एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"दीघनिकाय" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "आखिर" to "आख़िर")
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
गद्य एवं पद्य दोनों में रचित इस निकाय में [[बौद्ध धर्म]] के सिद्धान्तों का समर्थन एवं अन्य धर्मो के सिद्धान्तों का खण्डन किया गया है। इस निकाय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुत्त है-  
 
गद्य एवं पद्य दोनों में रचित इस निकाय में [[बौद्ध धर्म]] के सिद्धान्तों का समर्थन एवं अन्य धर्मो के सिद्धान्तों का खण्डन किया गया है। इस निकाय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुत्त है-  
 
*‘महापरिनिब्बानसुत्त‘।  
 
*‘महापरिनिब्बानसुत्त‘।  
इस निकाय में [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] के जीवन के आखिरी जीवन, अन्तिम उपदेशों, मृत्यु तथा अन्त्येष्टि का वर्णन किया गया है।
+
इस निकाय में [[बुद्ध|महात्मा बुद्ध]] के जीवन के आख़िरी जीवन, अन्तिम उपदेशों, मृत्यु तथा अन्त्येष्टि का वर्णन किया गया है।
  
  

07:00, 19 अक्टूबर 2010 का अवतरण

गद्य एवं पद्य दोनों में रचित इस निकाय में बौद्ध धर्म के सिद्धान्तों का समर्थन एवं अन्य धर्मो के सिद्धान्तों का खण्डन किया गया है। इस निकाय का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुत्त है-

  • ‘महापरिनिब्बानसुत्त‘।

इस निकाय में महात्मा बुद्ध के जीवन के आख़िरी जीवन, अन्तिम उपदेशों, मृत्यु तथा अन्त्येष्टि का वर्णन किया गया है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध