सिक्किम
State:सिक्किम / Sikkim
सिक्किम भारत का एक पर्वतीय राज्य है। सिक्किम की जनसंख्या भारत के राज्यों में न्यूनतम है और क्षेत्रफल गोवा के बाद
न्यूनतम है। सिक्किम नामग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित स्वतन्त्र राज्य था। 1975 में हुए जनमत-संग्रह के बाद यह भारत में
विलीन हो गया। इस जनमत संग्रह के बाद राजशाही का अन्त और भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के अंतर्गत यहाँ
प्रजातन्त्र का उदय हुआ।
अंगूठे के आकार का यह राज्य पश्चिम में नेपाल, उत्तर और पूर्व में चीनी तिब्बत क्षेत्र और दक्षिण-पूर्व में भूटान से घिरा हुआ
है। भारत का पश्चिम बंगाल राज्य इसके दक्षिण में है। अंग्रेजी, नेपाली, लेप्चा, भूटिया, लिंबू तथा हिन्दी इसकी आधिकारिक भाषाएँ हैं, परन्तु शासकीय कार्य में अंग्रेजी का ही प्रयोग होता है। हिन्दू धर्म और वज्रयान बौद्ध धर्म यहाँ के प्रमुख धर्म है। राज्य की राजधानी और सबसे बड़ा शहर 'गंगटोक' है ।
नामग्याल राजवंश 1642 में स्थापित हुआ इसके बाद के अगले 150 वर्षों में राज्य पर नेपाली आक्रमणकारी आते रहे, छापे
मारते रहे और प्रदेश ने बहुत हानि उठायी। उसके बाद से ही यह प्रान्त भारत के ब्रिटिश शासकों के साथ संबद्ध था। इस
तरह सिक्किम एक ब्रिटिश संरक्षित राज्य बना और 1975 में एक जनमत संग्रह के बाद इसका विलय भारत गणराज्य में हो
गया।
छोटे आकार का होने के बाद भी सिक्किम भौगोलिक दृष्टि से विभिन्न्ताओं से भरा है। 'कंचनजंगा' जो दुनिया की तीसरी सबसे
ऊंची पहाड़ी चोटी है, सिक्किम के उत्तरी पश्चिमी भाग में नेपाल की सीमा पर है। इस पर्वत शिखर को प्रदेश के कई भागों से
देखा जा सकता है। सिक्किम राज्य का साफ सुथरा होना, प्राकृतिक सुंदरता से भरा हुआ और राजनीतिक स्थिरता होना,
इन्हीं विशेषताओं से यह भारत के पर्यटन का प्रमुख केन्द्र माना जा है।
इतिहास और भूगोल
सिक्किम का प्रारंभिक इतिहास 13वीं शताब्दी में उत्तरी सिक्किम के काब लुंगत्सोक लेपचा राजा थेकॉन्ग टेक और तिब्बती
युवराज ख्ये बूमसा के बीच रक्त संबंध और भाई चारे के समझौते पर हस्ताक्षर करने से आरंभ होता है। सन 1641 में
तिब्बत के माननीय लामा संतों ने पश्चिमी सिक्किम के युकसाम नामक प्रांत की ऐतिहासिक यात्रा की, वहां उन्होंने खे-हूमसा
के छठी पीढ़ी के वंशज फुंत्सोग नामग्याल का सिक्किम के पहले राजा के रूप में अभिषेक किया। इस प्रकार सिक्किम के
'नामग्याल' राजवंश का उदय हुआ। समय समय पर परिवर्तन के साथ सिक्किम प्रान्त के नागरिकों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को
अपनाया और 1975 में वह भारतीय संघ का अभिन्न अंग बन गया।
