एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

काचारी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
लक्ष्मी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:17, 13 अप्रैल 2011 का अवतरण ('*काचारी एक जनजाति है। विश्वास किया जाता है कि ब्रह्म...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • काचारी एक जनजाति है। विश्वास किया जाता है कि ब्रह्मपुत्र की घाटी में बसने वाली काचारी सबसे प्राचीन जाति है।
  • आसाम के आधुनिक काचार ज़िले का नामकरण इसी जनजाति के आधार पर हुआ है।
  • तेरहवीं शताब्दी में काचारी लोगों का राज्य ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट तक फैला हुआ था। उनके राज्य में अधिकांश आधुनिक नौगाँव ज़िला और काचार ज़िले का कुछ भाग सम्मिलित था। उनकी राजधानी गोलाघाट के आधुनिक नगर से पैंतालिस मील दक्षिण, धनश्री नदी के तट पर स्थित डीभापुर थी।
  • अहोम लोगों ने 1536 में काचारी राज्य को जीत लिया और काचारी लोग डीभापुर को छोड़कर भाग गये। डीभापुर नगर के अब खंडहर ही मिलते हैं।
  • काचारी के पराजित लोगों ने एक नये राज्य की स्थापना की और मैबोग को अपनी राजधानी बनाया। किन्तु इसके बाद भी अहोम राजाओं से उनकी बराबर लड़ाइयाँ होती ही रही। अहोम राजाओं का कहना था कि वे उनके आश्रित हैं।
  • अहोम अन्तिम राजा गोविन्द चन्द्र था, जिसे 1818 ई. में मणिपुर के राजा ने हरा दिया। 1821 ई. में ब्रिटिश साम्राज्य ने बर्मियों को निकाल बाहर किया और गोविन्द चन्द्र को पुन: उसकी गद्दी मिल गई। परन्तु 1830 ई. में एक मणिपुरी आक्रमणकारी ने उसकी हत्या कर दी। *गोविन्द चन्द्र के निसंतान होने के कारण 1832 ई. में उसका राज्य ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य में मिला लिया गया।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (पुस्तक 'भारतीय इतिहास कोश') पृष्ठ संख्या-86