युगलकिशोर जी की आरती

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
DrMKVaish (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:52, 14 फ़रवरी 2011 का अवतरण ('<blockquote><span style="color: maroon"><poem> आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आरत्ती युगलकिशोर की कीजै राधे, तन मन धन न्यौछावर कीजै |

रवि शीश कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरी मनलोभा || आरती .....

गौश्याम मुख निरखत रीझै, प्रभुको स्वरुप नयन भर पीजै || आरती .....

कंचंनथाल कपुर की बाती, हरि आये निर्मल भई छाती || आरती .....

मोर मुकुट कर मुरली सौहै, नटवर वेष देख मन मौहै || आरती .....

औढया नील पीत पटसारी, कुंजबिहारी गिरवरधारी || आरती .....

श्रीपुरुषोतम गिरवरधारी, आरती करति सकल ब्रजनारी || आरती .....

नन्दनन्दन वृषभानु किशोर, परमानन्द स्वामी अवीचल जोरी || आरती.....


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