सिक्किम में सभी समुदायों के लोग आपसी प्रेम और सद्भावना से रहते हैं। सिक्किम में विभिन्न धर्मों से जुड़े लोग हैं और यह
भारतीय संघ में साम्प्रदायिक सद्भाव और सर्वाधिक शांति वाला राज्य है।
राज्य का कुल क्षेत्रफल 7,096 वर्ग किलो मीटर है। इसका भू भाग उत्तर से दक्षिण तक 112 किलो मीटर तथा पूर्व से
पश्चिम तक 64 किलोमीटर में फैला हुआ है। यह उत्तर-पूर्व हिमाचल में 27 डिग्री 00'46" से 28 डिग्री 07'48" उत्तरी
अक्षांश और 88 डिग्री 00'58" से 88 डिग्री 55'25" पूर्व देशांतर के मध्य स्थित है।
विश्व की तीसरी सबसे बड़ी और ऊंची चोटी 'कंचनजंगा', जिसे सिक्किम की रक्षा देवी माना जाता है, अपनी प्राकृतिक
सौंदर्य की छटा बिखेरती है। जैव विविधताओं से भरे दुनिया के 18 प्रमुख क्षेत्रों में से एक सिक्किम है। सिक्किम हिमालय जैव
विविधता से भरपूर है। राज्य में आवृत्तबीजी वनस्पतियों की 5000 प्रजातियां मिलती हैं। देश भर में पाई जाने वाली
आवृत्तबीजी प्रजातियों की ये एक तिहाई है। सिक्किम में फूलदार पौधों की 4000 प्रजातियां, 300 पर्णांग और सम्बंधित
प्रजातियां, ऑर्चिड की 450 से 500 प्रजातियां, रोडोडेंड्रोन की 36 प्रजातियां, बांज की 40 प्रजातियां, प्राइमुल्स और बांस
की 30 से 40 प्रजातियां, स्तनधारियों की 144 प्रजातियां, पक्षियों की 500 से 600 प्रजातियां, तितलियों और कीटों की
400 से अधिक प्रजातियां और सरीसृपों की बहुत सी प्रजातियां पाई जाती है। दुर्लभ नीली भेड़, तिब्बती मास्टिफ, याल
और लाल पांडा भी यहां पर पाए जाते हैं।
कृषि
- तीस्ता नदी को सिक्किम की जीवन रेखा कहा जाता है।
सिक्किम मूलत: कृषि प्रधान है। राज्य की 64 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या जीवनयापन के लिए कृषि पर ही निर्भर है।
सिक्किम में कृषि योग्य भूमि लगभग 1,09,000 हेक्टेयर है। यह कुल भौगोलिक क्षेत्र का 15.36 प्रतिशत है। कृषक
सामान्यत: मिलीजुली फसलें उगाते हैं। मक्का, चावल, गेहूं, आलू, बड़ी इलायची, अदरक और संतरा यहां की प्रमुख फसलें
हैं। देश में बड़ी इलायची का सबसे अधिक उत्पादन करने वाला राज्य सिक्किम है। इसके अधिकांश भू-भाग में इलायची का
उत्पादन होता है। अदरक, आलू, संतरा तथा गैर-मौसमी सब्जियां यहां की अन्य नकदी फसलें हैं।
उद्योग
सिक्किम औद्योगिक रूप से पिछड़ा राज्य घोषित किया गया है, किन्तु कई सदियों पहले यहां दस्तकारी पर आधारित
परंपरागत सिक्किम कुटीर उद्योग हैं। लेपचा लोग बांस के सामान, लकड़ी के सामान, धागा बुनाई और गलीचे की बुनाई
परंपरागत तरीकों से बहुत ही कुशलता से करते हैं, भूटिया जाति के लोगों को गलीचा और कंबल बुनाई की प्राचीन तिब्बती
पद्धति में महारत हासिल हैं और नेपाली लोग धातु, चांदी और लकड़ी के सामान की कारीगरी में बहुत ही निपुण होते है।
