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'''अवर्ण''' ([[विशेषण) [नञ- वहुब्रीहि समास]  
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'''अवरोहणम्''' (नपुंसक लिंग) [अव+रुह्+ल्युट्]  
  
1. रंगहीन
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1. उतरना, नीचे आना
  
2. बुरा, नीचा,'''-र्णः'''
+
2. चढ़ना<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=121|url=|ISBN=}}</ref>
:::1. लोकपवाद, अपकीर्ति, कलंक, बट्टा,-सोढुं न तत्पूर्वमवर्णमीशे<ref>-रघु. 14/38</ref>
 
:::2. लांछन, निन्दा-न चावद्भर्तुरवर्णमार्या-57, कोई दुर्वचन नहीं कहा।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=121|url=|ISBN=}}</ref>
 
  
  

11:52, 17 मई 2024 के समय का अवतरण

अवरोहणम् (नपुंसक लिंग) [अव+रुह्+ल्युट्]

1. उतरना, नीचे आना

2. चढ़ना[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 121 |

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