकों की विशेषता समाप्त करने वाली उनके रासायनिक मिलन की इस क्रिया को उदासीनिकरण कहते हैं। उदासीनिकरण की क्रिया में, अम्ल में उपस्थित धनात्मक [[हाइड्रोजन]] आयन <big>(</big><math>\mathbf{H}</math><big><sup>+</sup></big><big>)</big>, क्षारकों में उपस्थित ॠणात्मक हाइड्रोक्साइड आयन <big>(</big><math>\mathbf{H}</math><sub>2</sub><math>\mathbf{O}</math><big>)</big> बनाते हैं। अम्ल का शेष भाग, क्षारक के शेष भाग से मिलकर लवण बनाता है। उदासीनीकरण अभिक्रिया में सदैव केवल लवण और [[जल]] ही बनता है। [[कार्बोनेट]] भी कार्बोनिक अम्ल होते है।
  
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==लवणों के प्रकार==
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लवणों की उत्पत्ति अम्लों और क्षारकों की उदासीनीकरण की क्रिया करने पर होती है। अतः बनने वाले लवण की प्रकृति उदासीनीकरण में शामिल अम्लों और क्षारकों पर निर्भर करती है। इसी आधार पर लवणों को अम्लीय, क्षारीय या उदासीन के रूप में वर्गिकृत किया जाता है।
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07:15, 17 सितम्बर 2010 का अवतरण

(अंग्रेज़ी:Salt) अम्लोंक्षारकों की परस्पर क्रिया से लवण बनता हैं। साधारण नमक, जिसे सोडियम क्लोराइड कहते हैं, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल व सोडियम हाइड्रोक्साइड की परस्पर अभिक्रिया से बनता है। इसके अतिरिक्त, पोटेशियम नाइट्रेट, सोडियम सल्फेट कुछ अन्य लवण है।

अम्ल और क्षारक रासायनिक क्रिया में एक दूसरे को 'सन्तुलित' करते हैं और ऐसा यौगिक बनाते हैं जो न ही अम्ल होता है और न ही क्षारक। इस यौगिक को लवण कहते हैं। अम्ल और क्षारकों की विशेषता समाप्त करने वाली उनके रासायनिक मिलन की इस क्रिया को उदासीनिकरण कहते हैं। उदासीनिकरण की क्रिया में, अम्ल में उपस्थित धनात्मक हाइड्रोजन आयन (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathbf {H}} +), क्षारकों में उपस्थित ॠणात्मक हाइड्रोक्साइड आयन (पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathbf {H}} 2पार्स नहीं कर पाये (सर्वर 'https://api.formulasearchengine.com/v1/' से अमान्य लेटेक्सएमएल उत्तर ('Math extension cannot connect to Restbase.')): {\mathbf {O}} ) बनाते हैं। अम्ल का शेष भाग, क्षारक के शेष भाग से मिलकर लवण बनाता है। उदासीनीकरण अभिक्रिया में सदैव केवल लवण और जल ही बनता है। कार्बोनेट भी कार्बोनिक अम्ल होते है।

लवणों के प्रकार

लवणों की उत्पत्ति अम्लों और क्षारकों की उदासीनीकरण की क्रिया करने पर होती है। अतः बनने वाले लवण की प्रकृति उदासीनीकरण में शामिल अम्लों और क्षारकों पर निर्भर करती है। इसी आधार पर लवणों को अम्लीय, क्षारीय या उदासीन के रूप में वर्गिकृत किया जाता है।

  1. उदासीन लवण
  2. अम्लीय लवण
  3. क्षारीय लवण
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