'सिक्किम ज्वैलस लिमिटेड' राज्य का नाजुक उपकरण बनाने वाला उद्योग है। यहां पानी तथा बिजली के मीटरों और घड़ियों
के लिए ज्वैल बियरिंग्स बनाई जाती हैं। राज्य में इस उद्योग की 10 सहायक इकाइयां स्थापित हैं जिनमें घडियों के लिए
ज्यूलस बनाए जाते हैं। 'सिक्किम औद्योगिक विकास' तथा 'निवेश निगम लिमिटेड (सिडिको)' कुटीर, लघु उद्योग, होटल,
अस्पताल, नर्सिंग होम और टैक्सियां खरीदने के लिए दीर्घावधि ऋण उपलब्ध कराता है।
सिंचाई और बिजली
दसवीं पंचवर्षीय योजना में 34,118 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। राज्य में बिजली
की कुल क्षमता 36 मेगावॉट है। यह 123 एम वी ए की ट्रांस फॉरमेशन क्षमता के साथ पनबिजली परआधारित है। रंगीत
हाइड्रिल परियोजना की 560 मेगावॉट क्षमता है। राज्य की कुल विद्युत लगभग 8,000 मेगावॉट है। तिस्ता घाटी
परियोजना पूर्वी जिले के नदी के बहाव पर है और इसकी क्षमता 510 मेगावॉट है।
परिवहन
- गंगटोक सड़क मार्ग से दार्जिलिंग, कलिमपोंग, सिलिगुड़ी तथा सिक्किम के सभी जिला मुख्यालयों से जुड़ा है। 41 कि.मी.
राष्ट्रीय राजमार्ग सहित, राज्य में सड़कों की कुल लंबाई 2,383 कि.मी. है। इसमें से 873.40 कि.मी. सड़कें सीमा सड़क
संगठन ने बनवायी है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31A सिलीगुड़ी और गंगटोक को जोड़ता है । यह मार्ग सिक्किम में रंग्पो में प्रवेश
करने के बाद तीस्ता नदी के समानान्तर चलता है । मेल्ली से आने वाले राजमार्ग की एक शाखा पश्चिमी सिक्किम को जोड़ती
है । सिक्किम के दक्षिणी और पश्चिमी शहर सिक्किम को उत्तरी पश्चिमी बंगाल के पर्वतीय शहर कलिम्पोंग और दार्जीलिंग से
जोड़ते हैं । राज्य में चौपहिया वाहन लोकप्रिय हैं, क्योंकि ये चट्टानी चढ़ाइयों को आसानी से पार करने में सक्षम होते हैं ।
छोटी बसें राज्य के छोटे शहरों को राज्य और जिला मुख्यालयों से जोड़ती हैं ।
- राज्य के निकटवर्ती रेलवे स्टेशन सिलिगुड़ी (113 कि.मी.) और न्यू जलपाईगुड़ी (125 कि.मी.) हैं जहां से कोलकाता,
दिल्ली, गुवाहाटी, लखनऊ तथा देश के अन्य महत्वपूर्ण शहरों के लिए आया जाया जा सकता है। सिक्किम में कोई हवाई
अड्डा नहीं है। समीपतम हवाईअड्डा बागदोगरा हवाईअड्डा, सिलीगुड़ी, पश्चिम बंगाल में है । यह हवाईअड्डा गंगटोक से 124
कि०मी० दूर है । गंगटोक और बागडोगरा के बीच राज्य द्वारा बहुत ही सस्ती दरों पर हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराई गई
है, जिसकी उड़ान 30 मिनट लम्बी है, दिन में केवल एक बार चलती है और केवल 4 लोगों को ले जा सकती है । गंगटोक
हैलीपैड राज्य का एकमात्र असैनिक हैलीपैड है । राज्य में जिला तथा उपमंडल मुख्यालयों, महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को
