हिमाचल प्रदेश का इतिहास

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
फ़ौज़िया ख़ान (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:17, 5 जून 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्य 25 जनवरी, [[1971]...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"

हिमाचल प्रदेश पूर्ण राज्य 25 जनवरी, 1971 को बना। अप्रैल 1948 में यहाँ की 27,000 वर्ग कि.मी. में फैली हुई लगभग 30 रियासतों को मिलाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। 1954 में ‘ग’ श्रेणी की रियासत तबलासपुर को इसमें मिलाने पर इसका क्षेत्रफल बढ़कर 28,241 वर्ग कि.मी. हो गया। सन 1966 में इस केन्द्रशासित प्रदेश में पंजाब के पहाड़ी भाग को मिलाकर इस राज्य का पुनर्गठन किया गया और इसका क्षेत्रफल बढ़कर 55,673 वर्ग कि.मी. हो गया। आज हिमाचल प्रदेश में न केवल पहाड़ी क्षेत्रों का विकास हुआ, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं में भी इस प्रदेश ने उल्लेखनीय विकास प्राप्त किया है।

हिमाचल प्रदेश में आर्यों का प्रभाव ऋग्वेद से भी पुराना है। आंग्ल-गोरखा युद्ध के बाद, यह ब्रिटिश शासन के अंतर्गत आ गया। सन 1857 तक यह पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के शासन के अधीन पंजाब राज्य का हिस्सा रहा। सन 1950 में इस राज्य को केन्द्र शासित प्रदेश बनाया गया, परन्तु 1971 में 'हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम-1971' के अन्तर्गत इसे 25 जून 1971 को भारत का अठारहवाँ राज्य बना दिया गया। हिमाचल प्रदेश में प्रतिव्यक्ति अनुमानित आय भारत के अन्य किसी भी राज्य की तुलना में ज़्यादा है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख