विशेष आलेख
- श्रावस्ती न केवल बौद्ध और जैन धर्मों का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था अपितु यह ब्राह्मण धर्म एवं वेद विद्या का भी एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।
- बुद्ध के जीवन काल में श्रावस्ती कोशल देश की राजधानी थी। एक बौद्ध ग्रन्थ के अनुसार वहाँ 57 हज़ार कुल रहते थे और कोसल-नरेशों की आमदनी सबसे ज़्यादा इसी नगर से हुआ करती थी।
- गौतम बुद्ध के समय में भारत के 6 बड़े नगरों में श्रावस्ती की गणना हुआ करती थी। ... और पढ़ें
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