जोड़ने के लिए कई हेलीपेडों का निर्माण कराया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी
राज्य में एक नया विभाग 'सूचना प्रौद्योगिकी विभाग' बनाया गया है और इस विभाग को प्रमुखता देने के लिए वृहद
परियोजनाएं चलायी गई हैं। विभाग ने सिक्किम के विषय में वेबसाइट बनानीइ शुरू की हैं। सूचना उपकरणों के साथ राज्य
की ई-शासन योजना भी चल रही है।
त्योहार
सिक्किम के नागरिक भारत के सभी प्रमुख हिन्दू त्योहार दीपावली और दशहरा मनाते हैं । बौद्ध धर्म के ल्होसार, लूसोंग,
सागा दावा, ल्हाबाब ड्युचेन, ड्रुपका टेशी और भूमचू वे त्योहार हैं जो मनाये जाते हैं । सिक्किम राज्य में मुख्य रूप से
भोटिया, लेपचा और नेपाली समुदायों के लोग हैं। माघे संक्रांति, दुर्गापूजा, लक्ष्मीपूजा और चैत्र दसाई/राम नवमी, दसई
त्यौहार, सोनम लोसूंग, नामसूंग, तेन्दोग हलो रूम फाट (तेन्दोंग पर्वत की पूजा), लोसर, तिब्बती नव वर्ष, जो मध्य
दिसंबर में आता है। इस समय अधिकतर सरकारी कार्यालय एवं पर्यटक केन्द्र हफ़्ते भर के लिये बंद होते हैं । लोसर राज्य के
प्रमुख त्यौहार है। अन्य त्यौहारों में साकेवा ( राय), सोनम लोचर (गुरूंग), बराहिमज़ोग (मागर), आदि शामिल हैं।
पर्यटन
सिक्किम अपने प्राकृतिक हरे-भरे पौधों, जंगलों, दर्शनीय घाटियों और पर्वतमालाओं और भव्य सांस्कृतिक धरोहर के लिए
प्रसिद्ध है। यहां के शांतिप्रिय लोगों के कारण से यह प्रदेश पर्यटकों के लिए सुरक्षित स्वर्ग के समान है। राज्य सरकार
पर्यावरण से मित्रतापूर्ण पर्यटन तथा तीर्थ पर्यटन को प्रोत्साहन दे रही है, जिससे यहां आने वाले लोग सिक्किम की
जीवनशैली और प्राकृतिक पर्यटन का आनंद ले सकें। राज्य सरकार दक्षिण सिक्किम में चैमचेय गांव में 'हिमालयन सेंटर फॉर
एडवेंचर टूरिज़्म' की स्थापना कर रही है। सिक्किम का प्रमुख बौद्ध मठ पेलिंग में स्थित पेमायांत्से है। इसके अतिरिक्त पश्चिमी सिक्किम में ताशिदिंग मठ भी है, जो
सिक्किम के सभी मठों में सबसे पवित्र माना जाता है। सिक्किम का सबसे प्राचीन मठ युकसोम है, जिसे ड्रबडी मठ के नाम से
जाना जाता है। यह लहातसुन चेम्पों (सिक्किम के प्रमुख संत) का व्यक्तिगत आश्रम था जो लगभग 1700 ईस्वी में बना था।
- अन्य मठों के नाम हैं - फोडोंग, फेन्सांग, रूमटेक, नगाडक, तोलुंग, आहल्य, त्सुकलाखांग, रालोंग, लाचेन, एन्चेय।
- अन्य हिंदू मंदिर है - गंगटोक के मध्य में स्थित प्रमुख रूप से जाना जाने वाला ठाकुर बाड़ी। इसके बाद दक्षिण जिले की एक
पवित्र गुफा है जिसमें एक शिवलिंग है जो इस गुफा को जगमाता है जहां कोई रोशनी नहीं पहुंच पाती है।
- राज्य में कुछ महत्वपूर्ण गुरुद्वारे और मस्जिदें भी हैं और उनमें से प्रमुख गंगटोक और रावनगला में हैं।